सहरसा. पिंकी कुमारी बिहार के कोसी इलाके की पहली महिला लोको पायलट बन गई हैं. गया के किसान किशोरी चंद्र की बड़ी बेटी पिंकी ने कोसी की पहली महिला रेलचालक बनने का गौरव प्राप्त कर राज्य की महिलाओं के लिए मिसाल बन गयी है.
चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी पिंकी 24 दिसंबर को सहरसा में महिला सहायक ट्रेन चालक के रूप में ज्वाइन करने के बाद साल के अंतिम दिन गुरुवार को स्वतंत्र रूप से 55570 सहरसा-मधेपुरा सवारी गाड़ी को लेकर रवाना हुईं.मुख्य लोको निरीक्षक अशोक कुमार के व लोको पायलट टीके मिश्रा के साथ प्लेटफार्म संख्या-एक से लाइन क्लियर मिलने के बाद पायलट सीट पर बैठ कर ट्रेन को आगे बढ़ायी.
पहली बार सहरसा में महिला सहायक ट्रेन पायलट को ट्रेन चलाते देखने के लिए यात्रियों की भीड़ उमड़ पड़ी थी. मालूम हो कि हाल ही के दिनों समस्तीपुर रेल मंडल में पिंकी से पहले और तीन महिला सहायक ट्रेन पायलट की प्रतिनियुक्ति हो चुकी है.किसान परिवार की बेटी होने के कारण सहायक चालक पिंकी हमेशा से ही प्रतिभावान की तरह अपने मां-बाप के साथ अपने शहर के नाम को रौशन करना चाहती थी.
वर्ष 2015 में बीए पास करने के साथ-साथ वर्ष 2010-12 सत्र के दौरान गया में ही आइटीआइ की शिक्षा हासिल करने के बाद पिंकी ने 15 जून, 2014 को रेलवे भरती बोर्ड द्वारा मुजफ्फरपुर में आयोजित सहायक लोको पायलट की परीक्षा में सफलता हासिल की.इसके बाद चार अगस्त 2015 से 19 दिसंबर 2015 तक जमालपुर में सहायक चालक का प्रशिक्षण लेने के बाद वह पहली बार सहरसा में अपना योगदान दी है.
इसकी प्रतिनियुक्ति पर मुख्य क्रू नियंत्रक सतीश चंद्र झा सहित अन्य अधिकारियों ने महिला चालक को विभाग द्वारा हर तरह की सुविधाओं पर ख्याल रखने की बात कही.
चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी पिंकी 24 दिसंबर को सहरसा में महिला सहायक ट्रेन चालक के रूप में ज्वाइन करने के बाद साल के अंतिम दिन गुरुवार को स्वतंत्र रूप से 55570 सहरसा-मधेपुरा सवारी गाड़ी को लेकर रवाना हुईं.मुख्य लोको निरीक्षक अशोक कुमार के व लोको पायलट टीके मिश्रा के साथ प्लेटफार्म संख्या-एक से लाइन क्लियर मिलने के बाद पायलट सीट पर बैठ कर ट्रेन को आगे बढ़ायी.
पहली बार सहरसा में महिला सहायक ट्रेन पायलट को ट्रेन चलाते देखने के लिए यात्रियों की भीड़ उमड़ पड़ी थी. मालूम हो कि हाल ही के दिनों समस्तीपुर रेल मंडल में पिंकी से पहले और तीन महिला सहायक ट्रेन पायलट की प्रतिनियुक्ति हो चुकी है.किसान परिवार की बेटी होने के कारण सहायक चालक पिंकी हमेशा से ही प्रतिभावान की तरह अपने मां-बाप के साथ अपने शहर के नाम को रौशन करना चाहती थी.
वर्ष 2015 में बीए पास करने के साथ-साथ वर्ष 2010-12 सत्र के दौरान गया में ही आइटीआइ की शिक्षा हासिल करने के बाद पिंकी ने 15 जून, 2014 को रेलवे भरती बोर्ड द्वारा मुजफ्फरपुर में आयोजित सहायक लोको पायलट की परीक्षा में सफलता हासिल की.इसके बाद चार अगस्त 2015 से 19 दिसंबर 2015 तक जमालपुर में सहायक चालक का प्रशिक्षण लेने के बाद वह पहली बार सहरसा में अपना योगदान दी है.
इसकी प्रतिनियुक्ति पर मुख्य क्रू नियंत्रक सतीश चंद्र झा सहित अन्य अधिकारियों ने महिला चालक को विभाग द्वारा हर तरह की सुविधाओं पर ख्याल रखने की बात कही.
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