Monday, 30 April 2018

ब्रेकिंग इंडिया ब्रिगेड का षड़यंत्र 

जैसा कि मैने अपने पहले के कुछ लेखों में अमेरिकन एवेलेंजलिस्ट के बारे में आपको बताया था , आपको मेने यह भी बताया था कि कैसे atrocities literature तैयार हुए जैसा अमेरिका में अश्वेतों - श्वेत के द्वन्दों में उसी के बेसिस पर सब कुछ किया गया । खैर मैं उसके विस्तार में कभी चर्चा करूँगा । इस समय जो उनके 4 प्रमुख प्रोजेक्ट्स चल रहे है , उन पर चर्चा करना चाहता हु ।

(1) एफ्रो दलिट्स प्रोजेक्ट means सारे भारत के दलिट्स और अफ्रीका के अश्वेत सभी एक ही है । उन पर अत्याचार एक जैसे हुए । दलिट्स लिटरेचर का लेखन उस बेसिस पर हो रहा है । अच्छा उसके अंदर भी कई प्रोजेक्ट्स है जैसे 8% native tribe casts वाला । शेष गैर दलिट्स immigrants है । और इसके पहले उन्होंने कई शोशल एक्सपेरिमेंटस भी किये , दास , दस्यु आदि फ़र्ज़ी माइथोलोजी और रावण , महीखासुर नायक वगेरह ।

(2) दूसरा प्रोजेक्ट्स अभी चल रहा ओबीसी साहित्य - विमर्श वाला जो बहुजन चिंतन के नाम से चल रहा है । जेनयू के वामपंथियो और क्रिश्चियन गठजोड़ का अद्वितीय नमूना देखने को मिला जब जेनयू से प्रकाशित पत्रिका यादव शक्ति में यादवो का पूर्वज महीखासुर प्रचारित किया गया , बाद में उसे दलित कहा गोंड दलिट्स अंत मे बहुजन नायक नाम से पत्रिका निकली । उसके बाद मौर्य योद्धा रावण बहुजन नायक नाम से पत्रिका निकली । जो जान दयाल , शेल्डन पोलाक , आयवन कोस्का , दिलीप मंडल , स्वप्न विश्वास , अभी ओबीसी साहित्य के लेखन में और रिसर्च चल रहा है । उच्च विश्वविद्यालयो के शोशल स्टडीज और मानविकी जैसे विषयों में ऐसे शोध कराए गए । साथ ही कोलराडो , शिकागो , पेंसिल्वेनिया , यूनिवर्सिटी के कथित बुद्धिजीवी भी इस मिशन में अहर्निश लगे है , इतना आप लोग भी जानते होंगे । फुले , पेरियार , लोहिया , अम्बेडकर , नारायण गुरु , मंडल करके नया राजनैतिक दृष्टिकोण उत्तर भारत मे लांच करने की योजना है जो सपा , बसपा , जेडीयू , राजेडी आदि को रिप्लेस मेन्ट में होगी ।

(3) तीसरा मूवमेंट जो है वो आप लोगो ने देखा है कर्नाटका में वोककलिंगा , लिंगायत वाला मुद्दा । कैसे एक जमाज को ethnic groups में तोड़ा जाय , आप लोग क्या सीधा सीधा अन्याय नही दिखता ?? उदाहरण के रूप में कोलकाता में रामकृष्ण मिशन , जिसकी स्थापना वेदांत प्रचारक विवेकानन्द ने की । और विवेकानन्द जीवन पर्यंत दुनिया मे हिन्दू संस्कृति और धर्म के प्रचारक के रूप काम करते है उसके बाद आज क्यो राम कृष्ण मिशन कोर्ट में यह एफिडेवि देती है कि हमारी संस्था हिन्दू नही है हम हिन्दू नही । इसका मतलब साफ है कि एक हिन्दू संस्था के रूप में राम कृष्ण मिशन कमजोर हो चुकी है । मेने सुना है कि गुजरात मे भी कई ऐसे सम्प्रदाय existence में आये जो यह मांग कर रहे है कि हम हिन्दू नही है ।

(4) और जो एक 4 था मूवमेंट है उसमें मर्क्सिसम - लेनिनिस्म के नाम से प्रयोग करने की बात की जा रही है , जैसा कि आप लोग जानते है कि पूरी दुनिया मे मर्क्सिसम - लेनिनिस्म फेल हुआ , चीन , रूस , जर्मनी सभी पूंजीवाद की ओर दशको पहले बढ़े । उसी मर्क्सिसम को नए सिरे से जीवित करने के प्रयास है , कुल मिलाकर खेत की जुताई करना है बस । उसमे अम्बेडकर और मार्क्स - लेनिन को एक नए concept की तरह परिभाषित किया जाएगा । इसमे जो खास बात कही जा रही है वो ये कि अम्बेडकर साहब मार्क्सिस्ट थे और देश मे मर्क्सिसम इस फेल हुआ कि उसमें मनुवादी ब्राह्मणों का प्रवेश हो गया जिन्होंने मनुवाद फैलाना शुरू किया , वगेरह वगेरह । जबकि सच ये रहा कि आज आपको जो भी हिन्दू विरोधी साहित्य कही भी दिखते है उसके रचयिता अंग्रेजो के बाद कथित ब्राह्मण मार्क्सिस्ट है । दलिट्स साहित्य और लेखन तो अभी महज 3 से 4 दशक ही पुराना है । आप सभी साहित्य को अपने सामने रखेंगे तो आपको मिशनरी साहित्य , वामपंथी साहित्य , दलिट्स लिटरेचर में 90% तक समानता दिखेगी । खैर ये तो बहोत कम चीजे जो हमने आपको बताई ज्यादा जानकारी के लिए राजीव मल्होत्रा जी की ब्रेकिंग इंडिया और इंद्रा नेट पढ़े । साथ ही साथ आप उन साहित्य को भी पढ़े ।

#अहम इन्द्रो न पराजिग्ये

No comments:

Post a Comment