Friday, 2 February 2018

 कुछ जादा टेक्स देने पर भी मुझे दर्द काहे नहीं होता है .....?.
क्योकि मुझे पता है कि ..............
जब भारत ने शांतिकाल में पहली बार पाकिस्तान के अन्दर घुस के मिलिट्री कार्यवाही की तो उसमे खर्च हुए सैकड़ो करोड़ रुपयों में एक बहुत छोटा सा अंश मेरे परिवार का भी था
जब भूटान की सीमा पर भारत चीन की आँख में आँखे डाल के खडा था .उस दौर में सैकड़ो करोड़ रूपये खर्च करके भारत जो मिलिट्री ढांचा खडा कर रहा था . देश की छावनियो से जब भारतीय सेनाओं के संसाधन ट्रेन , सड़क या वायु मार्ग से डोक्लाम में पहुंचाए जा रहे थे तो उसमे लगे डीजल में भी एक नन्हा का अंश मेरे परिवार का भी था .
जब भारत सरकार ने पाकिस्तान सीमा पर यह निर्णय लिया था की पाकिस्तान की तरफ से आने वाले एक फायर के बदले भारत 10 फायर का अनुपात रक्खेगा तो उस बारूद में ............एक नन्हा सा अंशदान मेरे परिवार का भी है
जब भारत सरकार ने पिछले 45 वर्ष से पेंशन में कमी और विसंगति झेल रही भारतीय सेनाओं को वन रैंक वन पेंशन की सुविधा दी तो उसके एक नन्हा सा अंशदान मेरे समाज का भी था ..........
पिछले 70 वर्षो बुलेट प्रूफ हैलमेट और जैकेट की कमी झेल रही सेनाओं के लिए जब सरकार ने बुलेट प्रूफ हैलमेट और जैकेट के टेंडर जारी किये तो उस खरीद में एक नन्हा सा अंश मेरे समाज का भी होगा ...
जब भारत ने श्री लंका में चीन समर्थक नेता को चुनाव हराने में कूटनीतिक मिशन में खर्चा किया तो उस खर्चे में एक सूक्षम अंश मेरे समाज का भी था ...
जब भारत ने मिलिट्री जासूसी के लिए उपग्रह लांच किये या इजरायल से किराए पर लिए , जब अफगानिस्तान में पाकिस्तान को न्यूट्रल करने के लिए भारत ने करोडो का खर्चा किया , जब अफगानिस्तान में संपर्क के लिए पाकिस्तान पर निर्भरता ख़त्म करने के लिए सरकार ने ईरान में पोर्ट बनाया , जब भारत के चारो तरफ के देशो में भारत ने मिलिट्री स्टेशन बनाये , जब भारत ने अपनी सुरक्षा के लिए बड़े पैमाने पर मिलिट्री सौदे अंजाम दिए , जब भारत में गरीबो के लिए तमाम कागजी नहीं जमीनी योजनाये शुरू की तो उन योजनाओं में भी एक अति सूक्षम हिस्सा मेरे परिवार तथा समाज का है
बहुत लम्बी लिस्ट है ऐसे देश हित के कार्यो की ....................... मुझे इसलिए भी दर्द महसूस नही हुआ क्योकि मेरे परिवार द्वारा दिए टैक्स के पैसे किसी घोटाले में नहीं बर्वाद हुए .............अपने लिए जीना अपने परिवार के लिए ही जीना .खाना पीना , हग देना .....अपनी निजी जरूरतों तक सोचने का काम जो जानवर भी कर लेते है ....मुझे गर्व है की हम इंसान है .............................इंसान है हम !!!#पवनअवस्थी

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