Friday 29 January 2016


Suresh Chiplunkar

असहिष्णुता सिर्फ भारत में नहीं है... ठेठ अमेरिका तक फैला हुआ है... ग्रीनपीस और फोर्ड फाउन्डेशन जैसे "महाकाय" खुराफातियों की पूँछ पर पैर रखने का ही नतीजा है कि मोदी के सत्ता में आते ही अचानक चर्च में मामूली चोरी की घटना अंतर्राष्ट्रीय बन जाती है...जो "गिरोह", 1999 में शनि शिंगणापुर में महिलाओं के अधिकार के लिए आवाज़ उठा रहा था... उसी "गिरोह" को महाराष्ट्र और केन्द्र में भाजपा के सत्ता में आते ही, आज पूरे सोलह साल बाद फिर से शनि याद आए... बाकी राजदीप हो, तीस्ता सीतलवाड हो या हर्ष मंदर अथवा अरुंधती रॉय हो... जरा सी खुदाई कीजिए, जरा सी दुम उठाईये... तो किसी NGO गिरोह या वेटिकन पोषित संस्था से इनका कनेक्शन तुरंत सामने आ जाएगा...

मोदी को चुपचाप अपना काम करने दो... "विरोधियों के खेमे" में हडकम्प मचा हुआ है...
समझ सकते हो तो समझ जाओ... वर्ना सेकुलर-प्रगतिशील बन जाओ...

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