'हिन्दू रिलिजियस एंड चेरिटेबल एंडोमेंट एक्ट-1951' के तहत लाखों मंदिर सरकार के कंट्रोल के अंदर है।
इसमें से चढ़ावे के रूप में जो करोडों रुपये कलेक्ट होते हैं उसका 18 प्रतिशत ही मंदिर को वापिस किया जाता उसके अपने उद्देश्य और मरम्मत के लिए और बाकी का 82 प्रतिशत वैसे कार्यों में खपत होते जिसका कि हिन्दू हित से कुछ भी लेना देना नहीं है, उल्टे हिन्दू विरोधी कार्यों में खपत होते हैं।
इसमें से चढ़ावे के रूप में जो करोडों रुपये कलेक्ट होते हैं उसका 18 प्रतिशत ही मंदिर को वापिस किया जाता उसके अपने उद्देश्य और मरम्मत के लिए और बाकी का 82 प्रतिशत वैसे कार्यों में खपत होते जिसका कि हिन्दू हित से कुछ भी लेना देना नहीं है, उल्टे हिन्दू विरोधी कार्यों में खपत होते हैं।
जब भारत सेकुलर कंट्री है तो केवल मंदिर ही सरकारी कंट्रोल में क्यों ?
चर्च, महजिद क्यों नहीं ??
इनकी अपनी स्वतंत्र बोर्ड्स क्यों हैं??
हिन्दू मंदिरों का हिसाब माँगने वाले अपने चर्च या महजिद का ब्यौरा क्यों नहीं देते हैं??
चर्च, महजिद क्यों नहीं ??
इनकी अपनी स्वतंत्र बोर्ड्स क्यों हैं??
हिन्दू मंदिरों का हिसाब माँगने वाले अपने चर्च या महजिद का ब्यौरा क्यों नहीं देते हैं??
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