Monday, 16 April 2018


मक्का मस्जिद फैसला: हिंदुओं को आतंकवादी साबित करने की कांग्रेसी कोशिश नाकाम!

11 साल पहले 2007 में हैदराबाद स्थित मक्का मस्जिद में हुए बम धमाके के मामले में NIA की विशेष अदालत का फैसला आ गया है, और अदालत ने मुख्य आरोपी असीमानंद समेत सभी पांच आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया है। NIA Court के इस फैसले से जहां निर्दोष सजा पाने से बच गए वहीं कांग्रेस की ‘हिंदू आतंकवाद’ को स्थापित करने की अवधारणा ही फुस्स हो गई है। हालांकि कोर्ट का फैसला अभी आया है लेकिन वरिष्ठ पत्रकार संदीप देव ने अपनी किताब ‘निशाने पर नरेंद्र मोदी’ में ही कांग्रेस की इस अवधारणा की पोल खोल दी थी!18 मई 2007 को मक्का मस्जिद में हुए बम धमाके में जहां 9 लोगों की मौत हो गई थी वहीं 58 लोग घायल हो गए थे। शुरुआत में इस घटना की जांच की जिम्मेदारी हैदराबाद पुलिस ने संभाली थी। उन्होंने इस धमाके के पीछे किसी मुस्लिम संगठन (Harkat-ul-Jihad al-Islami) का हाथ बताया था। लेकिन बाद में एक साजिश के तहत घटना को हिंदू आतंकवाद के साथ जोड़ा गया। ध्यान रहे कि तब केंद्र में कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार थी। हैदरावाद पुलिस की जांच रिपोर्ट को नजरंदाज करते हुए CBI को जांच की जिम्मेदारी सौंप दी गई। इस मामले में सीबीआई ने स्वामी असीमानंद समेत कई लोगों को आरोपी बनाया था। और फिर इस मामले में क्या खेल चला सबको मालूम है?

भगवा आतंकवाद और चिदंबररम की थ्योरी

पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने अगस्त 2010 में पुलिस अधिकारियों के एक सम्मेलन के दौरान कहा था,’देश के कई बम धमाकों के पीछे भगवा आतंकवाद का हाथ है। भगवा आतंकवाद देश के लिए नई चुनौती बनकर उभर रहा है।’ चिदंबरम ने कहा था कि भगवा आतंकवाद पर किसी का पेटेंट नहीं है। वह इसके जरिए जो संदेश देना चाहते हैं वह देश भर में चला गया है। उन्होंने तब दावा किया था कि देश के कुछ बम धमाकों के पीछे कट्टरपंथी दक्षिणपंथियों का हाथ है। बीजेपी प्रवक्ता संबिता पात्रा ने कहा है कि पी चिदंबरम और सुशील शिंदे जैसे नेताओं ने ‘भगवा आतंकवाद’ शब्द का इस्तेमाल कर हिंदुओं का अपमान किया था। पात्रा ने कहा है कि इसके लिए सोनिया और राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए। बीजेपी ने कोर्ट के इस फैसले को कर्नाटक चुनावों के लिए अपना हथियार बनाते हुए कहा कि वहां जनता वहां कांग्रेस को हराकर इस अपमान का बदला चुकाएगी।

मक्का मस्जिद ब्लास्ट में असल दोषियों को भगाया हिन्दुओ को फंसाया....

सोनिया गाँधी के शासन के दौरान हैदराबाद के मक्का मस्जिद में एक ब्लास्ट हुआ था और इस ब्लास्ट के बाद सोनिया गाँधी की सरकार ने हिन्दुओ को फंसा दिया और खासकर एक हिन्दू संत स्वामी असीमानंद को आतंकी घोषित कर दिया, अब पूरी जांच और सुनवाई के बाद कोर्ट ने सोनिया सरकार के सारे आरोपों को फर्जी पाया और इस मामले में आज कोर्ट ने सभी हिन्दुओ को बरी कर दिया मक्का मस्जिद ब्लास्ट के पीछे हरकत उल जिहाद का हाथ था और ब्लास्ट करने वाला था वाकर अहमद, पर सोनिया गाँधी की सरकार ने असल आतंकियों को पकड़ा ही नहीं और भगा दिया और असीमानंद समेत तमाम हिन्दुओ को फंसा दिया, समझौता ब्लास्ट में भी सोनिया गाँधी की सरकार ने ये ही किया था और मक्का मस्जिद ब्लास्ट में भी सोनिया गाँधी की साजिश का पर्दाफाश हो गया हिन्दुओ के खिलाफ बड़ी बड़ी साजिश करने वाली सोनिया गाँधी अब भी आजाद घूम रही है, ये सबसे शर्मनाक चीज है, इन लोगों ने असल आतंकियों को भागकर हिन्दुओ को झूठे मामलों में फंसा दिया ताकि दुनिया के सामने हिन्दुओ को आतंकी घोषित किया जा सके

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