Tuesday, 19 June 2018


कठुआ_कांड_के_बहाने_हिन्दू_धर्म_पर_कालिख_पोतने_की_कोशिश,#जानिये_आखिर_अचानक_क्यों_इंडिया_बन_गया_है_हिन्दूस्थान


दोहरे मापदंडों पर पीएचडी करनी हो तो छद्म लिबरल्स की दुनिया में आप का स्वागत है. इनसे अच्छा उदाहरण आप को कही और नहीं मिलेगा. दुनियां में जब भी कही आतंकवादी घटनाएं होती है तो , वैन ने कुचला, ट्रक ने कुचला, चाकू ने मारा या गुरमेहर कौर की तरह युद्ध का किया धरा है, ये बताते नहीं थकते. जब तक इनके पसंद का आतंकवाद होता है और इनके प्यारे लोग आतंकवाद करते हैं तब तक न तो आतंक का न तो कोई रंग होता है, न धर्म.

लेकिन जैसे ही इनके राडार से बाहर के लोगों से कुछ गलत हो जाता है, तो दोहरेपन में की गई पीएचडी पूरे शबाब पर आ जाती है. तब इनका रंग, ढंग , लोगों के भावनाओ से खेलने की प्रतिभा, लोगों को इकट्ठा करने की मशीनरी, किसी ने कुछ अलग बोल दिया तो उसको अदालत तक खींच लेने की दबंगई , जैसा की मधु किश्वर के साथ हुआ है, सब की सब इस तरह से हरकत में आती है कि बॉलीवुड या दुनिया का बड़े से बढ़ा कोरियोग्राफर भी इनसे पनाह मांग ले. इतना अच्छा सिंक्रोनाइजेशन तो शायद भगवान ही कर पाता है. लेकिन आज तो भगवान् भी शायद इनसे पनाह मांग रहा हैं.

यह तस्वीरे देखिये, क्या आपको लगता हैं ये कठुआ की रेप विक्टिम के लिए यह लोग न्याय चाहते हैं? सच तो यह हैं कि इन लोगो का मकसद रेप विक्टिम को न्याय दिलाने का हैं ही नही, इनका मकसद बिल्कुल साफ हैं, ये लोग हिन्दू धर्म को विश्व पटल पर बदनाम करना चाहते हैं. हिन्दुओ को रेपिस्ट साबित करना चाहते हैं और हैरानी की बात देखिये की यह वही खेमा हैं जो एक विशेष समुदाय के आतंकवादियों और अपराधियों के लिए यह कहते नही थकता कि “आतंक का, अपराधियों का कोई धर्म नही होता” क्योकि तब अपराध इनकी पसन्द का होता हैं.

ये देखिये रेप विक्टिम के लिए डिजाइनर कैम्पेन की हिस्सा रही अभिनेत्री हुमा कुरैशी को टैग करके मुस्लिम इमाम द्वारा मस्जिद में हुए बलात्कार पर राय माँगी गयी तो तुरन्त इन्हें दिव्य ज्ञान की प्राप्ति हो गयी कि अपराधी का कोई धर्म नही होता रेप सिर्फ रेप होता हैं इसको धार्मिक रंग देकर राजनीति नही करनी चाहिए जबकि खुद बड़ा सा पोस्टर लेकर हाथ में खड़ी थी देवी-स्थान और हिन्दू-स्तान लिखा हुआ, यह हैं इनकी हिप्पोक्रेसी.

देश को भारत इंडिया कहने वाले लोग अचानक ही देश को “हिन्दू”स्तान कहने लगते हैं। आप जरा नेट पर सर्च करिये सैकड़ो ऐसी खबर मिलेगी की चर्च, मदरसे और मस्जिद में छोटी छोटी बच्चियों के रेप की, पर क्या आप ऐसी तस्वीरें उनके धार्मिक प्रतीकों के साथ वायरल होने की कल्पना कर सकते हैं? चार्ली हेब्दो जैसा कांड दुबारा दुहरा दिया जायेगा और यही छद्म लिबरल खेमा उसे यह कहते हुए जस्टिफाई करता नजर आएगा की अगर किसी की धार्मिक भावना को भड़काओगे तो यही होगा जैसे चार्ली हेब्दो वाले मामले में कुछ बीमार मानसिकता के लोगो ने किया था।

यह सारा मामला “हिन्दू बलात्कारी होते हैं ” का नैरेटिव सेट करने का हैं, इसके लिए विदेशों तक से फंडिंग हो रही हैं, प्रोफेशनल्स की टीम ने पोस्टर्स डिज़ाइन किए, देवी-स्थान/ हिंदू-स्थान/ हिंदू प्रतीकों पर निशाना साधा गया है. फ़ोटो/ट्वीट्स/फेसबुक पोस्ट को मंझे हुए लोग सुनियोजित तरीक़े से तैयार कर रहे हैं। वरना आप ही सोचिए अचानक चार महीने बाद एक दिन एक समय पर एक जैसे पोस्टर और कंटेंट के साथ बॉलीवुड सेलेब्रेटी ट्विटर पर शर्म महसूस करने लग गए जबकि केरल से लेकर बंगाल तक लगभग हर दूसरे दिन एक से बढ़कर एक विभत्स बलात्कार की खबरे आती रहती हैं लेकिन इन्हें उसका कोई फर्क नही पड़ता क्योकि यह उनके नरेटिव को सूट नही करता। इन्होंने इस कदर माहौल बिगाड़ रखा हैं कि आप कभी पाकिस्तानियों से सोशल मीडिया पर बात करिये आप पायेंगे कि वह धड़ल्ले से हिन्दुओ को बलात्कारी कहते हैं, आप उन्हें terrorist कहिये वो आपको rapist कहेंगे।

सवाल हैं यह सब आखिर किसलिये? ताकि हिन्दू धर्म के लिए घृणा का माहौल वैश्विक पटल पर बनाया जा सके, आम हिन्दू जो खुद को गर्व से हिन्दू बोलते हैं वह हिन्दू होने पर शर्म महसूस करे, एक बार हमारा हिंदुत्व से नाता टूटा तो खत्म हुई हमारी सभ्यता. वरना आप ही सोचिए सीरिया इराक में यजीदी महिलाओ के साथ कितना विभत्स बलात्कार हुआ पर मजाल हैं किसी ने बलात्कारियों का धर्म बताया हो.

क्या रेप कल्चर भारतीय सभ्यता का हिस्सा हैं, यह देखिये कुछ आंकड़े वर्ष 2016 के

अमेरिका : 32 करोड़ की जनसँख्या पर 70046 बलात्कार के
मामले दर्ज हुए।
भारत : 132 करोड़ की आबादी पर 38947 बलात्कार के
मामले।

पर हॉलीवुड की कोई अभिनेत्री अपने देश को बदनाम करते हुए प्लेकार्ड लेकर नही खड़ी हुई।

खैर जिस भगवान शंकर के त्रिशूल के प्रतीक का अपमान किया जा रहा हैं उसका अर्थ आप सभी समझ लें की त्रिशूल क्या है?

त्रिदेव – ब्रह्मा विष्णु महेश
सरस्वती लक्ष्मी काली
3 बल – सृजन, रखरखाव, विनाश
3 काल – भूत, वर्तमान, भविष्य
3 गुण -सत, रज, तम
3 स्थान- स्वर्ग, भू, पाताल
3 ताकत – इच्छाशक्ति, मेहनत, विवेक
3 कष्ट- शारीरिक, मानसिक, आधात्मिक

No comments:

Post a Comment