शतरंज की खिलाड़ी और भारत की महिला ग्रैंडमास्टर सौम्या स्वामिनाथन को कहा गया कि अगर आपको चेस खेलने के लिए ईरान आना है तो सिर पर कफन बांधना पड़ेगा। मुस्लिमों में आजकल इस कफन का बड़ा चलन है। लड़कियों के सिर पर बांधे जाने वाले इस कफन को वो हिजाब कहते हैं। कहने के लिए कुछ भी कहें है, वो कफन ही जो एक नारी के आत्मसम्मान और स्वाभिमान की मौत की निशानी है।
लेकिन सौम्या ने अपना स्वाभिमान मरने नहीं दिया। अगले महीने उन्हें शतरंज खेलने के लिए ईरान बुलाया गया था लेकिन शर्त ये कि ईरान में रहने के दौरान उन्हें सिर पर कफन बांधना पड़ेगा। ईरान में गैर मुस्लिम लड़कियों को भी सिर पर कफन बांधना अनिवार्य है। सौम्या ने ये शर्त सुनी तो खुद को मुर्दा घोषित करने से इंकार कर दिया। वो सिर पर हिजाब या शरीर पर बुर्का नहीं पहनेगी भले ही उन्हे अपना दौरा रद्द ही क्यों न करना पड़े।
एक बहादुर और स्वाभिमानी लड़की की जितनी तारीफ की जाए, कम है।
No comments:
Post a Comment