Saturday, 14 April 2018

कठूवा के रेप कांड में कॉन्ग्रेसी एंगिल 
उत्तरप्रदेश में बलात्कार का आरोपी नार्को टेस्ट व CBI के लिए तैयार है मगर पिडिता नहीं, कुछ गड़बड़ तो नहीं है कहीं? पहली बार ऐसा हुआ ...
नैना साहनी को तंदूर में, गीतिका को पंखे पे, भवरी को तालाब में,सुनंदा पुष्कर को होटल में मारनेवाली कांग्रेस केन्डिल मार्चपास ड्रामा ...
कठुआ का पीडित पक्ष CBI जांच नहीं चाहता!
और..
उन्नाव का पीडित पक्ष नार्कोटेस्ट नहीं चाहता! !
कछु समझे  ..??
विडम्बना है कि मीडिया अपने आप को CBI, और न्यायालय समझकर क्यों देश का वातावरण दूषित कर रही है..??
निर्भया कांड के बाद सहमती बनी थी कि रेप पिडीत महिला का असली नाम इत्यादि गुप्त रखा जाएगा लेकिन कठूवा की आसिफा का नाम घर का पता, उसके बाप का नाम इत्यादि सब कुछ गुलाम नबी आजाद के लोगो ने मीडिया तक को जाहिर कर दिया.विरोध में प्रियंका गांधी रात के बारह बजे कैंडिल मार्च निकालने का स्वांग भी रचती है... ऐसा लगता है कि यह सब कुछ 2019 के लोक सभा चुनाव कर मद्देनजर किया कराया जा रहा है।
रेप पीड़िता के शरीर पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मिट्टी बताई गयी है जो जंगल की मिट्टी है।जाहिर है उसे जंगल मे रेप करके मंदिर में जानबूझकर लाया गया ताकि देश मे माहौल बिगाड़ा जाए।
जिस मंदिर में कोई कोठरी नही है तो वहाँ उससे कैसे 7 दिन तक रेप होता रहा? क्या मंदिर में सब कुछ खुले में हो रहा था? ये सब एक सोची समझी साजिश का हिस्सा है। जांच CBI को सौंपी गई है.. दूध का दूध और पानी का पानी तो निकलेगा ही..

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