दलित आंदोलन पर IB की खतरनाक रिपोर्ट!हमला था सुनियोजित
,हथियारों की ट्रेनिंग दिए हुए लोग थे तैनात
देश की खुफिया एजेंसियों ने अब एक बहुत बड़ा खुलासा करते हुए देश की जनता को चेताया है और यह बताया है कि देश के अंदर गृह युद्ध छेड़ने की एक बहुत बड़ी साजिश चल रही है जिसके अंतर्गत इस देश को तोड़ने वाली विघटनकारी शक्तियों इस देश के लिए काफी खतरनाक मंसूबे बनाकर हमारा ही लोगों को आपस में लड़वाना चाहती हैं. दलित आंदोलन उसका एक उदाहरण था जिसके अंतर्गत देश के लोगों के बीच में अविश्वास पैदा करके अपने ही देश के लोगों के बीच गृह युद्ध छेड़ने की एक ऐसी कवायद थी जिसको जल्द से जल्द रुकना चाहिए. यह खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो यानी आईबी ने किया है.अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम के बदलाव के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान हुई हिंसा को पुलिस मुख्यालय की इंटेलीजेंस शाखा ने सुनियोजित बताया है। इसके लिए लोगों को ट्रेनिंग तक दी गई। सूत्रों के मुताबिक हिंसा को लेकर इंटेलीजेंस शाखा ने इनपुट एकत्रित किया है। साथ ही जो लोग अब तक गिरफ्तार हुए हैं, उनसे भी इस संबंध में पुलिस और इंटेलीजेंस को इससे जुड़ी जानकारी मिली है।
रिपोर्ट में यह सामने आया है कि ग्वालियर और चंबल संभागों में हिंसा के लिए करीब तीन दर्जन से ज्यादा संगठनों ने गड़बड़ी फैलाने की साजिश रची। इनके द्वारा अपने विश्वस्त लोगों को लाठी-डंडे बांटे गए। उन्हें ट्रेनिंग दी गई। ट्रेनिंग में इन विश्वस्त लोगों के वाट्सएप ग्रुप बनाकर उन्हें सूचनाओं का आदान प्रदान किया गया। चिन्हित स्थान पर लोग तैनात सूत्र बताते हैं कि इंटेलीजेंस शाखा ने संगठनों को चिन्हित कर लिया है। इनमें से कुछ संगठनों के पदाधिकारियों की धरपकड़ के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।इस आंदोलन में आए हुए आधे से ज्यादा लोगों को यह पता ही नहीं था कि वह आंदोलन में किस लिए आए हैं. कुछ लोगों को पैसे देकर भी बुलाए जाने की खबरें आ रही हैं. रिपोर्ट में यह सामने आया है कि ग्वालियर और चंबल संभाग में हिंसा के लिए करीब 3 दर्जन से ज्यादा संगठनों ने गड़बड़ी फैलाने की साजिश रची थी और इनके द्वारा अपने विश्वस्त लोगों को लाठी डंडे भी बांटे गए थे और उन्हें ट्रेनिंग दी गई थी. इसके साथ ही ट्रेनिंग में इन व्हिच वक्त लोगों के WhatsApp ग्रुप बनाकर उन्हें सूचनाओं का आदान प्रदान किया गया था जिस स्थान पर लोग तैनात सूत्र बताते हैं कि इंटेलिजेंस शाखा ने संगठनों को चिन्हित कर लिया है इनमें से कुछ संगठनों के पदाधिकारियों की धरपकड़ के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.ट्रेनिंग के दौरान यह भी बताया गया था कि किस व्यक्ति को किस स्थान पर रहना है कुछ सरकारी अधिकारी और कर्मचारी भी हिंसा में शामिल थे जिनकी रिपोर्ट इंटेलिजेंस ने जो डाली है आईजी मकरंद देउस्कर ने अधिकृत रूप से यह कहा है कि विवेचना में जो अधिकारी या कर्मचारी और अन्य व्यक्ति के हिंसा में शामिल होने के साथ मिलेंगे उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी.अब आप इस बात को सोचिए कि सरकारी अधिकारी भी इस एक पुरे बवाल में शामिल थे. यह सीधे तौर पर एक तरफ इशारा करता है कि विघटनकारी शक्तियां अब अपनी पूरी ताकत लगाकर देश को तोड़ना चाहते हैं. प्रधानमंत्री मोदी को वैसे भी चुनाव में हराने के लिए पूरा विपक्ष एक हो रहा है और उस का एकमात्र एजेंडा है कि कुछ भी करके प्रधानमंत्री मोदी को 2019 के चुनावों में हराया जाए वही इन विघटनकारी शक्तियों की भी यदि उन्होंने सहायता ली हो तो यह कहना गलत नहीं होगा.
रिपोर्ट में यह सामने आया है कि ग्वालियर और चंबल संभागों में हिंसा के लिए करीब तीन दर्जन से ज्यादा संगठनों ने गड़बड़ी फैलाने की साजिश रची। इनके द्वारा अपने विश्वस्त लोगों को लाठी-डंडे बांटे गए। उन्हें ट्रेनिंग दी गई। ट्रेनिंग में इन विश्वस्त लोगों के वाट्सएप ग्रुप बनाकर उन्हें सूचनाओं का आदान प्रदान किया गया। चिन्हित स्थान पर लोग तैनात सूत्र बताते हैं कि इंटेलीजेंस शाखा ने संगठनों को चिन्हित कर लिया है। इनमें से कुछ संगठनों के पदाधिकारियों की धरपकड़ के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।इस आंदोलन में आए हुए आधे से ज्यादा लोगों को यह पता ही नहीं था कि वह आंदोलन में किस लिए आए हैं. कुछ लोगों को पैसे देकर भी बुलाए जाने की खबरें आ रही हैं. रिपोर्ट में यह सामने आया है कि ग्वालियर और चंबल संभाग में हिंसा के लिए करीब 3 दर्जन से ज्यादा संगठनों ने गड़बड़ी फैलाने की साजिश रची थी और इनके द्वारा अपने विश्वस्त लोगों को लाठी डंडे भी बांटे गए थे और उन्हें ट्रेनिंग दी गई थी. इसके साथ ही ट्रेनिंग में इन व्हिच वक्त लोगों के WhatsApp ग्रुप बनाकर उन्हें सूचनाओं का आदान प्रदान किया गया था जिस स्थान पर लोग तैनात सूत्र बताते हैं कि इंटेलिजेंस शाखा ने संगठनों को चिन्हित कर लिया है इनमें से कुछ संगठनों के पदाधिकारियों की धरपकड़ के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.ट्रेनिंग के दौरान यह भी बताया गया था कि किस व्यक्ति को किस स्थान पर रहना है कुछ सरकारी अधिकारी और कर्मचारी भी हिंसा में शामिल थे जिनकी रिपोर्ट इंटेलिजेंस ने जो डाली है आईजी मकरंद देउस्कर ने अधिकृत रूप से यह कहा है कि विवेचना में जो अधिकारी या कर्मचारी और अन्य व्यक्ति के हिंसा में शामिल होने के साथ मिलेंगे उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी.अब आप इस बात को सोचिए कि सरकारी अधिकारी भी इस एक पुरे बवाल में शामिल थे. यह सीधे तौर पर एक तरफ इशारा करता है कि विघटनकारी शक्तियां अब अपनी पूरी ताकत लगाकर देश को तोड़ना चाहते हैं. प्रधानमंत्री मोदी को वैसे भी चुनाव में हराने के लिए पूरा विपक्ष एक हो रहा है और उस का एकमात्र एजेंडा है कि कुछ भी करके प्रधानमंत्री मोदी को 2019 के चुनावों में हराया जाए वही इन विघटनकारी शक्तियों की भी यदि उन्होंने सहायता ली हो तो यह कहना गलत नहीं होगा.
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