Monday, 23 November 2015

दिल के समस्त रोगो के लिए विशेष उपचार।
आवश्यकता अनुसार सूखे आंवलों को कूट पीसकर बारीक़ चूर्ण बना ले और उससे बराबर वजन पीसी हुई मिश्री मिलाकर किसी कांच के मर्तबान में रख ले। नित्य सवेरे खाली पेट छ: ग्राम ( दो चम्मच ) चूर्ण को पानी के साथ फांक लेने से कुछ ही दिनों में ह्रदय के समस्त रोग दूर हो जाते है। विशेषकर ह्रदय की धड़कन, ह्रदय की कमजोरी और चेतना-शून्यता आदि लाभकारी एवं चमत्कारी और खूब अनुभूत प्रयोग है।
1. आंवला दिल की तेज धड़कन, अनियमित हृदयगति, दिल का फ़ैल जाना, दिल के ठीककार्य न करने से उत्पन्न उच्च रक्तचाप में हानिरहित औषिधि और खाद्य पदार्थ है। यह ह्रदय को शक्तिशाली बनाता है।
2. चैत्र या अशिवन मास में २९ दिन से एक मांस तक लेना अधिक अच्छा रहता है।
3. आंवला का निरंतर सेवन रक्तवाहिनियों को मुलायम और लचकीला बनाता है तथा रक्तवाहिनियों की दीवारो के कठोर तथा मोटा हो जाने का दोष दूर करता है। इसी कारण रोगी का हाई ब्लड प्रेशर दूर हो जाता है और रक्तवाहिनियों में रक्त का दौरा भली प्रकार होने लग जाता है। रक्तवाहिनियों में लचक बनी रहने के कारण मनुष्य का हृदय फेल नही होने पाता है और न ही उच्च रक्तचाप रोग होता है और ना ही रक्तवाहिनियों में रक्त का थक्का जम जाने के कारण मस्तिष्क की रक्तवाहिनी फटने पाती है।

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