Bhupendra Singh, Vithal Vyas और 40 अन्य लोग के साथ
समुद्रमंथन के मंदराचल और समुद्र मे मिलना.. द्वारिका का...=
कहते हैं कि क्षीरसागर में ही समुद्र मंथन हुआ .. प्रकाशित एक खबर के अनुसार आर्कियोलॉजी और ओशनोलॉजी डिपार्टमेंट ने सूरत जिले के पिंजरात गांव के पास समुद्र में मंदराचल पर्वत होने का दावा किया ..आर्कियोलॉजिस्ट मितुल त्रिवेदी के अनुसार बिहार के भागलपुर के पास स्थित भी एक मंदराचल पर्वत है, जो गुजरात के समुद्र से निकले पर्वत का हिस्सा है..त्रिवेदी के अनुसार बिहार और गुजरात में मिले इन दोनों पर्वतों का निर्माण एक ही तरह के ग्रेनाइट पत्थर से हुआ है.. इस तरह ये दोनों पर्वत एक ही हैं.. जबकि आमतौर पर ग्रेनाइट पत्थर के पर्वत समुद्र में नहीं मिला करते.. खोजे गए पर्वत के बीचोबीच नाग आकृति भी है जिससे यह सिद्ध होता है कि यही पर्वत मंथन के दौरान इस्तेमाल किया गया होगा इसलिए गुजरात के समुद्र में मिला यह पर्वत शोध का विषय जरूर है.. गौरतलब है कि पिंजरात गांव के समुद्र में 1988 में किसी प्राचीन नगर के अवशेष भी मिले थे.. लोगों की यह मान्यता है कि वे अवशेष भगवान कृष्ण की नगरी द्वारका के हैं, वहीं शोधकर्ता डॉ. एसआर राव का कहना है कि वे और उनके सहयोगी 800 मीटर की गहराई तक अंदर गए थे.. इस पर्वत पर घिसाव के बहुत गहन निशान हैं.. जिससे ये स्पष्ट है की ये .. मंथन मे प्रयुक्त पर्वत मँदरचल ही है.. अन्यथा इस तरह के घिसाव-घर्षण आदि के निशान किसी पर्वत पे होना.. जिस तरह के इस पर्वत पे हैं.. संभव ही नही..
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