Friday, 8 June 2018

बरगद भारत का "राष्ट्रिय वृक्ष" है.....बरगद या वट वृक्ष भारतीय भूमि का सबसे लंबी उम्र का पेड़ है.....इसे हिंदू धर्म में एक पवित्र पेड़ माना गया है....भारत में महिलाएं इस पवित्र वृक्ष की वट-सावित्री के अवसर पर पूजा करती हैं..... वट हिंदू धर्म के सभी तीन देवताओं का प्रतीक है – भगवान ब्रह्मा इस वृक्ष की जड़ें हैं, भगवान विष्णु छाल हैं तो भगवान शिव शाखाएं हैं.....जिस वृक्ष को पूजा जाता हो जिससे लंबी उम्र की कामना की जाती हो वह वृक्ष मानव जाति के लिए कितना लाभकारी होगा यह हम समझ सकते हैं...... आज विज्ञान इसके स्वरूप को जानकर इसका लाभ लेना चाहता है ...तो वहीं आयुर्वेद ने इसे हजारो वर्षो पहले ही मानव स्वास्थ्य के लिए लाभकारी सिद्ध किया है....।
बरगद के पत्ते बालो के लिए रामबाण है ...इसके उपयोग से गंजापन तक दूर किया जा सकता है.....बरगद के दूध की 4-5 बुँदे बताशे मे डालकर लेने से ह्रदय सम्बन्धी रोग एवं दस्त के रोगी को काफी लाभ मिलता है वही पौरुषत्व में भी लाभकारी है....बरगद के दूध की मालिश से चोंट-मोच की शिकायत आसानी से दूर हो जाती है,आदिवासी अंचल में घाव होने पर इसके पत्तो को गर्म कर बांधा जाता है,जो शीघ्र ही घाव को भर देता है.....इसकी जड़ो में एंटी-आक्सीडेंट,चेहरे की झुर्रियों को हटाता है....फ़टी एड़ियो में इसका दूध लगाने पर एड़िया जल्दी ठीक हो जाती है ....बरगद की छाल,दूध,पत्ते,कोपले और जड़े सभी बहुपयोगी है ,वही इसके नीचे की मिट्टी अनेक गुणों से परिपूर्ण होती हैं जो जैविक खाद का काम करती हैं.... पक्षी अपने बसेरे के लिए बरगद को अधिक पसंद करते हैं.... बरगद में सेकड़ो गुण है,बस इसे जानने की आवश्यकता है ।
...इस बारिश में आप भी एक बरगद अवश्य लगाए...।

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