Wednesday 18 November 2015

Amir Mohammad Ali with Anjali Kundra and 46 others.
जमायत उलेमा ऐ हिन्द आज जो नाटक कर रहा है ISISका विरोध करके ये व्ही जमात है जो भारत के 100%आतंकियों के कोर्ट्से केस लड़ता है

जमीयत उलेमा-ए-हिंद की कानूनी सहायता समिति की बात करें, तो उन्होंने अब तक आतंकवाद से संबंधित 56 मुकदमों में 410 मुस्लिम युवकों को कानूनी मदद दी है. अब तक इनमें से 56 आरोपित बरी हो चुके हैं और 22 जमानत पर रिहा हैं. जमीयत जिन मामलों में कानूनी सहायता मुहैया करवा रही है, उनमें गांधीनगर के अक्षरधाम मंदिर परहमला (2002), कोलकाता में अमेरिकन सेंटर पर हुआ हमला (2002), गुजरात के तत्कालीन गृहमंत्री हरेन पंड्या की हत्या का मामला (2003), मुलुंड ट्रेन धमाके (2003), गेटवे ऑफ इंडिया पर हुआ बम धमाका (2003), मालेगांव बम धमाके (2006), औरंगाबाद असलहा जब्ती मामला (औरंगाबाद आर्म्स हॉल केस, 2006), मुंबई ट्रेन धमाके (2006), 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमले आदि शामिल हैं. इसके अलावा जमीयत उन युवकों को भी कानूनी मदद देता है जिन पर आरोप हैं कि उनके संबंध इंडियन मुजाहिदीन से हैं.

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