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यह इस बात का प्रमाण है कि मानव सभ्यता के फलने-फूलने में हरियाणा का बड़ा योगदान है। राखीगढ़ी की सभ्यता, मैसोपोटामिया और मिस्र की सभ्यता के समकालीन मानी जा रही है। यहां शहर में पानी निकासी की व्यवस्था से लेकर बहुमंजिला मकान, शंख, पत्थर, मिट्टी के गहने मिले हैं। इससे साबित होता है कि तब भी लोग समुद्र से शंख और अन्य जगहों से पत्थर लाकर उनके गहने बनाते थे। कारोबार करते थे। यानी बिजनेस के लिए भी यह शहर काफी महत्व रखता था।
राखीगढ़ी की खोज 1963 में हुई लेकिन पहली खुदाई 1997 में शुरू हुई पुरातत्व विभाग इंडिया के पूर्व निदेशक डॉ अमरेंद्र नाथ की अगुवाई में। वे बताते हैं, आज की परंपराएं राखीगढ़ी की सभ्यता के अनुसार चल रही हैं। घरों में दक्षिण में चूल्हा नहीं होता था। आज की ही तरह उस वक्त भी सीवरेज और ड्रेनेज व्यवस्था थी। महिलाओं का समाज में ज्यादा सम्मान था। पुरुषों की तुलना में महिला कंकालों के साथ सामान ज्यादा मिला है। शादीशुदा महिला की मौत पर उसे शंख, मिट्टी, पत्थर के गहने पहनाकर दफनाया जाता था।
राखीगढ़ी के वजीर चंद सरावे के घर में म्यूजियम था। फिर उन्होंने धरोहर पुरातत्व विभाग को सौंप दी। वह कहते हैं कि राखीगढ़ी हरियाणा का गौरव है। हम कह सकते हैं कि सबसे पुरानी और समृद्ध् सभ्यता हमारी है। यहां जापान, यूएसए, हंगरी, पुर्तगाल, फ्रांस, कोरिया, रूस जैसे देशों से लोग यहां आते हैं।
Bhaskar News Jun 04, 2016 के अनुसार << सूर्य की किरण >>
यह इस बात का प्रमाण है कि मानव सभ्यता के फलने-फूलने में हरियाणा का बड़ा योगदान है। राखीगढ़ी की सभ्यता, मैसोपोटामिया और मिस्र की सभ्यता के समकालीन मानी जा रही है। यहां शहर में पानी निकासी की व्यवस्था से लेकर बहुमंजिला मकान, शंख, पत्थर, मिट्टी के गहने मिले हैं। इससे साबित होता है कि तब भी लोग समुद्र से शंख और अन्य जगहों से पत्थर लाकर उनके गहने बनाते थे। कारोबार करते थे। यानी बिजनेस के लिए भी यह शहर काफी महत्व रखता था।
राखीगढ़ी की खोज 1963 में हुई लेकिन पहली खुदाई 1997 में शुरू हुई पुरातत्व विभाग इंडिया के पूर्व निदेशक डॉ अमरेंद्र नाथ की अगुवाई में। वे बताते हैं, आज की परंपराएं राखीगढ़ी की सभ्यता के अनुसार चल रही हैं। घरों में दक्षिण में चूल्हा नहीं होता था। आज की ही तरह उस वक्त भी सीवरेज और ड्रेनेज व्यवस्था थी। महिलाओं का समाज में ज्यादा सम्मान था। पुरुषों की तुलना में महिला कंकालों के साथ सामान ज्यादा मिला है। शादीशुदा महिला की मौत पर उसे शंख, मिट्टी, पत्थर के गहने पहनाकर दफनाया जाता था।
राखीगढ़ी के वजीर चंद सरावे के घर में म्यूजियम था। फिर उन्होंने धरोहर पुरातत्व विभाग को सौंप दी। वह कहते हैं कि राखीगढ़ी हरियाणा का गौरव है। हम कह सकते हैं कि सबसे पुरानी और समृद्ध् सभ्यता हमारी है। यहां जापान, यूएसए, हंगरी, पुर्तगाल, फ्रांस, कोरिया, रूस जैसे देशों से लोग यहां आते हैं।
Bhaskar News Jun 04, 2016 के अनुसार << सूर्य की किरण >>
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