सीरियाई बच्चा आयलान याद है?
जिसकी तस्वीर पूरी दुनिया में दिखाकर यूरोपीय देशों में मुस्लिम शरणार्थियों को बसाया गया था। आज वो शरणार्थी उन देशों में खूब बलात्कार और अपराध कर रहे हैं पर कोई आपको नहीं बता रहा ! कुछ समय पूर्व एक मॉडल को बलात्कार के बार बेरहमी से मार दिया था यूरोप में उन शरणार्थियों ने !
बच्चों और महिलाओं को ढाल बनाकर लड़ना इस "कौम" की फ़िरतरत में शुमार है।
मासूम आसिफा को ढाल बनाकर जम्मू कश्मीर में रुहिंगया आतंकियों को बसाने की पटकथा लिखी जा चुकी है।
कल से मीडिया बार बार "दैवीय" मंदिर, हिन्दू, भगवा, फ़र्ज़ी राष्ट्रवाद आदि आदि की रट लगाए हुए है लेकिन वह एक बात बताना भूल गयी कि सभी आरोपी कथित "दलित" हैं जिन्हें जिहादियों ने आसान शिकार समझकर फंसाया है ! अब वो लोग जय भीम-जय मीम नहीं बोलेंगे !
दरअसल कश्मीर में दलितों की इनसे लड़ाई 1947 से है जब वो पंजाब/पाकिस्तान से भाग कर कश्मीर/भारत पहुंचे पर उन्हें कश्मीर के विशेष कानून बना कर नागरिकता और अधिकारों से वंचित कर दिया गया! ७० साल बाद भी कश्मीर में ये लाखों लोग शरणार्थी ही हैं और आगे भी नागरिकता मिलना आर्टिकल ३७० और विशेष प्रावधान के कारन मुश्किल ही है ! जब की रोहिंग्या को पिछली साल बसना शुरू किया गया और अब उनको चोरी चुप्पे id और आधार दिलवाने की कोशिश हो रही है !
SIT में सिर्फ "कौम" के ही मेंबरान क्यों हैं? जम्मू में हुए अपराध के लिए श्रीनगर की टीम क्यों बुलाई गई?
आज सुबह पढ़ा कि आसिफ़ा का परिवार अपने सामान और पशुओं के साथ अज्ञात स्थान पर पलायन कर गया है।
आज जानेमाने लेखक Francois Gautier जी ने साफ साफ लिखा है कि हिन्दू को अपराध बोध करवा कर आसानी से शिकार बनाया जा सकता है।
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