17 साल की सामरा केसिनोविच और उसकी 15 साल की सहेली सबीना
ऑस्ट्रिया से ''सीरिया' में गई थी ! ''पवित्र लड़ाई'' में हिस्सा लेने के लिए
रवाना होने के लिए जब इन लड़कियों ने जब घर छोड़ा था, तो पैरंट्स के
लिए नोट छोड़ दिया था ! इसमें लिखा था की हमारी तलाश मत करना !
हम ''अल्लाह'' के लिए काम करेंगी और उसके लिए ''मर मिट'' जाएंगी।
लेकिन अब हालात अलग है दोनो लडकियो को कई हत्यारे सुन्नी आतंकियों ने मिलकर गर्भवती कर दिया.
और उन्हें पता भी नहीं उनके ''पेट में पल रहा'' जेहादी ''लड़ाका' किस हत्यारे जेहादी का ''खून' है !
किन्तु पैदा होने के बाद अपने को सच्चा मुस्लमान ही कहेगा.जैसे भारत में मुगलों की हरम से पैदा हुए हरामजादे दुर्घटनावश मुस्लमान है..किन्तु अपने को सच्चा मुस्लमान और इस देश का शासक कहते है..
अब दोनों ''हूरों'' ने अपने परिजनों से किसी तरह सम्पर्क किया है और
कहा की अब ''अल्लाह' से इनका मोह भंग हो गया घर आना चाहती हैं !
ऑस्ट्रिया के आंतरिक मामलों के मंत्री कार्ल हेंज ग्रंडबेक ने कहा है कि
लड़कियों ने यह फैसला लेने में देरी कर दी है, अब कुछ नहीं हो सकता ! .....
पढ़े इस लिंक में >>>http://www.facebook.com/ l.php?u=http%3A%2F%2Fnavbha
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ये तख्ती संघ ने नही लगाई है बल्कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने नेहरु के जमाने में भारत की सबसे प्राचीन मस्जिद के सामने लगाई है ...
मुस्लिम लोग इस मस्जिद का नामकरण "इस्लाम की शक्ति" किये ... और ये शक्ति सैकड़ो हिन्दू, जैन मन्दिरों को ध्वस्त करके मिली है ...
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कवि कलश कहते थे, ‘यदि काशी की कला जाती, तो मथुरामें मस्जिद होती । यदि शिवाजी न होते, तो सुन्नत सबकी होती ।’ अतः ऐसे धर्मांध आवाहनोंको समाप्त करने छत्रपति शिवाजी महाराज समान राजनेता मिलने हेतु ‘हिन्दू राष्ट्र’ ही चाहिए !
ऑस्ट्रिया से ''सीरिया' में गई थी ! ''पवित्र लड़ाई'' में हिस्सा लेने के लिए
रवाना होने के लिए जब इन लड़कियों ने जब घर छोड़ा था, तो पैरंट्स के
लिए नोट छोड़ दिया था ! इसमें लिखा था की हमारी तलाश मत करना !
हम ''अल्लाह'' के लिए काम करेंगी और उसके लिए ''मर मिट'' जाएंगी।
लेकिन अब हालात अलग है दोनो लडकियो को कई हत्यारे सुन्नी आतंकियों ने मिलकर गर्भवती कर दिया.
और उन्हें पता भी नहीं उनके ''पेट में पल रहा'' जेहादी ''लड़ाका' किस हत्यारे जेहादी का ''खून' है !
किन्तु पैदा होने के बाद अपने को सच्चा मुस्लमान ही कहेगा.जैसे भारत में मुगलों की हरम से पैदा हुए हरामजादे दुर्घटनावश मुस्लमान है..किन्तु अपने को सच्चा मुस्लमान और इस देश का शासक कहते है..
अब दोनों ''हूरों'' ने अपने परिजनों से किसी तरह सम्पर्क किया है और
कहा की अब ''अल्लाह' से इनका मोह भंग हो गया घर आना चाहती हैं !
ऑस्ट्रिया के आंतरिक मामलों के मंत्री कार्ल हेंज ग्रंडबेक ने कहा है कि
लड़कियों ने यह फैसला लेने में देरी कर दी है, अब कुछ नहीं हो सकता ! .....
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ये तख्ती संघ ने नही लगाई है बल्कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने नेहरु के जमाने में भारत की सबसे प्राचीन मस्जिद के सामने लगाई है ...
मुस्लिम लोग इस मस्जिद का नामकरण "इस्लाम की शक्ति" किये ... और ये शक्ति सैकड़ो हिन्दू, जैन मन्दिरों को ध्वस्त करके मिली है ...
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कवि कलश कहते थे, ‘यदि काशी की कला जाती, तो मथुरामें मस्जिद होती । यदि शिवाजी न होते, तो सुन्नत सबकी होती ।’ अतः ऐसे धर्मांध आवाहनोंको समाप्त करने छत्रपति शिवाजी महाराज समान राजनेता मिलने हेतु ‘हिन्दू राष्ट्र’ ही चाहिए !
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