Monday, 18 January 2016


इस्लाम का दो चेहरा है-दिखाने के लिए शांति का विस्तार के लिए आतंकवाद का ताकि जब मुसलमान पकडे जाएँ तो इस्लाम के शांति का मुखौटा आगे कर आतंकवाद से दुरी बना कर लोगों को भ्रमित किया जा सके जबकि पीछे से जकात के सारे पैसे जो ये दान में देते हैं वे आतंकवादियों को ही इस्लाम के प्रचार प्रसार और विस्तार के नाम पर देते हैं. पाकिस्तान में आतंकवादियों को देने केलिए हर जगह चंदा पात्र लगा होता है. भारत के मुसलमान भी करोड़ों रुपये जकात के पैसे हर वर्ष मुस्लिम संगठनों को इस्लाम के विस्तार के नाम पर देते हैं.
मालदा की आग अभी ठंडी भी नही हुई थी कि फिर से एक बार बंगाल में मुस्लिम लोगों की भीड़ द्वारा बीरभूम जनपद में जमकर हंगामा किया गया , इस आगजनी और बवाल की शुरुवात एक सड़क हादसे से हुई जिसमे एक युवक की मृत्यु हो गयी , उसके बाद तो भीड़ ने ऐसा हंगामा किया कि पुलिस वालों की जान पे बन आई।
भीड़ ने अचानक से बहुत गुस्से में आकर जो भी चीज़ सामने आई उस पर निशाना लगाना शुरू कर दिया , क्या बसें क्या पुलिस की जीपें सब जला दी गयी , ये सड़क दुर्घटना बीरभूम के मझिपारा एरिया में हुई , उसके तुरंत बाद मुस्लिमो की भीड़ ने पुलिस वालों पर हमला कर दिया और पुलिस की गाडी जला दी , वो लोग फिर भी नही रुके और मयुरेश्वर पुलिस स्टेशन में आग लगा दी और उसमे तोड़फोड़ की
फिर उन्होंने इक्कठे होकर सरे रोड को जाम कर दिया और एक और पुलिस जीप को आग के हवाले कर दिया , बंगाल की सरकार इस तरह की घटनाओं से निपटने में पूरी तरह असफल साबित हो रही है ,
वैसे पुलिस ने बाद में केस दर्ज कर लिया है लेकिन सभी जानते हैं कि नेताओं से संरक्षण प्राप्त लोगों का कुछ भी नही बिगड़ने वाला , वोट बैंक की राजनीती के चलते बंगाल के हालत बद से बदतर होते जा रहे हैं।

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