Friday, 8 January 2016

डकैतियों और झपटमारीमें शामिल रहते थे :
संघ ने नेता सिद्धि नाथ ने बदल दी मुस्लिम बाहुल गांव की तस्‍वीर और तकदीर 
मुस्लिम बाहुल गांव हफुआ की तस्‍वीर बदल गई है। राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ के एक कार्यकर्ता सिद्धि नाथ सिंह मुफ्त में हजारों युवाओं को स्किल ट्रेनिंग और जीवनयापन के लिए रोजगार के तरीके मुहैया करा रहे हैं।
उन्‍होंने मुस्लिम बाहुल इस गांव की प्रगति में योगदान दिया है। कभी इस गांव के युवाओं का रुझान अपराध की तरफ था, जिन्‍हें पिछले दो दशक से नि:स्‍वार्थ सेवा के जरिये सिंह ने मुख्‍यधारा में जोड़ने का काम किया है। यही वजह है कि स्‍थानीय युवाओं के लिए वह एक सम्‍मानित व्‍यक्‍ित हैं।
सिंह बिहार और झारखंड में क्षेत्रीय संचालक हैं। इसके अलावा वह संघ की सामाजिक विकास शाखा राष्‍ट्रीय सेवा भारती के अध्‍यक्ष भी हैं। झारखंड के रामगढ़ जिले के इलेक्‍िट्रसिटी हब पट्राटू में रहने वाले सिंह अपनी फर्म कल्‍पतरु के जरिये देश के हजारों युवाओं को मुफ्त में स्किल ट्रेनिंग मुहैया करा रहे हैं।
इसके साथ ही वह युवाओं के जीवनयापन के लिए भी व्‍यवस्‍था करा रहे हैं। इंजीनियर से उद्यमी बने सिंह को जो बात औरों से अलग करती है, वह है उनका समर्पण। इसके जरिये वह हफुआ के हर युवक की जिंदगी बदल रहे हैं। राजधानी रांची से करीब 70 किमी उत्‍तर में बसे इस गांव की आबादी करीब एक हजार है।
दो दशक पहले हफुआ का एक मात्र उल्लेख पुलिस और खुफिया एजेंसियों को सचेत करने के लिए प्रयोग किया जाता है। इस गांव के अधिकांश युवक रामगढ़ और रांची में बैंक डकैतियों और चेन छीनने की घटनाओं में शामिल रहते थे। बच्चे स्कूल नहीं जाते थे और बड़े-बूढ़ों के पास बहुत जमीन होने के बाद भी वे खेतों में काम नहीं करते थे।
छोटी-छोटी बातों में पुरुष किसी से भी झगड़ जाते थे और अपने वर्चस्‍व को इलाके में फैलाने में लगे रहते थे। मगर, सिंह के प्रयासों से अब इस गांव की तस्‍वीर बदल गई है। सरस्‍वती विद्या मंदिर में 10वीं में पढ़ने वाला जफर अंसारी बताता है कि सिंह हमारे लिए भगवान की तरह हैं। वह मेरे सभी खर्चे उठाते हैं। मैं आईआईटी में दाखिला पाकर गांव का पहला इंजीनियर बनना चाहता हूं।
08 Jan 2016 नईदुनिया के अनुसार << सूर्य की किरण >>

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