बाबा रामदेव ने उड़ाई कई प्रमुख कंपनियों की नींद, हर वर्ग की पसंद बना पतंजलि प्रोडक्ट...
नई दिल्ली:
पतंजलि ब्रांड के साथ कंज्यूमर प्रोडक्ट्स यानी उपभोक्ता उत्पाद की दुनिया में कदम रखने वाले योगगुरु स्वामी रामदेव ने देश के बड़ी घरेलू सामान उपभोक्ता कंपनियों के शीर्ष प्रबंधकों की नींद उड़ा दी है। ‘पतंजलि ब्रांड’ कई मामलों में बड़ी कंपनियों के प्राॅडक्ट्स को टक्कर दे रहा है।
शहरी उपभोक्ताओं की पहली पसंद
सूत्र बताते हैं कि खासकर शहरी क्षेत्र के उन उपभोक्ताओं के बीच रामदेव के पतंजलि प्राॅडक्ट की मांग काफी बढ़ी है जो स्वस्थ विकल्प की तलाश में रहते हैं। पतंजलि की एक और खास बात यह है कि वह अपने प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले करीब आधी से भी कम कीमत पर टूथपेस्ट से लेकर नूडल तक, हर चीज बेचती है।
पिछले दिनों रिटेल कंसल्टेंसी टेक्नोपैक के संस्थापक अरविंद सिंघल ने माना था कि पतंजलि के प्राॅडक्ट्स अच्छे और सस्ते हैं इसलिए लगातार हर वर्ग के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं।
पिछले दिनों रिटेल कंसल्टेंसी टेक्नोपैक के संस्थापक अरविंद सिंघल ने माना था कि पतंजलि के प्राॅडक्ट्स अच्छे और सस्ते हैं इसलिए लगातार हर वर्ग के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं।
क्या कहते हैं कंपनियों के प्रबंधक
प्रमुख बिस्किट निर्माता कंपनी ब्रिटानिया के एमडी वरुण बेरी ने माना कि उन्होंने खुद पतंजलि बिस्किट्स को परखा है। देश की बड़ी एफएमसीजी कंपनियों में शुमार डाबर के मुख्य प्रबंधक सुनील दुग्गल ने भी पतंजलि के प्राॅडक्ट्स को ताकतवर माना है।
हरिद्वार में पतंजलि के 150 एकड़ में बने फूड पार्क का दौरा करने के बाद फ्यूचर ग्रुप के फूड और एफएमसीजी अध्यक्ष देवेंद्र चावला ने भी माना कि फ्यूचर ग्रुप के ‘बिग बाजार’ और ‘फूड बाजार’ स्टोर्स में पतंजलि के प्राॅडक्ट्स बड़ी संख्या में बिक रहे हैं।
पतंजलि ने उड़ा दी है नींद
कुछ लोगों का मानना है कि पतंजलि के जरिये बाबा रामदेव सभी कंपनियों को धाराशायी करने में जुटे हैं। हालात ऐसे हो चुके हैं कि डाबर जैसी कंपनी को अपने च्यवनप्राश में भी कमियां नजर आने लगीं और वह उसे और भी मजबूत करने की जुगत में लग गया है। वहीं, इंडस्ट्री के विशेषज्ञों का मानना है कि अपने आयुर्वेदिक प्राॅडक्ट को आधुनिक उपभोक्ताओं के लिए उपयुक्त बनाने हेतु डाबर की योजना का यह हिस्सा है।
आयुर्वेद प्राॅडक्ट समझकर खरीदते हैं ग्राहक
एक प्रमुख पर्सनल केयर फर्म के प्रमुख ने तो यहां तक कह दिया कि खुद उनके पैरेंट्स पतंजलि के प्राॅडक्ट का इस्तेमाल करते हैं जबकि उनकी कंपनी भी वैसा ही प्राॅडक्ट बनाती है। उन्होंने कहा, मेरे घर में ही पतंजलि मेरा प्रतिस्पर्धी बना बैठा है।
उन्होंने बताया, हम देख रहे हैं कि मध्यम ही नहीं, धनाढ्य वर्ग भी पतंजलि के प्राॅडक्ट्स खरीद रहे हैं। पतंजलि के साथ एक फायदा यह है कि ग्राहक इसके प्राॅडक्ट्स को आयुर्वेद की सोच के साथ खरीदते हैं। यह केवल एक प्राॅडक्ट तक सीमित नहीं है। ग्राहक एक साथ सभी जरूरी सामानों की खरीदारी कर लेते हैं। जबकि यह ट्रेंड अन्य एफएमसीजी कंपनियों के साथ मुश्किल ही देखा जाता है।
च्यवनप्राश और शहद जैसे कुछ प्राॅडक्ट्स की बात करें तो पतंजलि का मुकाबला डाबर के साथ है। दुग्गल ने कहा, बाबा रामदेव इस इंडस्ट्री में नए हैं। यही वजह है कि उनके बारे में अनुमान लगाना मुश्किल हो रहा है हालांकि हमें उनसे निपटने का तरीका भी ढूंढ़ना होगा।
एचयूएल ने बदला था ‘आयुश’
गौरतलब है कि इससे पहले एफएमसीजी सेक्टर की बड़ी कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) ने मार्केट में अपनी मौजूदगी बढ़ाने के लिए अपने पुराने आयुर्वेदिक ब्रांड आयुश में जान डालने की कोशिश की थी। साथ ही पिछले साल दिसंबर में एक नया अधिग्रहण भी किया था।
पतंजलि के प्रभाव से निपटने को नई रणनीति
हिंदुस्तान यूनिलीवर के बाद अब एफएमसीजी सेगमेंट की दिग्गज कंपनी डाबर बाजार में लगातार बढ़ रहे पतंजलि के प्रभाव से निपटने को नई रणनीति बनाने में जुटा है। समय की मांग को ध्यान में रखते हुए डाबर न केवल अपने आयुर्वेदिक प्राॅडक्ट्स में बदलाव कर रही है बल्कि बाजार में नए प्राॅडक्ट्स लाॅन्च करने की योजना भी बना रही है।
तकरीबन 7800 करोड़ रुपये का व्यापार करने वाली कंपनी डाबर जल्द ही महिलाओं के हेल्थकेयर से जुड़े प्राॅडक्ट में कुछ बदलाव करने जा रही है। इसके बाद हेल्थ और बेबीकेयर सेगमेंट में नए प्राॅडक्ट लाॅन्च करने की भी उसकी योजना है। सबसे खास यह है कि अकेले 40 फीसदी की बिक्री देने वाले डाबर च्यवनप्राश में भी कंपनी कुछ बदलाव करने की सोच रही है ताकि वह इसकी बिक्री और ज्यादा बढ़ा सके।
महिलाओं के प्रोडक्ट्स बनेंगे बेहतर
डाबर इंडिया के मदर और चाइल्ड केयर के कैटिगरी हेड रामाराव धमीजा ने बताया, पहले हमारी योजना अपने पारंपरिक आयुर्वेदिक प्रसव उपरांत हेल्थ टाॅनिक दशमूलारिष्ट और पीरियड के दर्द से राहत की टाॅनिक अशोकारिष्ट को फ्रूट फ्लेवर में लाने की है। माॅडर्न फाॅरमेट में इसे लाॅन्च करने के पीछे हमारी योजना हेल्थ और टेस्ट के बीच का फर्क खत्म करना है।
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