पूना के मंचर में भाग्यलक्ष्मी नाम से चल रही डेयरी का दूध अंबानी परिवार, अमिताभ बच्चन, सचिन तेंडुलकर जैसी सेलिब्रिटी तक पीते हैं। यह फार्म 27 एकड़ में फैला है। इसमें 3500 गाय, 75 कर्मचारी, 12000 कस्टमर, 80 रुपए लीटर दूध।
फार्म के मालिक देवेंद्र शाह अपने आप को देश का सबसे बड़ा ग्वाला कहते हैं। वे कपड़े का धंधा छोड़ दूध के कारोबार में आए। ‘प्राइड ऑफ काउ’ प्रोडक्ट 175 कस्टमर्स के साथ शुरू किया था, आज उनके मुंबई और पूना में 12 हजार से ज्यादा कस्टमर है। इनमें कई सेलेब्स भी शामिल हैं।

यहां गायों को मिलने वाली सुविधाएं
> गायें आरओ का पानी पीती है। 24 घंटे बजते रहते हैं गाने।
> मौसम के हिसाब से डॉक्टर बताता है गायों का डाइट।
> दूध निकालते समय रोटरी में जब तक गाय रहती है, जर्मन मशीन से उसकी मसाज होती रहती है।
> गायों के लिए बिछाया गया रबर का मैट दिन में 3 बार साफ होता है।
> गायें आरओ का पानी पीती है। 24 घंटे बजते रहते हैं गाने।
> मौसम के हिसाब से डॉक्टर बताता है गायों का डाइट।
> दूध निकालते समय रोटरी में जब तक गाय रहती है, जर्मन मशीन से उसकी मसाज होती रहती है।
> गायों के लिए बिछाया गया रबर का मैट दिन में 3 बार साफ होता है।

डेयरी के बारे में कुछ रोचक बातें
> यहां 54 लीटर तक दूध देने वाली गाय है।
> पुराने कस्टमर की रेफरेंस के बिना नहीं बनता नया कस्टमर।
> हर साल 7-8 हजार पर्यटक फार्म घूमने आते हैं।
> यहां 54 लीटर तक दूध देने वाली गाय है।
> पुराने कस्टमर की रेफरेंस के बिना नहीं बनता नया कस्टमर।
> हर साल 7-8 हजार पर्यटक फार्म घूमने आते हैं।

दूध निकालने से लेकर पैकिंग तक नहीं लगता इंसानी हाथ
> गाय का दूध निकालने से लेकर बॉटलिंग तक का पूरा काम ऑटोमैटिक होता है।
> फार्म में दाखिल होने से पहले पैरों पर पाउडर से डिसइंफेक्शन करना जरूरी है।
> दूध निकालने से पहले हर गाय का वजन और तापमान चेक होता है।
> बीमार गाय सीधे अस्पताल में भेजी जाती है।
> दूध सीधा पाइपों के जरिए साइलोज में और फिर पॉश्चुराइज्ड होकर बोतल में बंद हो जाता है।
एक बार में 50 गाय का दूध निकाला जाता है जिसमें सात मिनट लगते हैं।
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> गाय का दूध निकालने से लेकर बॉटलिंग तक का पूरा काम ऑटोमैटिक होता है।
> फार्म में दाखिल होने से पहले पैरों पर पाउडर से डिसइंफेक्शन करना जरूरी है।
> दूध निकालने से पहले हर गाय का वजन और तापमान चेक होता है।
> बीमार गाय सीधे अस्पताल में भेजी जाती है।
> दूध सीधा पाइपों के जरिए साइलोज में और फिर पॉश्चुराइज्ड होकर बोतल में बंद हो जाता है।
एक बार में 50 गाय का दूध निकाला जाता है जिसमें सात मिनट लगते हैं।
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ये है भारतीय नस्ल की गीर गाय। जिसने ब्राज़ील मे 77.56 किलो दूध एक दिन में देकर विश्व कीर्तिमान बनाया है। ब्राज़ील नें हमारी देशी गाय का महत्व समझा और उस का पालन व संवर्धन किया। और हमारे देश की पिछली सरकारों ने गीर गाय को बचाने और संवर्धन करने का प्रयास न करके सुअर व गाय की क्रास अमेरिकन व जर्सी गायों को बढाने में जी जान लगा दी, जिनका दूध व घी बिल्कुल भी उत्तम नहीं है। किसी साजिश के तहत राष्ट्र की पीढियों को मानसिक व शारीरिक रुप से कमजोर करने की योजना अमल में लाई गई।
केवल भारतीय देशी गाय का दूध, घी, गोमूत्र व गौमय स्वास्थ्य की दृष्टि से सर्वोत्तम होता है। देशी गायों के उत्पादों का सेवन करके ही आप अपने बच्चों को मानसिक व शारीरिक रुप से बलिष्ठ बना सकते हैं।
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