क्या हिन्दुओं का ब्रेनवाश कर किसी षड्यंत्र की रचना की जा रही है ?
हाल ही में शिवपुरी शहर में एक शिवलिंग को क्षतिग्रस्त कर दिया गया ! पुलिस द्वारा दो आरोपियों को नामजद कर गिरफ्तार भी कर लिया ! आरोपी शहर के फतेहपुर क्षेत्र के निवासी सुरेश धाकड़ और लल्लू जाटव बताये जाते है ! लल्लू जाटव नामक व्यक्ति ने यह भी कबूल किया है कि पिछले दिनों शहर में बाबा साहेब आंबेडकर की मूर्ती भी उसने ही तोड़ी थी, जिसके उपरान्त दलित समाज के नेताओं ने सभा कर कर के सवर्ण समाज के लोगों पर निशाना साधा था और शांत नगरी शिवपुरी की हवाओं में जहर घोलने की तमाम कोशिशें भी की !
घटना से दो दिन पूर्व ही शिवपुरी जिले की करैरा तहसील में किले के अन्दर शिव मंदिर में नंदी की मूर्ती को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया था ! इस मामले में अभी तक किसी का नाम सामने नहीं आया है और न ही किसी की गिरफ्तारी हुई है उलटे विरोध प्रदर्शन करनेवाले हिन्दू संगठनों से जुड़े लोगों पर जरूर कार्यवाही की चर्चाएँ चल रही है !
यदि हम थोडा पीछे जाएँ तो एक ऐसा घटनाक्रम भी शिवपुरी जिले में हो चुका है जिसने पूरे प्रदेश को ही नहीं बल्कि पूरे देश को यह सोचने पर मजबूर कर दिया था कि क्या हिन्दुओं का ब्रेनवाश कर हिन्दुओं को हिन्दुओं के विरुद्ध लड़ाने और देश का माहौल ख़राब करने का षड़यंत्र तो नहीं किया जा रहा ? आखिर कौन लोग है इसके पीछे ?
पिछले वर्ष अगस्त माह में शिवपुरी जिले के खनियाधाना कस्बे में पुलिस ने ग्राम बुकर्रा व छिरवाहा में दो युवकों पर धर्म परिवर्तन करने के मामले में केस दर्ज किया था ! पुलिस का कहना था कि प्रारंभिक जांच में जो बात निकल कर सामने आई उसके मुताबिक ऐसा प्रतीत हो रहा था कि दोनों युवकों को धर्म परिवर्तन के लिए लालच दिया गया था ! खनियाधाना क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय द्वारा धन का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने का समाचार स्थानीय समाचार पत्रों ने प्रमुखता से प्रकाशित किया ! मामला तब उजागर हुआ जब धर्म परिवर्तन करने वाले एक व्यक्ति को निर्धारित पैसा नहीं दिया गया ! शपथ पत्र थाने में देकर उसने पुनः अपना धर्म वापस अपनाने की बात कही ! धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों के विरुद्ध तो मामला दर्ज कर लिया गया, लेकिन आज कोई वैधानिक कार्यवाही नहीं की गई , दिया जाने वाला पैसा आता कहाँ से है, तथा वे लोग कौन हैं जो इस कृत्य में संलिप्त हैं ! स्थानीय लोगों के अनुसार इस सम्पूर्ण प्रकरण में खनियाधाना निवासी नीलू पुत्र वही दुल हक़ कुर्रेशी, बिलाल पुत्र इनायत अली “फूल”, तथा मुन्नाखान अकाझिरी बाले का नाम सामने आया था !
जिस प्रकार खनियाधाना में धन का लालच देकर धर्म परिवर्तन का षडयंत्र रचा गया, ठीक उसी प्रकार कहीं लल्लू जाटव को भी बहला फुसलाकर, लालच देकर तो मूर्ती तोड़ने के लिए नहीं उकसाया गया ? अन्यथा उसने ऐसा किया क्यों ? यह एक ऐसा प्रश्न है, जिससे प्रशासन नजरें चुरा रहा है ! अगर लल्लू जाटव को उकसाने वाले तत्वों को बेनकाब नहीं किया गया, तो एक के बाद एक कभी कल्लू तो कभी लल्लू के माध्यम से इस प्रकार की उन्माद भड़काने वाली कार्यवाहियां जारी रहेंगी और शिवपुरी के शांत वातावरण में जहर घुलता रहेगा ! और यह जहर न केवल शिवपुरी वरन सम्पूर्ण प्रदेश तथा अंचल में अपना असर दिखाएगा |
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