फोर्ड_इंडिया_में_क्यों_नहीं_बनती
क्या आपको पता है भारत में भारत में मैनुफैक्चरिंग को रोकने के लिए, भारतीय रुपए की कीमत लगातार गिराने के लिए और विदेशी आयात को बढ़ाने के लिए राहुल गांधी के परिवार ने क्या क्या नियम बना रखे थे ?
इंदिरा गांधी के समय पांच लाख से ज्यादा कोई निवेश नहीं कर सकता था, स्किल डेवलपमेंट के बजाय वामपंथी साहित्य को आसानी से भारतीय शिक्षण व्यवस्था में घुस जाने दिया गया, जिसने व्यवसाइयों के बजाय केवल नौकरशाह तैयार किए, और उनसे देश निर्माण के बजाय हमेशा हड़ताल करवाई,
निजी आय के लिए 97 प्रतिशत तक टैक्स स्लैब रखा गया, मतलब कि यदि कोई कुछ करना भी चाहे तो उसका सारा पैसा टैक्स देने में ही चला जाए, भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया गया, क्योंकि जहां हमें 12 पर्सेंट और 18 पर्सेंट जीएसटी भी अधिक लगता है, 97 पर्सेंट टैक्स देकर सफेद धन कौन इस्तेमाल करना चाहेगा,
गरीबों के लिए बैंकिंग सिस्टम के दरवाजे बिलकुल बंद थे, बिना किसी आय के केवल नोट छापकर अमीरों को लोन बांटे जाते थे, जिनके वापस आने का कोई मतलब नहीं था, जिस घाटे को और अधिक नोट छाप कर दूर किया जाता था, जिससे बिना किसी मैनुफैक्चरिंग या एक्सपोर्ट के भारतीय रुपए की कीमत गिरती जाती थी और महंगाई बढ़ती जाती थी !!
और आज,
राहुल गांधी #मुद्रा_योजना का मजाक उड़ाता है, जो केवल छोटे-छोटे स्वरोजगारियों को ही लोन उपलब्ध करवाती है, और अब तक 10 करोड़ दुकानदारों या अपना काम करने वालों को लोन उपलब्ध करवा चुकी है,
राहुल गांधी #जन_धन_योजना का मजाक उड़ाता है, 2014 से अब तक 30 करोड़ जनधन खाते खोलकर पहली बार गरीबों को बैंकिंग व्यवस्था मैं लाया गया, और आज राहुल गांधी कह रहा है कि गरीबों के लिए बैंकों के दरवाजे बंद हैं, आज भी यदि गरीबों के लिए बैंकों के दरवाजे बंद हैं तो उन गरीबों के नाम हैं विजय माल्या, भूषण स्टील, रिलायंस कम्युनिकेशन एयरसेल जिन से पहले लिया गया सब खाया पिया वसूल किया जा रहा है !!
राहुल गांधी #मेक_इन_इंडिया के बब्बर शेर का भी मजाक उड़ाता है, उसमें उसे घड़ियां चलती हुई दिखती हैं, और पूछ रहा है कि फोर्ड बनाने वाला मैकेनिक कहां है ??
राहुल गांधी #स्किल_इंडिया का भी मजाक उड़ा रहा है, लगता है आलू सोना मशीन कि जैसे फोर्ड बनाने के लिए भी कोई मेकेनिकल शिक्षा की जरूरत नहीं, राहुल का बाप 5 वीं कक्षा की शिक्षा के बाद से स्किल डेवलपमेंट शुरू करवाता तो आज उसे यह चुटकुले सुनाने नहीं पड़ते,
सरकारी नौकरियों के पीछे भगा भगा कर हमें नौकर बना दिया, आज मंदबुद्धि कह रहा है कि भारत के पास हुनर और स्वरोजगार हैं,
अमेरिका के मैकडोनाल्ड में उसे रोजगार दिख रहा है भारत का पकौड़े बेचने वाला रोजगार नहीं !!
बैंकों द्वारा बांटे गए लोन लाभार्थियों की नेट वर्थ देखेंगे तो पाएंगे कि आजादी से 2014 तक केवल करोड़पतियों और अरबपतियों के ही पेट में सारा लोन गया है, जब आज मुद्रा लोन लेने वालों के आंकड़े उसने देखे होंगे तो अब उसे ढाबे वाले में स्वरोजगार दिख रहा है !!
वाह भाई वाह थूक कर चाटने वाले, हरामीपने का एक नया रिकॉर्ड कायम कर दिया आपने तो !!
राहुल गांधी को तय करना चाहिए वह स्वरोजगार के पक्ष में है या नौकरी करने के पक्ष में,
उसे तय करना चाहिए कि मुद्रा लोन के पक्ष में है या विजय माल्या को लोन देने के पक्ष में,
वह चिदंबरम के साइन से अमीरों के लोन पास कराना चाहता है या जनधन योजना के पक्ष में है,
वह मेक इन इंडिया के पक्ष में है, या अब मैकडोनाल्ड और कोकाकोला भी विदेश से इंपोर्ट करने पड़ेंगे ?
वह स्किल इंडिया के पक्ष में है या वह मानता है कि कोई भी काम करने के लिए किसी स्किल की जरूरत है फिर भले ही जुकाम के इलाज के लिए भी एंटोनिया बानो का अमेरिका जाना पड़े !!
स्किल इंडिया की जरूरत नहीं है मेक इन इंडिया के बब्बर शेर की भी जरूरत नहीं है मुद्रा लोन की भी जरूरत नहीं है जनधन योजना का तो कहना ही क्या सब कुछ कैश चलना चाहिए, लेकिन पप्पू प्यारे को सवाल भी पूछना है कि फोर्ड इंडिया में क्यों नहीं बनती !!
वैसे भारत में फोर्ड इसलिए नहीं बनती क्योंकि #भारत_में_टाटा_और_महिंद्रा_बनती_हैं !!
No comments:
Post a Comment