Monday, 23 November 2015

"हो जाये अगर शाहे खुरासां का इशारा ...., सिजदा नकरूं हिन्दोस्तां की नापाक जमीं पर...

क्या आप जानते हैं कि."पाकिस्तान"शब्द का जनक सियालकोट का रहनेवाला 'मुहम्मद इकबाल' था जो कि.जन्म से एक कश्मीरी ब्राह्मण था . परन्तुबाद में मुसलमान बन गया था .! ये वही मुहम्मद इकबाल है जिसने प्रसिद्ध गीत "सारे जहाँ से अच्छा हिदोस्तान हमारा" लिखा है !
 इसी इकबाल ने अपने गीत में एक जगह लिखा है कि.""मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना" परन्तु .इसी इकबाल ने अपनी एक किताब " कुल्लियाते इकबाल "में अपने बारे में लिखा है
."मिरा बिनिगर कि दरहिन्दोस्तां दीगर नमी बीनी 
,बिरहमनजादए रम्ज आशनाए रूम औ तबरेज अस्त
 "अर्थात मुझे देखो.मेरे जैसा हिंदुस्तान में दूसरा कोई नहीं होगाक्योंकि, मैं एक ब्राह्मणकी औलाद हूँ.लेकिन,मौलाना रूम और मौलाना तबरेज से प्रभावित होकर मुसलमान बन गया!  कालांतर में यही इकबाल मुस्लिम लीग का अध्यक्ष बन गया.और हैरत कि बात है कि.जो इकबाल "सारे जहाँ से अच्छा हिदोस्तान हमारा" लिखा .और,""मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना". जैसे बोल बोले थे. उसी इकबाल ने मुस्लिम लीग खिलाफत मूवमेंट के समय  1930 के इलाहाबाद में मुस्लिमलीग के सम्मलेन में कहा था 
 "हो जाये अगर शाहे खुरासां का इशारा ,
सिजदा नकरूं हिन्दोस्तां की नापाक जमीं पर
 "यानियदि तुर्की का खलीफा अब्दुल हमीद ( जिसको अँगरेजों ने 1920 में गद्दी से उतार दिया था ) इशारा करदे तो, मैं इस "नापाक हिंदुस्तान" पर नमाज भी नहीं पढूंगा...!
 बाद में. इसी "नापाक" शब्द का विपरीत शब्द लेकर"पाक " से "पाकिस्तान "बनाया गया  जिसका शाब्दिक अर्थहै.( मुस्लिमों के लिए ) पवित्र देश !कहने का तात्पर्य ये है कि हिन्दू बहुल क्षेत्र होने के कारण मुस्लिमों को हिंदुस्तान ""नापाक""लगता था इसीलिए.मुस्लिमों ने अपने लिए तथाकथित पवित्र देश ."पाकिस्तान"बनवा लिया...!
 समझने की बात यह है कि जब एक कश्मीरी ब्राह्मण के .धर्मपरिवर्तन करने के बाद. अपने देश और अपनी मातृभूमि के बारे में सोच.इतनी जहरीली हो सकती हैतो, आज .हिन्दुओं की अज्ञानता और उदासीनता का लाभ उठा कर जाकिर नाईक जैसे. समाज के दुश्मनों द्वारा हजारो -लाखो हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा है.....उसका परिणाम कितना भयानक हो सकता है...?
 ऐसे में मुझे एक मौलाना की वो प्रसिद्ध उक्ति याद आरही है. जिसमे उसने कहा था कि. देखिये हमारे तो इतने इस्लामी देश हैं .इसीलिए , अगर हमारे लिए जमीन तंग हो जाएगी तो ,हम किसी भी देश में जाकर कहेंगे " अस्सलामु अलैकुम " और वह कहेगा " वालेकुम अस्सलाम "  साथ ही..हमें भाई समझ कर अपना लेगा लेकिन मैं हिन्दुओं से एक मासूम सा सवाल पूछना चाहता हूँ कि उनके राम-राम का जवाब देने वाला कौन सा देश है.
 इसलिए, जो यह लेख पढ़ रहे हैं ,उन सभी हिन्दू भाइयों-बहनों से निवेदन है कि जाकिर नाईक जैसे क्षद्मजिहादी और इस्लाम का पर्दाफाश करने में हर प्रकार का सहयोग करें 
 याद रखें कि.अगर धर्म नहीं रहेगा तो देश भी नहीं रहेगा ! क्योंकि देश और धर्म का अटूट सम्बन्ध है जिस तरह धर्म के लिए देश की जरुरत होती है  ठीक उसी तरह देश की एकता के लिए भी धर्म की जरूरत होती है .! इसीलिए,अगर हमारे हिन्दुस्थान को बचाना है तो जाति और क्षेत्रवाद का भेद भूलकर कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी.और कच्छ से लेकर असम तक के सारे हिन्दुओं को एक होना ही होगा...!

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