कब्ज ????
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आजकल हर इंसान जिस रोग से ग्रसीत है वो कब्जियत है यह रोग आयुर्वेदानुसार खान पान के नियम के उल्लंघन करने से होता है...अपने वातावरण के विरुद्ध भोजनशैली अपनाने से , देर रात जागने से, तनाव से, शोक,दुःख, चिंता,ज्यादा तला, भुना चिकना व मसालेदार भोजन करने से , इस रोग के होने के बाद ही दूसरे भयानक रोग आते हैं।
कब्जियत ही कैंसर की माँ है कहना गलत नही होगा हम सूंदर दिखने के लिए कपड़े , शरीर को साफ करते हैं लेकिन जिस के कारण हमारा शरीर है उसका ख्याल नही (साफ सफाई) नही रखते हैं घर मे कोई आपके नापसंद चीजे डाल दे तो आप नाराज हो जाते हैं क्रोध करते हैं तो सोचिए आप अपने पेट में क्या डाल रहे हैं ????? इसका नाराज व क्रोध करना भी जायज है पेट हमारे शरीर का इंजन है जबतक इसे अच्छा ईंधन (भोजन) मिलेगा साथ देगा !!
कब्जियत के लक्षण :--
गैस बनना, पेट भरा भरा रहना,हवा पास नही होना, खट्टी डकार आना व जी मचलना जब ये तीव्र हो तो सरदर्द,पेटदर्द,पेट मे जलन,शरीर मे दर्द , गले में जलन आदि इसके लक्षण है ।
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आजकल हर इंसान जिस रोग से ग्रसीत है वो कब्जियत है यह रोग आयुर्वेदानुसार खान पान के नियम के उल्लंघन करने से होता है...अपने वातावरण के विरुद्ध भोजनशैली अपनाने से , देर रात जागने से, तनाव से, शोक,दुःख, चिंता,ज्यादा तला, भुना चिकना व मसालेदार भोजन करने से , इस रोग के होने के बाद ही दूसरे भयानक रोग आते हैं।
कब्जियत ही कैंसर की माँ है कहना गलत नही होगा हम सूंदर दिखने के लिए कपड़े , शरीर को साफ करते हैं लेकिन जिस के कारण हमारा शरीर है उसका ख्याल नही (साफ सफाई) नही रखते हैं घर मे कोई आपके नापसंद चीजे डाल दे तो आप नाराज हो जाते हैं क्रोध करते हैं तो सोचिए आप अपने पेट में क्या डाल रहे हैं ????? इसका नाराज व क्रोध करना भी जायज है पेट हमारे शरीर का इंजन है जबतक इसे अच्छा ईंधन (भोजन) मिलेगा साथ देगा !!
कब्जियत के लक्षण :--
गैस बनना, पेट भरा भरा रहना,हवा पास नही होना, खट्टी डकार आना व जी मचलना जब ये तीव्र हो तो सरदर्द,पेटदर्द,पेट मे जलन,शरीर मे दर्द , गले में जलन आदि इसके लक्षण है ।
आयुर्वेद के यम नियम के पालन से इस रोग से बच सकते हैं।
इसका घरेलू उपचार....
1- अदरक नमक की चटनी...
2- अदरक,निम्बू व पुदीने के मिश्रित रस...
3 - सौठ , काली मिर्च, पीपल की समान मात्रा का चूर्ण सुबह शाम...
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4- त्रिफला (1:2:3)एक अद्भुत औषधी है
हरड़े 100ग्राम चूर्ण ..
बहेड़ा 200 ग्राम चूर्ण...
आंवला 300 ग्राम चूर्ण..
को मिला ले ये त्रिफला 1:2:3 के अनुपात का कहलाता है ।
सेवन विधि...
1 चम्मच रात को गर्म पानी या दूध के साथ पेट की सफाई के लिए...
2- अदरक,निम्बू व पुदीने के मिश्रित रस...
3 - सौठ , काली मिर्च, पीपल की समान मात्रा का चूर्ण सुबह शाम...
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4- त्रिफला (1:2:3)एक अद्भुत औषधी है
हरड़े 100ग्राम चूर्ण ..
बहेड़ा 200 ग्राम चूर्ण...
आंवला 300 ग्राम चूर्ण..
को मिला ले ये त्रिफला 1:2:3 के अनुपात का कहलाता है ।
सेवन विधि...
1 चम्मच रात को गर्म पानी या दूध के साथ पेट की सफाई के लिए...
1 चम्मच सुबह नाश्ते से पहले शहद या गुड़ में मिलाकर खाये बाद में गर्म पानी या दूध पिये शारीरक पोषकता के लिये...
रात को पानी मे भिगो दें सुबह इससे बाल को धोये बालो के हर रोग के लिए...
रात को भिगो दें सुबह इसके पानी से आँखों को धोये आँखों के रोग के लिये....
मूली के साथ खाएं बबासीर व पीलिया के लिये...
100 से ज्यादा प्रयोग है इस त्रिफला के अलग अलग बीमारियों में...
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5- बेल का शर्बत,या बेल का गुदा ,या बेल का चूर्ण
6- अदरक व साबुत धनिया का काढ़ा से
7 - रात को दूध के साथ ईसबगोल खाने से
8- पुदीने का रस गुड़ के साथ
9 - सौठ ,बड़ी इलायची व दालचीनी के समान मात्रा का चूर्ण सुबह शाम
10- देशी गाय का मूत्र 1 कप सुबह खाली पेट
11- अरण्ड का तेल गर्म दूध या गर्म पानी के साथ रात को
12- मेथी के चूर्ण या पानी से
13- गर्म पानी मे निम्बू के रस से
14- रात्रि का रखा तांबे के बर्तन का पानी सुबह पीने से
15- रात को हीरा हींग का चूर्ण पानी के साथ तथा हीरा हींग को नाभि पर लगाने से
16- पीपल का चूर्ण गुड़ कद साथ
17- सौठ,अजवायन हरड़ की समान मात्रा का चूर्ण
18 - खट्टी छाछ या कांजी का पानी से
19- भुनी हींग,भुना जीरा,सौठ के चूर्ण सुबह शाम गुनगुने पानी से
20- कच्चे गाजर,मूली,हरि सब्जी,पपीता,रेशेदार फल का सेवन ...
21- दालचीनी का पाउडर दूध या पानी के साथ...
22- कच्चा लहसुन चबाने से...
23- फालसे के रस में सेंधा नमक व काली मिर्च मिलाकर पीने से...
24- सौठ का काढ़ा सेंधा नमक मिलाकर...
25- दही में बारीक प्याज के टुकड़े को खाने से..
26- राई का सेवन...
27- अंगूर का सेवन...
28- कच्चे प्याज के रस के सेवन से पेटदर्द , बदहजमी, वायु विकार,अफरा आदि से मुक्ती ।
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5- बेल का शर्बत,या बेल का गुदा ,या बेल का चूर्ण
6- अदरक व साबुत धनिया का काढ़ा से
7 - रात को दूध के साथ ईसबगोल खाने से
8- पुदीने का रस गुड़ के साथ
9 - सौठ ,बड़ी इलायची व दालचीनी के समान मात्रा का चूर्ण सुबह शाम
10- देशी गाय का मूत्र 1 कप सुबह खाली पेट
11- अरण्ड का तेल गर्म दूध या गर्म पानी के साथ रात को
12- मेथी के चूर्ण या पानी से
13- गर्म पानी मे निम्बू के रस से
14- रात्रि का रखा तांबे के बर्तन का पानी सुबह पीने से
15- रात को हीरा हींग का चूर्ण पानी के साथ तथा हीरा हींग को नाभि पर लगाने से
16- पीपल का चूर्ण गुड़ कद साथ
17- सौठ,अजवायन हरड़ की समान मात्रा का चूर्ण
18 - खट्टी छाछ या कांजी का पानी से
19- भुनी हींग,भुना जीरा,सौठ के चूर्ण सुबह शाम गुनगुने पानी से
20- कच्चे गाजर,मूली,हरि सब्जी,पपीता,रेशेदार फल का सेवन ...
21- दालचीनी का पाउडर दूध या पानी के साथ...
22- कच्चा लहसुन चबाने से...
23- फालसे के रस में सेंधा नमक व काली मिर्च मिलाकर पीने से...
24- सौठ का काढ़ा सेंधा नमक मिलाकर...
25- दही में बारीक प्याज के टुकड़े को खाने से..
26- राई का सेवन...
27- अंगूर का सेवन...
28- कच्चे प्याज के रस के सेवन से पेटदर्द , बदहजमी, वायु विकार,अफरा आदि से मुक्ती ।
""""""पानी के नियम का पालन करें ....स्वस्थ व समृद्ध भारत निर्माण हेतु एक अपील अनुरोध आग्रह विनती....
"""""स्वस्थ शरीर से धन कमाया जा सकता है लेकिन धन से स्वस्थ शरीर नहीं !!!
"""""आप से बेहतर आप के शरीर को कोई नही जान सकता 85% रोगों का इलाज आप स्वयं कर सकते हैं ।
आपको अपने भोजन को पहचानने की जरूरत है
साथ ही ये नियम का पालन करे....
साथ ही ये नियम का पालन करे....
1. खाना खाने के 90 मिनट बाद पानी पिये
2. फ्रीज या बर्फ (ठंडा) का पानी न पिये
3. पानी को हमेशा घुट घुट कर पिये ( गर्म दूध की तरह)
4. सुबह उठते ही बिना कुल्ला किये गुनगुना पानी पिये
5.खाना खाने से 48 मिनट पहले पानी पिये
6. सुबह में खाना खाने के तुरंत बाद पीना हो तो जूस पिये
7. दोपहर में खाना खाने के तुरंत बाद पीना हो तो मठ्ठा पिये
8. रात्रि में खाना खाने के तुरंत बाद पीना हो तो दूध पिये
9. उरद की दाल के साथ दही न खाए (उरद की दाल का दही बडा )
10.हमेशा दक्षिण या पूर्व में सर करके सोये
11. खाना हमेशा जमीन पर सुखासन में बैठ कर खाये
12. अलमुनियम के बर्तन का बना खाना न खाए(प्रेशर कुकर का )
13.कभी भी मूत्र मल जम्हाई प्यास छिक नींद इस तरह के 13 वेग को न रोकें
14. दूध को खड़े हो कर पानी को बैठ कर पिये
15. मैदा चीनी रिफाइंड तेल और सफेद नमक का प्रयोग न करे ( इसकी जगह पर गुड , काला या सेंधा नमक का प्रयोग करे)...।
2. फ्रीज या बर्फ (ठंडा) का पानी न पिये
3. पानी को हमेशा घुट घुट कर पिये ( गर्म दूध की तरह)
4. सुबह उठते ही बिना कुल्ला किये गुनगुना पानी पिये
5.खाना खाने से 48 मिनट पहले पानी पिये
6. सुबह में खाना खाने के तुरंत बाद पीना हो तो जूस पिये
7. दोपहर में खाना खाने के तुरंत बाद पीना हो तो मठ्ठा पिये
8. रात्रि में खाना खाने के तुरंत बाद पीना हो तो दूध पिये
9. उरद की दाल के साथ दही न खाए (उरद की दाल का दही बडा )
10.हमेशा दक्षिण या पूर्व में सर करके सोये
11. खाना हमेशा जमीन पर सुखासन में बैठ कर खाये
12. अलमुनियम के बर्तन का बना खाना न खाए(प्रेशर कुकर का )
13.कभी भी मूत्र मल जम्हाई प्यास छिक नींद इस तरह के 13 वेग को न रोकें
14. दूध को खड़े हो कर पानी को बैठ कर पिये
15. मैदा चीनी रिफाइंड तेल और सफेद नमक का प्रयोग न करे ( इसकी जगह पर गुड , काला या सेंधा नमक का प्रयोग करे)...।
आप से विनती है कि आप ऊपर के पांच नियम का पालन जरूर करेंगे क्योंकि स्वथ्य शरीर बहुत ही ज्यादा कीमती है ।
स्वथ्य शरीर से पैसा और खुशियाँ पाया जा सकता है लेकिन पैसा और समय से स्वस्थ शरीर नहीं पाया जा सकता है ।
अब आप को स्वयं चिकसक बनने की जरूरत है आप अपने शरीर को जितना जानते हैं उतना डॉक्टर नही जानता ।
आप अपने सगे संबंधियों व जाने अनजाने दोस्तों अर्थात हर इंसान तक इस संदेश को पहुँचाये।
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