Monday, 26 October 2015

I Support Giriraj Singh ने 2 नई फ़ोटो जोड़ी.
इसे पढकर जानिये क्या है छोटा राजन और दाउद इब्राहिम के बीच की HiSTORY -
दाउद इब्राहिम का सारा साम्रज्य खड़ा करने के पीछे जिस व्यक्ति का दिमाग और मैनेजमेंट का कमाल था वो था छोटा राजन ,दाउद भी उस पर काफी भरोसा करता था .....ड़ी कम्पनी को बनाने और ताकतवर बनाने में छोटा राजन ने अपनी सारी उर्जा लगा दी थी और दाउद के बाद वो नम्बर 2 कहलाया जाने लगा था ,इसलिए गैंग के बाकी सदस्य शरद शेट्टी ,छोटा शकील आदि उससे जलते थे और उसके खिलाफ दाउद के कान भरते रहते थे की भाई छोटा राजन के पर कतरों वरना वो एक दिन आपको भी पीछे छोड़ देगा ,वो आपसे भी ज्यादा ताकतवर होता जा रहा है आदि आदि
जब पाकिस्तान की एजेंसी ISI ने दुबई में हिन्दुस्तान से भागे हुए सभी मुसलमान माफिया Dons को बम्बई में बम-धमाके करने के लिए एक मंच पे आमंत्रित किया था और अनेक बैठकें बुलाई थी तब दाउद इब्राहिम और गैंग के अन्य सदस्यों द्वारा छोटा राजन को उन बैठकों में जानबुझकर शामिल नहीं किया गया जिससे छोटा राजन हैरान था की ऐसा क्यों है और ये कौन लोग हैं जिनके साथ भाई आजकल घंटो-२ बैठकों में व्यस्त रहता है
जब उसने मालुम करने की कोशिश की तो छोटा शकील ने राजन के आदमियों को झिड़क कर ये कहते हुए भगा दिया था की उससे कहो की वो अपने काम से काम रखे ,ये बैठक सिर्फ मुसलमानों के लिए हैं ,किसी काफिर को इनमें शामिल नहीं किया जा सकता .....ये काफिर वाला तर्क छोटा राजन को बहुत चुभा और रही-सही कसर तब पूरी हो गयी जब मुंबई में बम-धमाके हुए और छोटा राजन को तब उन बैठकों की असलियत पता चली और उसे बेहद दुःख पहुंचा की दाउद इब्राहिम ने हिन्दुस्तान का होते हुए भी पाकिस्तान के साथ मिलकर इन धमाकों को हिन्दुस्तान में सिर्फ मुस्लिम होने के कारण मुमकिन करवाया और फिर राजन ने विरोध में कम्पनी के सभी कामों से अपने हाथ खींच लिए
और जब एक रात उसे सूचना मिली की दाउद गैंग अब उससे छुटकारा पाने की सोच रहा है और छोटा शकील उसे मरवाने वाला है तो वह दुबई से उनका साथ छोडकर भाग निकला और फिर कुछ छोटे देशों जैसे थाईलैंड,मलेशिया आदि में बस गया और अपना खुद का गैंग खड़ा करना शुरू किया
मुंबई में हुए बम-धमाकों का जो जबर्दस्त रिएक्शन हुआ उससे एक बार तो दाउद भी हिल गया ,उसे इतने कड़े रिस्पोंस की उम्मीद नहीं थी ,सब मीडिया में उसे देश का गद्दार और देशद्रोही कहा जाने लगा ,उसके अपने गैंग में शामिल बहुत से हिन्दुओं ने उसे धिक्कारते हुए गैंग छोड़ दी ......रोज-२ की मिल रही लानतों से तंग आकर उसने कोशिश की खुद का हाथ इसमें से हटाने की और सारा दोष मेमन परिवार पर डालने की असली हाथ मेरा नहीं इनका है मैंने तो बस छोटी सी मदद उपलब्ध करवाई थी लेकिन उसके खिलाफ माहौल इतना अधिक गुस्से में था की उसकी अपना चेहरा बचाने की ये कोशिश नाकाम साबित हुई
छोटा राजन द्वारा बिना बताये अचानक दुबई छोडकर जाने की खबर दाउद इब्राहिम और कम्पनी को लगी तो उनके होश उड़ गये ,वो जानते था की बिना भारतीय एजेंसियों RAW,IB आदि की मदद के छोटा राजन दुबई छोडकर नहीं जा सकता था क्योंकि उसका पासपोर्ट दाउद ने अपने पास रखा हुआ था ,अब उन्हें दुबई के अपने ठिकानों पर खतरा मंडराता नजर आया क्योंकि छोटा राजन उनके दुबई तथा भारत में भी फैले सारे नेटवर्क के बारे में अच्छे से जानता था और उसकी बदौलत भारतीय एजेंसियां बड़ी आसानी से दाउद एंड कम्पनी तक पहुँच सकती थी ,इसलिए दाउद ने दुबई से अपना बोरिया बिस्तर बांधकर पाकिस्तान में जाने का निश्चय किया ,पाकिस्तान ने बिना किसी क़ानूनी या अन्य भय के हर प्रकार की मदद और इन्तेजाम का भरोसा दिया और इस तरह उसने अपना साम्राज्य और ठिकाना दुबई से पाकिस्तान के कराची में शिफ्ट कर दिया
उसके बाद मुंबई में शुरू हुई दाउद इब्राहिम और छोटा राजन के गैंग्स के बीच में प्रसिद्ध गैंगवार जिसमें दोनों ने एक दुसरे के कई आदमियों और गुर्गों को मरवाया
हमारे देश में मुंबई में धमाके हजारों निर्दोष लोगों को मारने वाले कमीनों को जिन्हें हमारा कानून ना तो पकड़ पाया और ना ही सजा दे पाया उनमें से बहुतों को छोटा राजन ने मरवाया और देश का बदला लिए ,इसलिए दाउद ने छोटा राजन पर भी कई बार जानलेवा हमले करवाए
जनवरी 2005 में जब इस खबर का पता लगा की दुबई में दाउद इब्राहिम की बेटी और पाकिस्तानी क्रिकेटर जावेद मियाँदाद के बेटे की आपस में शादी होने वाली है तब भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के एक अधिकारी ने निश्चय किया इस मौके पर हिन्दुस्तान के दुश्मन दाउद इब्राहिम को वहीँ पर खत्म करने का ,उस भारतीय अधिकारी और छोटा राजन के बीच बातचीत हुई ,छोटा राजन ने अपने दो ख़ास और माहिर शूटर भेजे इस ऐतिहासिक कार्य के लिए और उस भारतीय सुरक्षा अधिकारी ने पूरा प्लान तैयार किया ,जानते हैं उस अफसर का नाम क्या था ?? वो अफसर था वर्तमान में मोदी जी द्वारा देश की सुरक्षा एजेंसियों का प्रमुख बनाये जाने वाले सर अजित डोवाल
अजित डोवाल ने सारी प्लानिंग कर ली थी दाउद को खत्म करने की किन्तु आखिरी समय में दाउद को इसकी भनक लग गयी और उसने महाराष्ट्र की उस समय की सत्ता में बैठी कोंग्रेस सरकार में मौजूद अपने परिचित नेताओं से सम्पर्क किया और उन्हें इसकी जानकारी दी और तुरंत महाराष्ट्र सरकार की तरफ से कुछ पुलिस अधिकारी उस जगह पहुंचें जहाँ छोटा राजन के वे शूटर सुरक्षा एजेंसियों और अजित डोवाल के संरक्ष्ण में पूरी प्लानिंग कर रहे थे और उन दोनों को ये कहके हिरासत में ले लिए की ये दोनों अपराधी हैं और अपराधी को अपराधी के खिलाफ नहीं लगाया जा सकता और ना ही उन पर भरोसा किया जा सकता है
कितने दुःख की बात है की जिस प्रकार से पाकिस्तान खुलकर हमारे देश के दुश्मन दाउद इब्राहिम की खुल के हर प्रकार की मदद करता है वैसी खुल के मदद हमने देश के प्रति अपना प्रेम और वफादारी होने के कारण दाउद से पंगा लेकर अपनी जान खतरे में डालने वाले गैंग्स्टर छोटा राजन को कभी नहीं की frown इमोटिकॉन

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