1) अमेरिका सिर्फ दो तरह के लोगों को VIP मानते हैं "वैज्ञानिक और शिक्षक"
2) फ्रांस के न्यायालय में सिर्फ "शिक्षकों" को ही कुर्सी पर बैठने का अधिकार है |
3) जापान में पुलिस "सरकार से अनुमति" लेने के बाद ही किसी "शिक्षक" को गिरफ्तार कर सकती है |
4) कोरिया में हर "शिक्षक" को वे सारे अधिकार प्राप्त हैं, जो भारत के मंत्री को प्राप्त हैं, सिर्फ अपना पहचान पत्र दिखा कर |
5) अमेरिकन तथा यूरोपीय देशों में "प्राथमिक अध्यापक" को सर्वाधिक वेतन मिलता है, क्योंकि कच्ची मिट्टी को वे ही "पक्का" करते हैं |
और भारत में शिक्षक यदि अपने वेतन के लिए या छात्रों की उन्नति के लिए किसी गलत नियम के विरुद्ध कोई आवाज़ उठाये या आंदोलन करे तो भारतीय पुलिस उन्हें "डंडे" मारती है |
जहाँ "शिक्षकों" का अपमान होता रहेगा, वहाँ सिर्फ चोर, डाकू, लुटेरे, भ्रष्टाचारी लोग ही पनपते है | लेकिन एक बात और है हमारे यहाँ के सरकारी शिक्षक लगभग सभी अनपढ़ है |
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