इसी जगह पर स्वामी विवेकानंद ने ध्यान लगाया था :
देवी कन्या कुमारी के नाम पर पड़ा जगह का नाम, यहां तीन सागरों का है संगम
तमिलनाडु के कन्याकुमारी एक शांत शहर है। शहर का नाम देवी कन्या कुमारी के नाम पर पड़ा है, जिन्हें भगवान कृष्ण की बहन माना गया है।
यह जगह चोला, चेरा, पण्ड्या और नायका राज्यों का घर रहा है। कला और धर्म-संस्कृति का पुराना गढ़ है। कन्याकुमारी में तीन समुद्रों-बंगाल की खाड़ी, अरब सागर और हिन्द महासागर का मिलन होता है। इस स्थान को त्रिवेणी संगम भी कहा जाता है।
समुद्र के बीच में इसी जगह पर स्वामी विवेकानंद ने ध्यान लगाया था। यहां उनकी विशाल आदमकद मूर्ति है। इसी के पास एक दूसरी चट्टान पर तमिल के संत कवि तिरूवल्लुवर की 133 फीट ऊंची मूर्ति है।कुमारी अम्मन देवी के मंदिर में देवी पार्वती को कन्या रूप में पूजा जाता है।
मंदिर 3000 साल से भी ज्यादा पुराना है। इस मंदिर को भगवान परशुराम ने स्थापित किया था।यहां महात्मा गांधी के अस्थि-अवशेषों को जिन कलशों में भरकर देश भर की पवित्र नदियों में प्रवाहित किया गया था, उनमें से एक कलश यहां पर रखा गया था।
कन्याकुमारी अपने सनराइज के लिए काफी प्रसिद्ध है। हर होटल की छत पर सैलानियों की भारी भीड़ सूरज की अगवानी के लिए जमा हो जाती है।
शाम को अरब सागर में डूबते सूरज को देखना भी रोमांच भरा रहता है।कन्याकुमारी के आसपास और तमिलनाडु में बहुत सारे टूरिस्ट प्लेस हैं जहां घूमा जा सकता हैं। कन्याकुमारी से करीब 400 किमी दूर स्थित रामेश्वरम हिंदू धर्म के चार धामों में से एक है।
यहां कई मंदिर हैं जो भगवान राम और शिव को समर्पित है। रामेश्वरम में 64 तीर्थ या पवित्र जल के स्त्रोत हैं, इनमें से 24 बहुत ही खास हैं।
रामेश्वरम के लिए देश के प्रमुख शहरों से रेल सेवा उपलब्ध है। यहां का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट मदुराई है। यहां सालभर गर्मी रहती है इसलिए कभी भी जाया जा सकता है। बारिश में यहां का नजारा अलग ही होता है।
Patrika news network 2016-06-05 के अनुसार << सूर्य की किरण >>
देवी कन्या कुमारी के नाम पर पड़ा जगह का नाम, यहां तीन सागरों का है संगम
तमिलनाडु के कन्याकुमारी एक शांत शहर है। शहर का नाम देवी कन्या कुमारी के नाम पर पड़ा है, जिन्हें भगवान कृष्ण की बहन माना गया है।
यह जगह चोला, चेरा, पण्ड्या और नायका राज्यों का घर रहा है। कला और धर्म-संस्कृति का पुराना गढ़ है। कन्याकुमारी में तीन समुद्रों-बंगाल की खाड़ी, अरब सागर और हिन्द महासागर का मिलन होता है। इस स्थान को त्रिवेणी संगम भी कहा जाता है।
समुद्र के बीच में इसी जगह पर स्वामी विवेकानंद ने ध्यान लगाया था। यहां उनकी विशाल आदमकद मूर्ति है। इसी के पास एक दूसरी चट्टान पर तमिल के संत कवि तिरूवल्लुवर की 133 फीट ऊंची मूर्ति है।कुमारी अम्मन देवी के मंदिर में देवी पार्वती को कन्या रूप में पूजा जाता है।
मंदिर 3000 साल से भी ज्यादा पुराना है। इस मंदिर को भगवान परशुराम ने स्थापित किया था।यहां महात्मा गांधी के अस्थि-अवशेषों को जिन कलशों में भरकर देश भर की पवित्र नदियों में प्रवाहित किया गया था, उनमें से एक कलश यहां पर रखा गया था।
कन्याकुमारी अपने सनराइज के लिए काफी प्रसिद्ध है। हर होटल की छत पर सैलानियों की भारी भीड़ सूरज की अगवानी के लिए जमा हो जाती है।
शाम को अरब सागर में डूबते सूरज को देखना भी रोमांच भरा रहता है।कन्याकुमारी के आसपास और तमिलनाडु में बहुत सारे टूरिस्ट प्लेस हैं जहां घूमा जा सकता हैं। कन्याकुमारी से करीब 400 किमी दूर स्थित रामेश्वरम हिंदू धर्म के चार धामों में से एक है।
यहां कई मंदिर हैं जो भगवान राम और शिव को समर्पित है। रामेश्वरम में 64 तीर्थ या पवित्र जल के स्त्रोत हैं, इनमें से 24 बहुत ही खास हैं।
रामेश्वरम के लिए देश के प्रमुख शहरों से रेल सेवा उपलब्ध है। यहां का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट मदुराई है। यहां सालभर गर्मी रहती है इसलिए कभी भी जाया जा सकता है। बारिश में यहां का नजारा अलग ही होता है।
Patrika news network 2016-06-05 के अनुसार << सूर्य की किरण >>
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