Wednesday, 27 January 2016


क्या आप जानते हैं मोती लाल नेहरु की एक धर्म पत्नी और चार अन्य अवैध पत्नियाँ थीं ।
(1) श्रीमती स्वरुप कुमारी बक्शी :- (विवाहिता पत्नी) से दो संतानें थीं ।
(2)
 थुस्सू  रहमान बाई :- से श्री जवाहरलाल नेहरु और शैयद हुसैन (अपने मालिक मुबारक अली से पैदा हुए थे । मालिक को निपटा दिया उसके बाद उसकी धन संपत्ति और बीबी बच्चे हथिया लिए थे)
(3) श्रीमती मंजरी :- से श्री मेहरअली सोख्ता (आर्य समाजी नेता)
(4) ईरान की वेश्या :- से मुहम्मद अली जिन्ना ।
(5) नौकरानी (रसोइया) :- से शेख अब्दुल्ला (कश्मीर के मुख्यमंत्री )
(क) श्रीमती स्वरुप कुमारी बक्शी (विवाहिता पत्नी) से दो संतानें थीं | A. श्रीमती कृष्णा w/o श्री जय सुख लाल हाथी (पूर्व राज्यपाल ) B. श्रीमती विजय लक्ष्मी पंडित w/o श्री आर.एस.पंडित (पूर्व. राजदूत रूस), पहले विजय लक्ष्मी पंडित ने अपने आधे भाई शैयद हुसैन से शारीरिक सम्बन्ध स्थापित किये थे जिससे संतान हुई चंद्रलेखा जिसको श्री आर.एस.पंडित ने अपनी बेटी के रूप में स्वीकार किया ।
(ख.) थुस्सू रहमान बाई - से श्री जवाहरलाल नेहरु और शैयद हुसैन - शैयद हुसैन इनके मालिक मुबारिक अली की संतान थी जिनको इन्होने मुबारिक की मौत के बाद अपना लिया था ।मुबारक अली की एक और संतान थी मंज़ूर अली जो कि इंदिरा की खुनी पिता थे ।
जवाहर लाल नेहरु ने कमला कोल को कभी अपनी पत्नी नहीं माना था और सुहागरात भी नहीं मनाई थी। कमला कश्मीरी पंडित थी यह जवाहर को एकदम पसंद नहीं थी, वैसे वो सिर्फ मुल्ले या अँग्रेज़ को ही ऊँची Race का घोडा मानते थे ।
कमला की जिंदगी एक दासी के जैसी थी जिस अबला नारी को मंजूर अली ने ही हाथ थाम लिया था । इसी कारणवश नेहरु को इंदिरा जरा भी नही सुहाती थी । अब जब क़ानूनी तौर पर इंदिरा ही उसकी बेटी थी इसलिए न चाहते हुए भी उसको इंदिरा को आगे बढ़ाना पड़ा हलाकि उसके जीते जी इंदिरा कोई खेल नहीं कर पाए थी । वो तो बेचारे शास्त्री जी इसकी बातों में आकर ताशकंत चले गए थे पाकिस्तान से समझौता करने वहाँ इंदिरा ने याह्या खान की मदद से शास्त्री जी को जहर दिलवा कर मरवा डाला था और बताया की मौत ह्रदय की गति रुकने से हो गई ।कोई पोस्टमार्टम नहीं कोई रिपोर्ट नहीं. इंदिरा ने मौका पाते ही झट से कुर्सी हड़प ली थी ।
प्रियदर्शिनी नेहरु उर्फ़ मैमूना बेगम उर्फ़ श्रीमती इंदिरा खान w/o श्री फिरोज जहाँगीर
खान (पर्शियन मुस्लमान) जो कि बाद में गाँधी बन गए थे । से दो पुत्र एक राजीव खान (पिता फ़िरोज़ जहाँगीर खान) और संजय खान (पिता मोहम्मद युनुस), तीसरा बच्चा जो म. ओ. मथाई (जवाहरलाल का पी ऐ) जिसको गिरा दिया गया क्योंकि वो आशंका थी की कही रंग दबा हुआ (काला) निकला तब कैसे मुह छुपाएगी ।
(ग.) श्रीमती मंजरी - से एक पुत्र श्री मेहर अली सोख्ता (आर्य समाजी नेता )
(घ.) ईरान की वेश्या - से मुहम्मद अली जिन्ना
(ङ.) नौकरानी (रसोइया ) से शेख अब्दुल्ला (कश्मीर के मुख्यमंत्री ). शेख अब्दुल्लाह के दो पुत्र फारूक अब्दुल्ला , पुत्र उमर अब्दुल्ला
नेहरु ने देश के तीन टुकड़े किये थे ।इंडिया (इंदिरा के लिए), पाकिस्तान (अपने आधे भाई जिन्ना के लिए) और कश्मीर (अपने आधे भाई शेख अब्दुल्लाह के लिए) ।अरे वाह एक ही परिवार तीनो जगह सियासत भाई मानना पड़ेगा नेहरु के दिमाग को ।
यह वही नेहरु है जिनके मुह बोले पिता मोतीलाल के पिता गयासुद्दीन गाजी जमुना नहर वाले दिल्ली से चम्पत हो गए थे 1857 की म्युटिनी में और जाकर छुप गए कश्मीर में । जहाँ अपना नाम परिवर्तित किया था गयासुद्दीन गाजी से पंडित गंगाधर नेहरु नया नाम और सर पर गाँधी टोपी लगाये पहुच लिए इलाहबाद । लड़के को वकील बनाया और लगा दिया मुबारक अली की लॉ कंपनी में ।
टिप्पणी :- एक घर से तीन प्रधानमन्त्री और चौथा राहुल को कांग्रेस बनाने जा रही है ।
साभार - जॉन मथाई की आत्मकथा से (जवाहरलाल नेहरु के व्यक्तिगत सचिव )
Satish Chander Goyal

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