Wednesday, 11 April 2018

patr vishesh




सिद्धांत का ऐसा ढोल शायद ही आपने सुना होगा ..!!
जब देश में कही दंगा फसाद होने की संभावना होती है तो कोई भी दंगाई पुलिस को सूचना देकर तो साजिश बुनेगा नहीं ....ऐसे में सरकारी एजेंसियां कभी कभी संभावित दंगायियो के फोन को सर्विलांस पर लेती है ..दंगा आदि होने पर जनता भी अक्सर आरोप लगा देती है की ..सरकार क्या सो रही थी ,जो उसे पूर्व सूचना नहीं मिल पायी ..?
अब अगर सरकार दंगा रोकने के लिए कदम उठाये तो भी सरकार दोषी .और कदम ना उठiये तो भी सरकार दोषी ..
पिछले समय में विपक्ष ने हरियाणा में भयंकर जातीय दंगे किये थे ....उसी का एक मुकदमा अदालत में चल रहा है ...अब अदालत के पेट में दर्द यह की सरकारी एजेंसियों ने अपराधी का फोन क्यों रिकार्ड किया .?अदालत को उस घटना से कोई सरोकार नहीं जिसमे दंगाईयो ने हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु की कोठी को जला दिया था ..अदालत इस लोचे में फंसी है की आरोपी की काल रिकार्ड करने के लिए सही तरीका काहे नहीं अपनाया गया ..अब आप मान लीजिये की क्या अपराधी अपराध करने से पहले पुलिस को बताएगा ...ताकि पुलिस सारी प्रक्रिया को पहले से पूरा करे ..दूसरी बात यह की उसी घटना में अगर जज साहब की कोठी जला दी गयी होती या उनके संबंधियों की कोठी , तो क्या जज साहेब ऐसा ही आचरण करते ..?
अब समाचार विस्तार से -- आगजनी मामला: हाई कोर्ट ने कॉल रिकॉर्ड पर उठाए सवाल, पूछा- किसने दी इजाजत..?
हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु की कोठी को जलाने के आरोपी की नियमित जमानत की मांग पर हाई कोर्ट ने सीबीआई और हरियाणा सरकार को फटकार लगाते हुए जवाब तलब किया है।कोर्ट में बहस के दौरान सीबीआई ने कहा कि योगेश राठी कोठी जलाने का आरोपी है। सीबीआई के पास उसका फोन रिकॉर्ड है जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि वह लोगों को भड़का रहा था। सीबीआई की जांच उसकी कॉल रिकॉर्ड पर आधारित है। 
सीबीआई के इस जवाब पर कोर्ट ने कहा कि कॉल रिकॉर्ड की परमिशन किसने दी थी? जिस पर सीबीआई ने कहा कि एसपी ने उसको रिकॉर्डिंग दी है। इस पर कोर्ट ने हैरानी जताते हुए कहा कि कॉल रिकॉर्ड की परमिशन का आदेश केवल गृह सचिव ही दे सकता है तो एसपी ने कैसे इजाजत दे दी.? कोर्ट ने सीबीआई व हरियाणा सरकार को अगली सुनवाई पर जवाब देने का आदेश दिया।
पवन अवस्थी

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