Sunday, 6 December 2015

अरून शुक्ला
चेन्नई से रुबिना खान का rss के बारे मे लिखा गया लेख-
मेने देखा कुछ खाकी चड्डीधारी लोग चेन्नई शहर के बाढ पिडीत ईलाको मे घुम रहे हैं,ओर ये देख कर मै बहुत घबरा गई,मुझे यह समझ नही आ रहा था कि इस वक्त मुझे ज्यादा खतरा किससे है शहर मे आई इस भीषण बाढ से या इन rss वालो से जिनकी तुलना isis के आतंकवादीयो से कि जाती रही है
मैने खाकी चड्डी वाले इन आतंकियो को पहले कभी देखा नहि था मगर मिडिया मे इन। गुंडो के बारे
बहुत कुछ सुना ओर पढा था,कागेृस कहती है की ये लोग isis की तरह के आतंकी है व लोगो को मारते है,वो बोम्ब ब्लास्ट कराते रहते है और इनके कारण आजकल असहिष्णुता बढ गई है
मैने घबरा कर अपनी आंखे बन्द कि और सोचने लगी इन लोगो के हाथो मारे जाने से अच्छा है मे बाढ मे डुब के मर जाउं,मेने मौत का आसान रास्ता चुना ओर छत से बाढ के पानी मे कुद गई
जिस क्षण मेने अपने आप को पानी के हवाले किया,उन आताताइयो की नजर मुझ पर पड गई और वो सब के सब मेरी ओर दौड पडे,उन्होने मुझे किसी तरह से पानी से बाहर निकाल लिया तथा मुझे और मेरे साथ कुछ ओर लोगो को एसे ईलाके मे ले गए जो बाढ पृभावित नही था पर खाकि चड्डिधारियो से भरा पडा था,
मगर अचानक जो हुआ उसने मुझे सोचने पर मजबुर कर दिया उन्होने हमे खाना दिया और सुरक्षित शरण का अहसास कराया वो जरुरतमन्दो को दवाईया भी दे रहे थे,और इस सब के बिच मे सोच रही थी क्या आतंकि एसे होते है या फिर कांगृेस एवं शाहरुख खान और आमिर खान जैसे लोग इनकी और देश कि छवि बिगाडने पर तुले हैं
क्या ये लोग असहिष्णु है जिन्होने मेरा धरम पुछे बिना मेरी जान बचाई मेरी इतनी मदद की
तब मैने ये तलाश शुरु कि के जब मै इन लोगो से डरी घबराई बाढ से लड रही थी तब आमिर खान जी मेरे लिए क्या कर रहे थे और मुझे पता चला कि वो इस वक्त विदेश मे कहीं छुट्टियां बिताने गए हैं,फिर मैने फिल्म चेन्नई एक्सपे्स से करोडो की कमाई करने वाले किंग खान शाहरुख जी कि तलाश कि और पाया की वो लंदन मे अपनी आगामि फिल्म के पृमोशन मे व्यस्त हैं,मुझे ओर ज्यादा अचम्भा तब हुआ जब मुझे पता चला कि आज लोकसभा मे कांगेृस ने चेन्नई मे मर रहे लोगो के बारे मे बहस कि बजाय असहिष्णुता पर बहस का पक्ष लिया
वही दुसरी ओर ये rss के किथत गुंडे बाढ से लोगो कि जान बचा रहे हे और कथित असहिष्णु लोग अपना काम काज छोड कर सडको पर एवं सोशल मिडिया पर हम लोगो के लिए सहायता व हेल्पलाइन नम्बर पोस्ट कर रहै हें भारतीय सेना यहां जि जान से राहत कामो मे जुटी है.
मै अचरज मे हु कि वास्तव मे आतंकि किसे कहा जाना चाहीए,कोन लोग असहिष्णु हैं व कौन लोग देश को तोडने का काम कर रहे हैं

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