Sunday, 3 June 2018

जिस दौर में भारत की औसत जनता क्रिकेट और मनोरंजन में अपने अरबो मानव घंटे खर्च कर रही थी .उसी दौर में चीनी जनता हाड़तोड़ मेहनत के जरिये अपने मुल्क को मजबूत बना रही थी ...........इसी मेहनत के बदले चीन ने कई बार भारत को रौंदा ........1962 की हार का तो प्रत्यक्ष इतिहास है .इसके अलाबा भी मनमोहन के राज तक भारत लगभग हमेशा ही चीन के सामने भयभीत अबस्था में रहा ..............फिर दौर आया मोदी का 
सत्ता में आते ही मोदी ने सबसे पहले भारत चीन सीमा पर सुरक्षा ढांचा मजबूत करना शुरू किया और उसके साथ ही अपनी विदेश नीति को लुक ईस्ट की बजाय एक्ट ईस्ट में परिवर्तित कर ..........चीन को दुनिया भर में घेरना शुरू किया ......इस काम को अंजाम देने के लिए मोदी ने उन देशो के ताबड़तोड़ दौरे किये जिनके साथ चीन का पंगा चल रहा था .............इन्ही दौरों के दौरान तमाम देशो से भारत ने मिलिट्री समझौते किये तथा सम्बंधित देशो में अपने मिलिट्री मिशन को भेजने के साथ सैन्य अभ्यास तथा प्रशिक्षण के कार्यक्रम भी आयोजित किये गए ...........इस कड़ी में अब तक का अंतिम दौरा था इस्लामी मुल्क इंडोनेशिया का .........यहाँ की यात्रा के दौरान मोदी ने इंडोनेशिया सरकार के साथ कई मिलिट्री तथा आर्थिक समझौतों को अंजाम देने के साथ यहाँ के मंदिर तथा एक मस्जिद का दौरा किया .......अब अपने देश की उस मक्कार जनता की असलियत देखिये की उसने इस पूरे घटनाक्रम पर कही कोई संज्ञान नहीं लिया .......संज्ञान लिया तो सिर्फ इतना की मोदी मस्जिद में क्यों गया ........पवन अवस्थी.

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