कठुआ कांड. शिक्षित समाज पर प्रश्न चिन्ह
.● कोर्ट के निर्देश कुचल कर मीडिया ने पीड़िता का नाम और फोटो सार्वजनिक किया..● प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और एडिटर्स गिल्ड खामोश..● मीडिया ने पीड़िता को मुस्लिम और आरोपियों को हिन्दू करार दिया..● कश्मीर पुलिस को गठित SIT टीम में एक भी गैर मुस्लिम नहीं...● घटना जम्मू रीजन की और आरोपियों से तफ्तीश श्रीनगर में.● टीम ने बिना फॉरेंसिक टेस्ट के ही चार्जशीट दाखिल कर दिया..● पुलिस की चार्जशीट कोर्ट ट्रायल से अभी गुजरी नहीं है बावजूद मीडिया और सफेदपोश गिरोह मुखर..● उन्नाव कांड में पीड़िता के"हेबिचयूल ऑफेंडर" होने की बात सामने आई। एक फौजी की पत्नी का बयान..● उन्नाव पीड़िता का नार्को टेस्ट से असहमति..● कठुआ कांड में मुखर सफेदपोश और मीडिया गिरोह सासाराम कांड पर आपराधिक तौर से खामोश है..● "गैरकानूनी रोहिंग्या बनाम भारत" मुद्दे को "हिन्दू बनाम मुस्लमान" करने की गहरी चाल..● जम्मू में "गैरकानूनी रोहिंग्यो" के खिलाफ जारी आंदोलन पर मीडिया ओर सफेदपोश समाज खामोश..● उन्नाव पीड़िता पर अधीर न्यायालय रोहिंग्यो पर इत्मीनान से।● राहुल गांधी के केंडल मार्च में से भी बिहार की बिटिया नदारद।
आसिफा कहानी की सच्चाई ---
जेहादियों, आतंकवादियों व अलगाववादियों पर मोदी सरकार के क्रैकडाउन से स्वयं महबूबा ही घुंट रही है, वह जेहादियों की सहायता नहीं कर पा रही है...
जेहादी इसलिए परेशान हैं क्योंकि पूरा प्रयास और साजिश करने के बाद भी जम्मू से हिन्दुओं का सफाया करने में सफलता नहीं मिल रही है, जम्मू में आज भी हिन्दू मजबूत हैं..
हालांकि जम्मू में भी हिन्दुओं को मुसलमानों ने चारो और से घेर लिया है और मुसलमान बहुसंख्यक हो रहे हैं...
मुसलमानों की रणनीति यह थी कि १९८९ की तरह जम्मू में भी नरसंहार किया जाय और पूरी तरह से हिन्दू विहीन बना दिया जाय..कांग्रेस, वामपंथी सहित अन्य विपक्षी दल इसमें मुसलामानों का साथ दे रहे थे..
स्थानिए पैंथर्स पार्टी ने यह मुद्दा २००८ से उठाया था, लेकिन कांग्रेस सरकार ने पैंथर्स पार्टी और इसके मुखिया प्रोफ़ेसर भीम सिंह को बर्बाद कर दिया और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करते हुए उन्हें इतना प्रताड़ित किया कि जम्मू के हिन्दुओं में डर बैठ गया..
मोदी सरकार आने के बाद मुसलमानों की इस साजिश पर रोक लग गयी और जम्मू के इस्लामीकरण की गति बहुत धीमीं पड़ गयी..
महबूबा सरकार, जेहादी, फारुख अब्दुल्ला की नेशनल कांफ्रेंस और जेहादी बहुत दिनों से साजिश रच रहे थे, क्योंकि एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी जम्मू में रोहिंग्या व अन्य मुसलमानों को अवैध तरीके से बसाकर हिन्दुओं वहाँ से भगाने की घेराबंदी के बारे में लोगों जागरूक कर रहे थे...इसीलिए पूरे मामले का मुख्य अभियुक्त उसी सेवानिवृत्त अधिकारी को बनाकर उसे फर्जी तरीके से घटना का मास्टरमाइंड साबित करने की कोशिश की जा रही है...
इस घटना में मंदिर, हिन्दू का पुट और उस हिन्दू अधिकारी इसीलिए डाला गया है ताकि,ताकि जम्मू के हिन्दू फिर डर जाएँ और आवाज न उठाएं..
यह घटना में जम्मू कश्मीर पुलिस की कहानी पूरी तरह फ़र्ज़ी है, इसीलिए जम्मू के हिन्दू और वकील सड़क पर उतर गए थे और घटना में फर्जी फंसाये गए हिन्दुओं के पक्ष में आंदोलन कर रहे हैं...पर चूँकि हिंदुओं को बड़ी जल्दी होती है सच बिना जाने हाय तौबा करने की और बिना वजह आत्मग्लानि व अपराध बोध से ग्रस्त रहने की इसीलिए इस मामले में उस लड़की के पक्ष में यही सच्चे (बेवकूफ) हिन्दू सबसे अधिक छाती पीट रहे हैं और मुसलमान हिन्दुओं की इस मूर्खता पर ताली पीट रहे हैं...
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कठुआ और पत्रकारिता धर्म
अत्यंत ही पवित्र आत्माएं और सेक्युलर हिन्दू जो कठुआ की विचलित कर देने वाली घटना के बाद से निरंतर हिन्दुओं को गाली देने के सत्कर्म में जुटे हुए हैं, उनसे यह पूछना चाहता हूं कि क्या वे यह मानते हैं कि मोदीजी के राज में हिन्दुओं को बलात्कारी होने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है ?
क्या कठुआ के मुसलमानों को सबक सिखाने के लिए बलात्कारियों ने आलाकमान से पूर्वानुमति ली थी ? बलात्कार मामले में बार बार बच्ची का चेहरा और नाम उजागर करने का काम पत्रकारिता की पुस्तक के किस परिशिष्ट में वर्णित प्रावधानों से किया जा रहा ?
पत्रकारों का एक विशिष्ट वर्ग जो बलात्कारियों के हिन्दू होने के बाद से ही वैकुण्ठ यात्रा का सुख पा लेने जैसा प्रफुल्लित है, वह भला क्या चाहता है ?
पत्रकारों का दुख भारी है अतः कश्मीर में बस रहे रोहिंग्या को क्यों नहीं लुटियंस में जगह दे दी जाय ?
जंतर मंतर पर महान देशभक्त गांधी परिवार के कैंडल मार्च में जब करुणा की नदियां बह चली थी तब कितनों ने वहां पवित्र डुबकी लगाई ?
लोकतंत्र के एक नवीन प्रावधान के तहत मोदी जी को हटाकर राहुल जी जैसे महाविद्वान और सर्वगुण संपन्न नेता को क्यों न प्रधानमंत्री बना दिया जाय ?
प्रियंका जी से हुई छेड़खानी के बाद मैडम तुसाद म्यूजियम में उनकी मूर्ति क्यों न लगाई जाय ?
वाड्रा जी को देश सबसे सेक्यूलर जमाई राजा क्यों न घोषित किया जाय ?
सासाराम में छह साल की हिन्दू बच्ची के साथ शांतिप्रिय समुदाय के बलात्कार को अपराध माना जाय या नहीं ?
उस बच्ची का भी नाम चेहरा दिखाते हुए बलात्कारी की भी पहचान क्यों न सार्वजनिक की जाय ?
देश के सीमांत सूबों में हिन्दू लड़कियों से हुए दर्जनों नृशंस बलात्कार को क्या सुल्तानों का नैतिक यौनाधिकार या फिर आमोद प्रमोद माना जाय ?
कश्मीर में लाखों हिन्दुओं के उत्पीड़न और उनकी बहू बेटियों से हुए बलात को घाटी का शुद्धिकरण अभियान माना जाय ?
सलमान भाई को जेल भेजने की घटना पर सदन में निंदा प्रस्ताव क्यों न लाया जाय ?
आज़म और ओवैसी जैसे महान देशभक्त नेताओं की मूर्ति सदन में लगवाई जाय ?
- देवांशु झा
पोस्ट साभार #चारुमित्र_पाठक
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