Thursday, 22 October 2015

जब से अमेरिका + इजराइल ने प्राचीन भारतीय विमानों के बारे में जानकार शोध करने प्रारम्भ किये और जबसे उसे अफगानिस्तान का एक प्राचीन विमान और मिस्र में एक मंदिर में चित्रित विमान, पनडुब्बिया व् हेलीकाप्टर मिले है तब से उसने भारत के कई संस्कृत के आचार्यो ब्राह्मणों को अपने यहाँ पर बुलाया है
पिछले 5 सालो में भारत से 200 के लगभग संस्कृत आचार्य व् ब्राह्मण अमेरिका जा चुके है
उनमे से कई रहस्यमय ढंग से गायब भी हो चुके है
अमेरिका के हाथ ऋषि कणाद की परमाणु थ्योरी, ऋषि भरद्वाज की विमनिका शास्त्र और महाभारत की विमान तकनीक लगने के बाद से ही पश्चिम के वैज्ञानिक इतना विकास और अविष्कार कर पाए थे
अफगानिस्तान में विमान मिलने के बाद दुनिया के बड़े नेताओं की एक मीटिंग भी हुई थी अमेरिका ने अफगानिस्तान में कुछ और साल रहने का विचार किया है
अभी पुरे अफगानिस्तान को खोजने में वे विफल रहे है क्यूंकि अफगानिस्तान जो एक समय अफगान क्षत्रियो का क्षेत्र था, वहां बड़े बड़े रहस्य आज भी उस भूमि के अन्दर समाये हुए है
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अमेरिका के B2 बमवर्षक विमान महाभारत की ही देन है

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