Tuesday, 17 April 2018

अफ़ग़ानिस्तान स्थित हिन्दूकुश पर्वत से हिन्द महासागर तक की भूमि को "हिन्दुओं का स्थान" अर्थात "हिन्दुस्तान" कहा गया है । "हिन्दू" शब्द भारतीय विद्वानों के अनुसार 5000 वर्ष से भी पुराना है। प्रमाण देखिये :-
1) इस्लाम के पिगअम्बर के जन्म से भी 1700 वर्ष पुर्व 'लबि बिन अख्ताब बिन तुर्फा' नाम के एक कवि अरब में पैदा हुए। उन्होंने अपने एक ग्रन्थ में लिखा है :-
"अया मुबार्केल अरज यू शैये नोहा मिलन हिन्दे। 
व अरादाक्ल्लाह मन्योंज्जेल जिकर्तुं॥
अर्थात : हे हिंद कि पुन्य भूमि ! तू धन्य है,क्योंकि ईश्वर ने अपने ज्ञान के लिए तुझे चुना है।
2) शब्द कल्पद्रुम : जो कि लगभग दूसरी शताब्दी में रचित है, में मन्त्र-
"हीनं दुष्यति इतिहिंदू जाती विशेष:"
अर्थात हीन कर्म का त्याग करने वाले को हिंदू कहते है।
3) इसी प्रकार "अदभुत कोष" में मन्त्र है :-
"हिंदू: हिन्दुश्च प्रसिद्धौ दुशतानाम च विघर्षने"।
अर्थात हिंदू और हिंदु दोनों शब्द दुष्टों को नष्ट करने वाले अर्थ में प्रसिद्द है।
4) वृद्ध स्म्रति (छठी शताब्दी) में मन्त्र :-
"हिंसया दूयते यश्च सदाचरण तत्पर:।
वेद्... हिंदु मुख शब्द भाक्। "
अर्थात जो सदाचारी वैदिक मार्ग पर चलने वाला, हिंसा से दुख मानने वाला है, वह हिंदु है।
5) ब्रहस्पति आगम (समय ज्ञात नही) में श्लोक है :-
"हिमालय समारभ्य यवाद इंदु सरोवं।
तं देव निर्वितं देशम हिंदुस्थानम प्रच्क्षेत ।
अर्थात हिमालय पर्वत से लेकर इंदु(हिंद) महासागर तक देव पुरुषों द्बारा निर्मित इस क्षेत्र को हिन्दुस्थान कहते है।
6) पारसी समाज के एक अत्यन्त प्राचीन अवेस्ता ग्रन्थ में लिखा है कि,
"अक्नुम बिरह्मने व्यास नाम आज हिंद, आमद बस दाना कि काल चुना नस्त"।
अर्थात ;: व्यास नामक एक ब्राह्मण हिंद से आया जिसके बराबर कोई बुध्दिमान नही था।
7) उरूल उकुल काव्य संग्रह के पृष्ठ 235 पर उमर बिन हश्शाम लिखते है,
"व सहबी के याम फिम कामिल हिन्दे,
मौमन यकुलून न लाजह जन फइन्नक तवज्जरू" !
अर्थात- हे प्रभो,मेरा संपुर्ण जीवन आप ले लो परंतु,एकही दिन क्यों न हो मुझे हिन्दुस्थान में अधिवास मिलने दो। क्योकि,वहां पहुंचकर ही मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ती हो सकती है।
8) 10 वीं शताब्दी के महाकवि वेन ..... अटल नगर अजमेर, अटल हिंदव अस्थानं ।
महाकवि चन्द्र बरदाई :-
जब हिंदू दल जोर छुए छूती मेरे धार भ्रम ।
ऐसे हजारो तथ्य चीख-चीख कर कहते है की हिंदू शब्द हजारों-हजारों वर्ष पुराना है। इन हजारों तथ्यों के अलावा भी लाखों तथ्य इस्लाम के लूटेरों ने तक्षशिला व नालंदा जैसे विश्वविद्यालयों को नष्ट करके समाप्त कर दिए है।
ऐसे मे जिसका जन्मस्थान हिन्दुस्तान है, वही अपनी मातृभूमि की जय बोलेगा न की गज़नी-बाबर-तैमूर-टीपू के बलात्कार से पैदा हुए नाजायज औलादें !!

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