भाजपा शासित राज्यों में नकली दलित आंदोलन पैदा करने के लिए माओवादियों को कांग्रेस कर रही है फंडिंग!
चिट्ठी से हुआ बड़ा खुलासा!
महाराष्ट्र के आतंकवादी निरोधी दस्ता (ATS) ने भीमा कोरेगांव समेत पूरे देश में हिंसा और उत्पात मचाने के आरोप में प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई-माओवादी) के पांच कम्युनिस्ट आतंकियों को गिरफ्तार कर एक बड़ा खुलासा किया है। एटीएस ने दिल्ली, नागपुर और मुंबई जैसे कई शहरों में छापे मारकर इन आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है। इन आतंकवादियों के पास से हथियार, माओवादी साहित्य और एक पत्र मिला है। इस पत्र से तो कई विस्फोटक खुलासे हुए हैं। भाजपा शासित राज्यों में फर्जी दलित आंदोलन के जरिए अराजकता पैदा करने के लिए माओवादियों को कांग्रेस द्वारा फंडिंग का खुलासा इस चिट्ठी से हुआ है। इस पत्र के भाषा से स्पष्ट है कि कांग्रेस-माओवादियों का गठबंधन भाजपा शासित राज्यों को दहलाने की कोशिश में जुटी हुई है।एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए कम्युनिस्ट आतंकियों में दिल्ली स्थित कमिटी फॉर रिलीज ऑफ पोलिटिकल प्रिजनर (सीआरपीपी) की रोमा विल्सन, एक दलित समूह एल्गार परिषद के संचालक सुधीर धावले, रिपब्लिक पैंथर्स जाति के नेता अंताची चालवाल तथा नागपुर स्थित इंडियन एसोसिएश ऑफ पिपुल्स लॉयर सुरेंद्र गाडलिंग शामिल हैं। खास बात ये है कि ये सारे के सारे अलग-अलग शहरों में माओवादी गतिविधि चलाने वाले बड़े नेता हैं।किसानों को रोते, बिलखते, गिड़गिड़ाते हुए देखो। ये रहम की भीख मंग रहे है उन रहिस और बीके हुए किसानों के आगे।
उन किसानों से एक बात पूछना चाहता हूँ की एक बार भी दया नही है की किसी किसान के सामने उसके बेटे के दूध का ड्रम छीन कर रोड पर डालते हुए। और किसी गरीब की सब्जियो को रोड पे बिखेरते हुए।
शर्म करो कांग्रेसियो और रहिस किसानों जो गरीब और मध्यम वर्ग के कुसनो की रोजी रोटी को बर्बाद कर रहे हो।
इनकी हाय और बदुआ तुम्हे जीने नही देगी।
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गेंहू की ट्राली जो गेंहू विक्रय केंद्रों पर गेंहू बेचने को जा रही है उसे कॉन्ग्रेसी रोककर ट्रेक्टर के पहिये में पंचर कर दे रहे है. जिससे गांव की सड़क बन्द हो जा रही है, गांव की सब्जी गांव से बाहर नही निकल पा रही..किसान परेशान. कि बच्चे कैसे पाले..लेकिन कॉन्ग्रेसिये ढिढोरा पिट रहे है कि किसान आंदोलन कर रहा है..
2019 के महाभारत के लिए रचे जा रहे चक्रव्यूह के ये सात चक्र , क्या नरेंद्र मोदी और बीजेपी इस चक्रव्यूह को भेद पाएंगे ?????
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(1)किसान आंदोलन (सभी बीजेपी शासित राज्यों में )
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(1)किसान आंदोलन (सभी बीजेपी शासित राज्यों में )
(2) आरक्षण आंदोलन (गुर्जर--राजस्थान, जाट--हरियाणा, पटेल--गुजरात, सवर्ण समाज --यू पी, बिहार )
(3) सेना, अर्ध सैनिक बल(खाना, living conditions, शहीद सैनिक , सातवाँ वेतन आयोग, OROP )
(4)नक्सलवाद,माओवाद।
(5) आतंकवाद
(6) प्रेसस्टिट्यूट मीडिया
(7)वामपंथी बुद्धिजीवी।
और इन चक्रों की रचना करने वाले हैं सेकुलर,वामपंथी विपक्षी दल और विदेशी ताकतें।
और इन चक्रों की रचना करने वाले हैं सेकुलर,वामपंथी विपक्षी दल और विदेशी ताकतें।
हमें इस महाभारत में अपनी भूमिका तय कर लेना होगा कि हम किस के साथ खड़े होंगे ???
मोदी के साथ या विपक्षी दलों के षड्यंत्र के साथ ?
मिज़ोरम के चर्चों की हिम्मत देखिये, वहां के हाल ही में नियुक्त हुए राज्यपाल कुम्मानम राजशेखरन को वापस जाने के लिये कह रहे हैं।
क्यों कि मिज़ोरम ईसाई बहुल प्रदेश है और राजशेखरन आरएसएस से जुड़े हुए एक कट्टर हिन्दू राष्ट्रवादी हैं।
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ये महोदय क्या आपको किसी भी कोने से अंग्रेज नजर आ रहे है ...लेकिन इनका नाम हो रोना जैकब बिलसन .....ये मानवाधिकारवादी है और लेकिन इनका नाम भीमा कोरेगाव की हिंसा में शामिल पाया गया है जिसके कारण महाराष्ट्र पुलिस की स्पेशल टीम ने दिल्ली पुलिस की मदद से इनको दिल्ली में पकड़ा है ..!!!
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