Thursday, 8 October 2015

 
जब मीडिया बिका हुआ और राजदीप-रवीश टाईप "हिन्दू विरोधी" हो तो आपको मोदी के अमेरिका दौरे के समय गुजरात दंगों का विरोध करते लोग दिखाई दे जाएँगे, लेकिन वेटिकन द्वारा गोवा में किए गए नरसंहारों का विरोध करते हुए ये पोस्टर नहीं दिखाई देंगे...
संक्षिप्त इतिहास :- 1560 से 1812 तक अर्थात लगभग 250 वर्ष से अधिक समय तक गोवा में कोई भी स्त्री-पुरुष-बच्चा किसी भी प्रकार की हिन्दू प्रार्थना नहीं गा सकता था, किसी भी घर में कोई मूर्ति नहीं रखी जा सकती थी. इस कालखंड में वेटिकन द्वारा "संत"(??) की 
पदवी से विभूषित "Francis Xavier" ने सर्वाधिक कहर बरपाया, लगभग 17,000 हिंदुओं की हत्या हुई. 1567 से 1583 के बीच लगभग 300 मंदिरों को ध्वस्त किया गया तथा 15 वर्ष से अधिक आयु वाले सभी पुरुषों को प्रतिदिन प्रातः ईसाई प्रार्थनाएँ सुनना अनिवार्य कर दिया गया था. 1620 में सभी हिंदुओं को विवाह संस्कार घर में ही करने तथा 1684 तक कोंकणी भाषा के स्थान पर पुर्तगाली भाषा बोलने का क़ानून लागू कर दिया गया.
‪#‎विट्ठलदासव्यास‬
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चूँकि अधिकाँश मूर्ख हिंदुओं को इतिहास की जानकारी नहीं होती और जिन्हें होती है उन्हें भूलने की गंदी आदत होती है... ऐसे में जब सेकुलरों की छाती पर चढ़कर गोवा में ही "सनातन" जैसी संस्था हिंदुओं को जागृत करने का प्रयास करे तो ज़ाहिर है कि खबरंडियों के पेटदर्द और कथित प्रगतिशील बुद्धिजीवियों को migrain होना स्वाभाविक है.



यहाँ साला मेरे घर में ढंग का 2G नेटवर्क नहीं आता
और वहां तालिबान और isi वाले गुफाओं में बैठकर YouTube पे वीडियो अपलोड कर रहे हैं...😝😝

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