Saturday, 23 June 2018


सामूहिक दुष्कर्म मामला: दो आरोपी गिरफ्तार
फादर अल्फांसो को भी जेल ...

कोचांग के स्टॉपमन मेमोरियल मध्य विद्यालय के प्रभारी व सचिव फादर अल्फांसो आईंद के खिलाफ भी नामजद केस दर्ज किया गया था।


पत्थलगड़ी समर्थक नेता जॉर्ज जोनास किड़ो ने सामूहिक दुष्कर्म की साजिश रची

एडीजी (ऑपरेशन) आरके मल्लिक का दावा है कि पत्थलगड़ी समर्थक नेता जॉर्ज जोनास किड़ो ने सामूहिक दुष्कर्म की साजिश रची। इसके लिए उसने कोचांग से सात किमी दूर छोटा उड़ी जंगल में पत्थलगड़ी समर्थकों और पीएलएफआई के साथ बैठक की। बैठक में मौजूद अजूब और आशीष समेत छह लोगों को यह काम सौंपा गया। उसके बाद लड़कियों को अगवा कर इसी जंगल में लाकर गैंगरेप किया गया।


लड़कियों के साथ अगवा तीन पुरुष सदस्यों को जबरन पिलाया पेशाब

लड़कियों के साथ नाट्य मंडली से जुड़े तीन पुरुष सदस्यों को कोचांग से अगवा किया गया था। छोटा उड़ी जंगल में तीन आरोपियों ने बारी-बारी से पांच लड़कियों से दुष्कर्म किया। वहीं, तीन आरोपी उन पुरुष सदस्यों को गाड़ी में ही बंधक बनाकर पहरा देते रहे। ये तीनों दुष्कर्म की तस्वीरें खींचने के साथ वीडियो भी बना रहे थे। दुष्कर्म के बाद सभी उन तीनों पुरुष सदस्यों के पास पहुंचे। उनको पीटते हुए कहा-चलो, अपने-अपने हाथों में पेशाब करो। पेशाब को पीयो। तीन सदस्यों से जबरन अपना-अपना पेशाब पिलाया गया।

खूंटी के कोचांग से नुक्कड़ नाटक मंडली की पांच लड़कियों को अगवा कर सामूहिक दुष्कर्म मामले में शामिल दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दोनों आरोपी पश्चिम सिंहभूम जिला के हैं। वे पीएलएफआई से जुड़े होने के साथ पत्थलगढ़ी समर्थक हैं। गिरफ्तार आरोपियों में बंदगांव थाना क्षेत्र के लजनुली गांव का अजूब सांडी पूर्ति और और सोनुवा थाना क्षेत्र के बुडुमकेन गांव का आशीष लोंगो हैं। वहीं, लड़कियों के अगवा होने से लेकर उनसे दुष्कर्म की बात पुलिस से छुपाने और पूरे मामले को 24 घंटे से अधिक समय तक गुपचुप तरीके से मैनेज करने में जुटे रहे कोचांग के आरसी मिशन स्कूल के फादर अल्फांसो आईंद को भी शनिवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया। तीनों आरोपियों की प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में दप्रसं की धारा 164 के तहत स्वीकारोक्ति बयान दर्ज कराया गया। फिर उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।


फादर को पीआर बांड पर छोड़ा गया था

इधर, घटना की जांच के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम दिल्ली से खूंटी पहुंची अौर पूरे मामले की डीसी और एसपी से जानकारी ली गई। इस मामले में दो केस दर्ज किए गए थे। एक केस अड़की और दूसरा खूंटी के महिला थाने में दर्ज की गई थी। फादर अल्फांसो समेत उसके साथ हिरासत में ली गई दो सिस्टर एवं दो शिक्षकों को पूछताछ कर पीआर बांड पर छोड़ा गया था। साथ ही, पुलिस ने 4-5 अज्ञात पत्थलगड़ी समर्थकों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है।


दरिंदों ने बार-बार दुष्कर्म किया...हम रोए तो नाजुक अंगों में पिस्टल, लकड़ी...खैनी डाल दी: पीड़िता

पीड़िता ने बताया मंगलवार 19 जून को दोपहर 12:30 बजे होंगे। हम लोग कोचांग के स्टॉपमन मध्य विद्यालय में बच्चों के बीच नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत कर रहे थे। अभी 15 मिनट ही हुए थे कि दो बाइक पर सवार पांच लोग वहां पहुंचे। इन सभी की उम्र 25 के आसपास थी। एक लड़के ने इशारा कर नाटक रोकने को कहा और हमें अपने पास बुलाया। वहां फादर और दो सिस्टर सादे लिबास में उपस्थित थे। बाइक से आए युवकों ने हमें घेर लिया। पूछताछ करने लगे कि कहां से आए हो, क्या कर रहे हो। वे बोले-पुलिस की मुखबिरी करते हो। पुलिस ने ही तुम लोगों को यहां भेजा है मुखबिरी करने के लिए। हम लोगों ने कहा कि हमारा काम सिर्फ लोगों को जागरूक करना है। इसके बदले हमें पैसा मिलता है। इतना सुनते ही तीन युवकों ने पिस्टल निकाल ली और धमका कर गाड़ी में बैठने को कहा। बोले-हम लोग जांच करेंगे कि तुम पुलिस के लोग हो या नहीं, तभी छोड़ेंगे। हमने विरोध किया तो कहा कि गोली मार देंगे। तुम लोगों को नहीं मालूम कि इस एरिया में बिना पूछे आने की अनुमति नहीं है। इस क्षेत्र में हमारे आदेश के बिना सरकार भी नहीं आ सकती। इस दौरान फादर और दोनों सिस्टर चुप रहे। बाहर देखा एक लाल और एक नीली रंग की बाइक लगी है। नंबर प्लेट पर पेपर चिपका था। युवकों ने हमलोगों को उसी गाड़ी में बैठने को कहा जिससे हमारी टीम वहां पहुंची थी। एक युवक ने वहां खड़ी दोनों सिस्टर को भी गाड़ी में बैठने के लिए कहा, तभी वहां खड़े फादर ने कहा कि शी इज नन, इन्हें छोड़ दो। बाइक से आया युवक हमारी गाड़ी खुद चलाने लगा। एक बाइक गाड़ी के आगे और एक पीछे चल रही थी।


हमारे रोने का भी उनपर कोई असर नहीं पड़ा

पीड़िता ने बताया कि स्कूल से निकलने के आधा घंटा बाद हमलोग एक जंगल में पहुंचे। वहां पहुंचने के बाद पुरुष साथी को गाड़ी में ही बैठा दिया गया। हम पांचों युवतियों को वे कुछ दूर आगे जंगल में ले गए। इसके बाद मारपीट करने लगे और कपड़े उतारने को कहा। हम लोग गिड़गिड़ाने लगे, माफी मांगी कि अब कभी इस गांव में नहीं आएंगे। दो युवकों ने हम पर पिस्टल तान दी और धक्का देकर दो युवतियों को जमीन पर गिरा दिया। जबरन कपड़े उतरवाए। इसके बाद उनकी दरिंदगी शुरू हो गई। सभी हमारे ऊपर टूट पड़े और दुष्कर्म करना शुरू कर दिया। हमारे रोने का भी उनपर कोई असर नहीं पड़ा। दर्द से हमलोग कराह रहे थे, तभी एक युवक ने पेड़ से एक डाली तोड़ी और एक लड़की के नाजुक अंग में डाल दिया। एक युवक ने पिस्टल मेरे नाजुक अंग में डाल दिया। पास में खड़ा दूसरा युवक खैनी बना रहा था, उसने मेरे अंग में खैनी डाल दी। करीब चार घंटे तक उन लोगों ने जानवरों जैसा सलूक किया। इस दौरान उन लोगों ने हमारे ही मोबाइल से हमारा वीडियो बनाया और फोटो खींची। हमारे साथ जो पुरुष साथी थे उन्हें भी पीटा और कहा कि थूक कर चाटो, ताकि दोबारा यहां आने की हिम्मत न हो। युवकों ने कहा कि तुम लोगों को सबक सिखाना जरूरी था, ताकि यहां आने से पहले पुलिस भी कांप उठे। इसके बाद हमें गाड़ी में बैठाया और स्कूल के पास लाकर छोड़ दिया।


खुद को कमरे में बंद कर लिया

पीड़िता ने कहा- हम स्कूल पहुंचे तो सारी बात फादर और सिस्टर को बताई। उन्होंने कहा कि यह सब यहीं भूल जाओ। बात बाहर जाएगी तो मीडिया में फैल जाएगी। पुलिस को सूचना मिलेगी तो वे भी तुम्हे परेशान करेगी और अपराधियों को पता चलेगा तो तुम लोगों की जान भी जा सकती है। सिस्टर ने हम लोगों को गाड़ी में बैठाया और हम लोग खूंटी आ गए। मैं इतना परेशान थी कि घर आकर खुद को कमरे में बंद कर लिया। आत्महत्या करने का मन हो रहा था, लेकिन हिम्मत कर अगले दिन यह बात एक दीदी को बताई। उन्होंने हिम्मत दी और इसकी जानकारी पुलिस के बड़े अधिकारी को दी गई।

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