13 साल की आयु में बना दी गयी मां, अब तक 38 बच्चे पैदा कराए गये...
इसी पीड़ा के खिलाफ ही निकली है भारत_बचाओ_यात्रा
राष्ट्र निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष तथा सुदर्शन टीवी के चेयरमैन श्री सुरेश चव्हाणके जी के नेतृत्व में "हम दो हमारे दो तो सबके दो" के मिशन के साथ शुरू हुई भारत बचाओ यात्रा अब अपने अंतिम चरण में पहुँच चुकी है. 18 फरवरी को हिंदुस्तान के मुकुट जम्मू की धरती से शुरू हुई 20 हजार किलोमीटर की 70 दिवसीय भारत बचाओ यात्रा कन्याकुमारी होते हुए 22 अप्रैल को दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में अपना आख़िरी पड़ाव पूरा करेगी. भारत बचाओ यात्रा का उद्देश्य बढ़ती हुई जनसंख्या को रोकना है ताकि देश प्रगति के पथ पर आगे बढ़ सके तथा देश में संसाधनों की कोई कमी न हो व् राष्ट्र की मूल संस्कृति बची रही.आज के प्रगतिशाली युग में भी ऐसी विकृत मानसिकता के लोग मौजूद हैं जो महिलाओं को उपभोग की वास्तु समझते हैं, बच्चा पैदा करने की मशीन समझते हैं. महिलाओं के साथ हो रहे इन अत्याचारों को रोकने के लिए ही भारत बचाओ यात्रा निकाली जा रही है. आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी मात्र 12 वर12 वर्ष की आयु में शादी कर दी गयी थी तथा आज उसके 38 बच्चे हैं. दुनिया में किसी भी औरत के लिए मां बनना सबसे बड़ा सुख माना गया है. बेशक मां बनने का एहसास किसी भी महिला के लिए सबसे खास होता है, लेकिन औरत की यही खूबी अगर उसकी मजबूरी बन जाए, उसको केवल बच्चे पैदा करने की मशीन समझा जाये तथा जबरन बच्चे पैदकराए जाएँ तब फिर लगता है कि ,महिलाओं पर हो रहे इन अत्याचारों के खिलाफ उठ खड़े होने की जरूरत है.
युगांडा के मुकोनो जिले के कबिम्बिरी गांव की रहने वाली मरियम नबातांजी की शादी मात्र 12 वर्ष की आयु में ही कर दी गयी थी तथा 13 वर्ष की आयु में मरियम ने 1 पहले बच्चे को जन दिया था. इसके बाद मरियम की ससुराल में मरियम को बच्चे पैदा की मशीन समझा गया तथा आज जहाँ मरियम की आयु 37 वर्ष हैं वहीं उनके 38 बच्चे हैं. इस सीमित आयु में इतने बच्चे पैदा करने में मरियम को असहनीय पीड़ा झेलनी पड़ी और मरियम ने अब तक 6 बार जुड़वां, 4 बार तिड़वां और 3 बार चुड़वा तथा 2 बार 1-1 बच्चे को जन्म दिया है. आपको बता दें कि युगांडा में मुस्लिम आबादी दुसरे नम्बर पर है. मरियम की पीड़ा को ज़रा एक बार महसूस करके तो देखिये कि किस तरह एक महिला को सिर्फ बच्चे पैदा करने के कम में लगाया गया था उनकी जिन्दगी को तबाह किया गया. हिन्दुस्तान में बहुत सी ऐसी जगह हैं जहाँ महिलाओं पर इसी तरह जुल होते हैं तथा उन्हें घर की चारदीवारी में कैदा करके रखा जता है तथा उन्हें भी मरियम की तरह प्रताड़ित किया जाता है.
राष्ट्र निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष तथा सुदर्शन टीवी के चेयरमैन श्री सुरेश चव्हाणके जी के नेतृत्व में "हम दो हमारे दो तो सबके दो" के मिशन के साथ शुरू हुई भारत बचाओ यात्रा अब अपने अंतिम चरण में पहुँच चुकी है. 18 फरवरी को हिंदुस्तान के मुकुट जम्मू की धरती से शुरू हुई 20 हजार किलोमीटर की 70 दिवसीय भारत बचाओ यात्रा कन्याकुमारी होते हुए 22 अप्रैल को दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में अपना आख़िरी पड़ाव पूरा करेगी. भारत बचाओ यात्रा का उद्देश्य बढ़ती हुई जनसंख्या को रोकना है ताकि देश प्रगति के पथ पर आगे बढ़ सके तथा देश में संसाधनों की कोई कमी न हो व् राष्ट्र की मूल संस्कृति बची रही.आज के प्रगतिशाली युग में भी ऐसी विकृत मानसिकता के लोग मौजूद हैं जो महिलाओं को उपभोग की वास्तु समझते हैं, बच्चा पैदा करने की मशीन समझते हैं. महिलाओं के साथ हो रहे इन अत्याचारों को रोकने के लिए ही भारत बचाओ यात्रा निकाली जा रही है. आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी मात्र 12 वर12 वर्ष की आयु में शादी कर दी गयी थी तथा आज उसके 38 बच्चे हैं. दुनिया में किसी भी औरत के लिए मां बनना सबसे बड़ा सुख माना गया है. बेशक मां बनने का एहसास किसी भी महिला के लिए सबसे खास होता है, लेकिन औरत की यही खूबी अगर उसकी मजबूरी बन जाए, उसको केवल बच्चे पैदा करने की मशीन समझा जाये तथा जबरन बच्चे पैदकराए जाएँ तब फिर लगता है कि ,महिलाओं पर हो रहे इन अत्याचारों के खिलाफ उठ खड़े होने की जरूरत है.
युगांडा के मुकोनो जिले के कबिम्बिरी गांव की रहने वाली मरियम नबातांजी की शादी मात्र 12 वर्ष की आयु में ही कर दी गयी थी तथा 13 वर्ष की आयु में मरियम ने 1 पहले बच्चे को जन दिया था. इसके बाद मरियम की ससुराल में मरियम को बच्चे पैदा की मशीन समझा गया तथा आज जहाँ मरियम की आयु 37 वर्ष हैं वहीं उनके 38 बच्चे हैं. इस सीमित आयु में इतने बच्चे पैदा करने में मरियम को असहनीय पीड़ा झेलनी पड़ी और मरियम ने अब तक 6 बार जुड़वां, 4 बार तिड़वां और 3 बार चुड़वा तथा 2 बार 1-1 बच्चे को जन्म दिया है. आपको बता दें कि युगांडा में मुस्लिम आबादी दुसरे नम्बर पर है. मरियम की पीड़ा को ज़रा एक बार महसूस करके तो देखिये कि किस तरह एक महिला को सिर्फ बच्चे पैदा करने के कम में लगाया गया था उनकी जिन्दगी को तबाह किया गया. हिन्दुस्तान में बहुत सी ऐसी जगह हैं जहाँ महिलाओं पर इसी तरह जुल होते हैं तथा उन्हें घर की चारदीवारी में कैदा करके रखा जता है तथा उन्हें भी मरियम की तरह प्रताड़ित किया जाता है.
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