Monday, 18 January 2016

 भिखारियों के लिए भी एक स्कीम शुरू करने वाले है PM Modi ...

अगली योजना समाज के उन लोगों के लिए आने वाली है जो मुख्य धारा से बाहर चले गए हैं.

New Delhi, Jan 18: सोच में नयापन और अलगपन होना जितना जरूरी है. उतना ही जरूरी है सबकों साथ लेकर चलना भी, नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद से ऐसा ही कुछ कदम उठाए है जिसमे सबकों साथ लेकर चलने की वकालत दिखाई दी है. स्वच्छ भारत, जनधन योजना, स्टार्ट अप इंडिया, किसान बीमा जैसे अभियानों को देखें तो समाज के हर तबके के लए कुछ न कुछ योजना दिखाई दे रही है.
लेकिन उन लोगों तक कोई भी योजना पहुंच नहीं पाती है जो लोग किसी कारणवश समाज की मुख्यधारा से बाहर हो गए है. सरकारों की पहली प्राथमिकता ये होनी चाहिए कि ऐसे लोगों को प्राथमिक स्तर सामाज की मुख्य धारा से जोड़ा जाए, PM Modi ने लोगों की इस बात को समझा और ऐसे लोगों के लिए अब नई योजना लाने की तैयारी की जा रही है.
India_poor_Beggersमोदी सरकार भिखारियों की समस्या से निपटने के लिए ही एक ऐसी स्कीम लाने का विचार कर रही है, PM Modi की स्कीम के तहत उन्हें भिखारियों को शेल्टर, हैल्थ केयर और स्किल डिवेलपमेंट जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की ओर से तैयार की गई योजना के मुताबिक भीख मांग रहे लोगों को खाना, छत, स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं, काउंसिलिंग और रिहैबिलिटेशन जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. 
 इस स्कीम के तहत कुछ भिखारियों को, जिनमे कुछ उम्मीद दिखाई देगी, उन्हे स्किल डिवेलपमेंट की ट्रेनिंग भी दी जाएगी, सरकार का प्रयास ये रहेगा कि जो लोग शारिरिक रुप से सक्षम है उन्हे मुख्य धारा में वापस लाया जाए.पीएमओं से मिली जानकारी के मुताबिक,इस स्कीम के अंतर्गत गरीब लोगों को मुख्यधारा में लाने की कोशिश की जाएगी. ताकि देश में भिखारियों की समस्या पर काबू पाया जा सके, एक अधिकारी ने बताया कि देश में गरीबी और भिक्षावृत्ति की समस्या बड़ी परेशानी है क्योंकि आंकड़े कहते है कि भिखारियों में तेजी से महिलाओं और बच्चों की संख्या बढ़ रही है
 इस स्कीम में ट्रांस्पेरेंसी और जवाबदेही बनाने के लिए पीएम ने एक डेटाबेस तैयार करने के लिए कहा है. इस योजना का लाभ मिलने वाले सभी लोगों की कंप्यूटरीकृत लिस्ट तैयार की जाएगी. इस स्कीम में किसी भी तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए लोगों को आधार नंबर से जोड़ा जाएगा,
Beggers in Indiaऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की एक स्टडी के आंकड़ों के मुताबिक भारत में कुल 3 करोड़ 40 लाख गरीब और भिखारी हैं. अध्यन के मुताबिक साउथ एशिया में अफगानिस्तान के बाद हिंदुस्तान सबसे गरीब देश है. साल 2011 की जनसंख्या के मुताबिक भारत में कुल 4लाख 13 हजार भिखारी हैं, इनमें से 3 लाख 72 हजार भिखारी हैंडी क्राफ्ट कैटिगरी में आते हैं.दूसरी बात ये है कि आए दिन ऐसे समाचार मिलते है कि कुछ लोग बतौर भिखारी जीवन यापन कर रहे थे, लेकिन वास्तविकता में उनके पास ढेरो पैसे है, इस तरह के डाटा को फिल्टर करने का काम चल रहे है, इसके बाद PM Modi उन लोगों का स्किल डिवलेपमेंट करेंगे जिन्होने जीवन में किसी किरण की उम्मीद छोड़ दी है.

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