Monday 18 January 2016

 जब जब संसार मे स्त्रियों पर अत्यचार स्त्रियों का बलात्कार,य़ौन शोषण होना शुरू होता है....तब तब सृष्टी का विनाश हो जाता है.... धरती का संतुलन स्त्री शंक्ति के कारण ही होता है...अतः स्त्रियों का सम्मान करें.. यथाशक्ति उनकी सहायता करें अगर उनकी माँग जायज है...वरना हाँथ जोड कर क्षमा माँग ले...

अरब देशों में एक दौर में त्रासदी बना खेल तहररुष अब यूरोप में भी पैर पसार चुका है। साल 2016 की एक तारिख को जर्मनी से इस घृणित खेल की खबर आई है। यूरोपियन देशों में रह रहे अरब शरणार्थियों के द्वारा यह खतरनाक खेल धीरे-धीरे यूरोप में खेले जाने से लोगों में एक दहशत का माहौल है। तहररुष (बलात्कार का खेल) नामक इस अभद्र खेल को अरब देशों तुर्की और मिस्र में पारम्परिक तौर पर खेला जाता रहा है।
अरबों का खेल रहा है तहररुष

तहररुष नामक यह खेल मूल रूप से मिस्र की देन है। यह एक तरह से यौन शोषण से जुड़ा हुआ खेल है जिसमे पुरुषों का एक झुंड महिला का किसी खुली गली में सामूहिक बलात्कार और उस पर हमला करते हैं, महिला के कपडे फाड़ दिए जाते हैं। महिला पर इस यौन हमले में कई बार महिलायें अपनी जान भी गँवा चुकी हैं।
मोहम्मद मुर्सी के दौर में यह खेल उग्र हो गया था

इस खेल का ख़ास मौकों पर आयोजन किया जाता है। अरबों द्वारा खेल जाने वाला यह घृणित खेल एक दौर में मिस्र में त्रासदी बना रहा। जर्मनी में इस साल की शुरुआत में इस खेल की खबर आने से सभी हैरान हैं। जर्मनी की पुलिस अब इस मामले को देख रही है। साल 2006 से पहले इस खेल में ज्यादातर नबालिकों और युवतियों के साथ छेड़छाड़ की जाती थी। इसको लेकर मिस्र में जनमत संग्रह तक किये गए। साल 2008 में कुछ महिला एक्टिविस्टों ने पुलिस में इसके खिलाफ आवाज भी उठाई। धीरे-धीरे तरहरुष को राजनीति के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाने लगा। मिस्र में तो मोहम्मद मुर्सी के दौर में यह खेल बहुत भयावह हो गया।
तहररुष पर बनी फिल्म कई अवार्ड भी जीत चुकी है

साल 2008 में एक फिल्म निर्माता नोहा रुश्दी पहली महिला बनी जिसने एक आरोपी के खिलाफ केस जीता। साल 2010 में मिस्र सिनेमा ने पहली बार तहररुष पर फिल्में बनाई जो कि मिस्र में विवाद का भी कारण रही। फिल्म ने साल साल 2010 दुबई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में अवार्ड भी जीता और फिर यह पूरी दुनियां में प्रदर्शित की गई। मिस्र की महिलाओं के लिए तहररुष एक त्रासदी की तरह हो गया। इससे बचने के लिए कई बार महिलाओं ने चाकुओं का भी इस्तेमाल किया।

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