Saturday, 3 October 2015

अहमदाबाद का रहने वाला रोनिल शाह जिसने महज 18 मिनट में कर दिया 3 घंटे का एग्जाम।
अहमदाबाद का रहने वाला रोनिल शाह जिसने महज 18 मिनट में कर दिया 3 घंटे का एग्जाम।
एजुकेशन डेस्क। कंप्यूटर और प्रोग्रामिंग की दुनिया की एक भाषा है, जावा। जावा का एक्सपर्ट या जावा डेवलपर बनने के लिए एक टेस्ट से गुजरना होता है। जिसका नाम है ‘जावा स्टैंडर्ड एडीशन-​6’। अंतरराष्ट्रीय लेवल के इस टेस्ट को पूरा करने में सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल और डेवलपर्स को करीब तीन घंटे लगते हैं। टेस्ट पास कर पाए या नहीं यह बात तो बाद में आती है। लेकिन अहमदाबाद के रोनिल ने पहले ही बार में इस टेस्ट को पास किया है। वो भी महज 18 मिनट में 100 फीसदी अंकों के साथ। पांचवीं क्लास का स्टूडेंट रोनिल 10 साल का है। खिलौनों से खेलने की उम्र में रोनिल सर्टिफाइड जावा प्रोग्रामर बन गया है।
जावा प्रोग्रामिंग लैंग्वेज हमारे रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाली कई एप्लीकेशन और सॉफ्टवेयर में इस्तेमाल होती है। जावा को ईजाद करने वाली कंपनी ऑरेकल इस इंटरनेशनल टेस्ट को आयोजित करती है। 22 सितंबर को यह टेस्ट आयोजित हुआ था और ये एग्जाम ऑनलाइन था तो रिजल्ट भी 30 मिनट बाद आ गया। बता दें कि रोनिल ने इस एग्जाम में 100 में से 100 मार्क्स हासिल किए हैं। जब रोनिल टेस्ट देने पहुंचा तो वहां मौजूद प्रोफशनल्स भी हैरान रह गए। कंप्यूटर और प्रोग्रामिंग से रोमिल का नाता तब से है जब वो चार साल का था। पहली क्लास पास करते ही रोनिल ने बेसिक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज ‘सी++’ और एनिमेशन में भी मास्टरी हासिल कर ली। जिस इंस्टीट्यूट में रोनिल कंप्यूटर सीख रहा है वहां प्रोफेशनल कोर्स कराए जाते हैं। रोनिल के मुताबिक -‘मुझे खिलौनों से नहीं कंप्यूटर से प्यार है। और इसी के बूते मैं इस एक्जाम को पास कर गया। वैसे लोग कहते हैं कि ये कठिन है, पर मुझे तो नहीं लगा।’10 साल का रोनिल रोबोटिक्स में भी अपनी दिलचस्पी दिखा रहा है।
10 साल का रोनिल रोबोटिक्स में भी अपनी दिलचस्पी दिखा रहा है।
अब रोबोटिक्स एग्जाम में हिस्सा लेने की तैयारी में जुटा रोमिल
इस एक्जाम के बारे में जानने के बाद रोनिल ने इसे पास करने की ठानी। स्कूल से छुट्टियां लीं और प्रैक्टिस शुरू कर दी। रोनिल ने बताया- ‘मैं सुबह 11:30 बजे अपने सेंटर पहुंच जाता और जावा टेस्ट को समझता और प्रैक्टिस करने लगता। शाम 6 बजे वापस घर लौटता। इस एचीवमेंट से मैं काफी खुश हूं। अब मेरा लक्ष्य एडवांस जावा, रोबोटिक्स, आईफोन और एंड्रॉयड के बारे में सीखना है।’ रोनिल के पिता बीरेन शाह के मुताबिक ‘शुरू से ही रोनिल की सोच और तार्किक क्षमता हमउम्र बच्चों के मुकाबले कहीं ज्यादा थी। वह खिलौनों के बजाए कंप्यूटर-लैपटॉप की ओर ज्यादा आकर्षित होता था। अब वह रोबोटिक्स में दिलचस्पी ले रहा है। अब वह अगले साल मुंबई में आयोजित होने वाले रोबोटिक्स एक्जाम में हिस्सा लेने की तैयारी कर रहा है।’

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