Saturday, 14 November 2015

चयनप्राश बनाने की विधि ==================

Subhas Parashar से हैप्पी क्लब

च्यवनप्राश सबसे अधिक बिकने वाला आयुर्वेदिक उत्पाद है, और सबसे अधिक गुणकारी भी. हम इसे घर पर ही बनाते हैं. प्रस्तुत है घर पर च्यवनप्राश बनाने का तरीका
Chyawanprash Ingredients - आवश्यक सामग्री
च्यवनप्राश (Chawanprash) में मुख्य सामग्री आवंला सहित लगभग 40 प्रकार की सामग्री प्रयोग की जाती है. ये अधिकतर इस तरह की दवायें बेचने वाले पंसारी के पास आराम से मिल जातीं है. च्यवनप्राश (Chywanprash) को उबालते समय मिलाने वाली जड़ी बूटियों में यदि कुछ न भी मिले तो जो उपलब्ध हैं आप उन्हीं से च्यवनप्राश (Chyawanprash) बना सकते हैं. च्यवनप्राश में प्रयोग होने वाली सामग्री में केशर सबसे महंगी है बाकी सभी सामग्री अधिक महंगी नहीं है. इनमें निम्न पांच तरह की सामग्री प्रयोग होती है,
Chyawanprash Ingredients | प्रधान सामग्री
आवंला - 5 किलो
Chyawanprash Ingredients
Chyawanprash Ingredients | संसाधन सामग्री
बिदरीकन्द, सफेद चन्दन, वसाका, अकरकरा, शतावरी, ब्राह्मी , बिल्व, छोटी हर्र (हरीतकी), कमल केशर, जटामानसी , गोखरू, बेल , कचूर, नागरमोथा, लोंग, पुश्करमूल, काकडसिंघी, दशमूल, जीवन्ती, पुनर्नवा, अंजीर , असगंध (अश्वगंधा), गिलोय, तुलसी के पत्ते, मीठा नीम, संठ, मुनक्का, मुलेठी, (50 ग्राम) प्रत्येक
Chyawanprash Ingredients यमक सामग्री
घी 250 ग्राम, तिल का तेल - 250 ग्राम
Chyawanprash Ingredients | संवाहक सामग्री
चीनी - तीन किलो
Chyawanprash Ingredients प्रेक्षप सामग्री
पिप्पली - 100 ग्राम, बंशलोचन - 150 ग्राम, दालचीनी - 50 ग्राम, तेजपत्र - 20 ग्राम, नागकेशर - 20 ग्राम, छोटी इलायची - 20 ग्राम, केसर - 2 ग्राम, शहद - 250 ग्राम
विधि - How to make Chyawanprash
आवले को धो लीजिये. धुले आंवले को कपड़े की पोटली में बांध लीजिये.
How to make Chyawanprash at home
किसी बड़े स्टील के भगोने में 12 लीटर पानी भरिये. संसाधन सामग्री की जड़ी बूटियां डालिये और बंधे हुये आंवले की पोटली डाल दीजिये. भगोने को तेज आग पर रखिये, उबाल आने के बाद आग धीमी कर दीजिये, आंवले और जड़ी बूटियों को धीमी आग पर एक से डेड़ घंटे तक उबलने दीजिये, जब आंवले बिलकुल नरम हो जायें तब आग बन्द कर दीजिये. आंवले और जड़ी बूटियों को उसी तरह भगोने में उसी पानी में रातभर या 10 -12 घंटे ढककर पड़े रहने दीजिये.
हमारे घर में बड़ा बर्तन उपलब्ध नहीं था इसलिये हमने आंवले को दो भागों में बांटकर उबाला. आप उपलब्धता के अनुसार इसे एक, दो या तीन भागों में बांटकर उबाल सकते हैं.
अब आंवले की पोटली निकाल कर जड़ी बूटियों से अलग कीजिये, आप देखेंगे कि आंवले सांवले हो गये हैं, आंवलों ने जड़ी बूटियों का रस अपने अन्दर तक सोख लिया है. सारे आंवले से गुठली निकाल कर अलग कर लीजिये.
जड़ी बूटियां का वेस्ट छलनी से छान कर अलग कर दीजिये. जड़ी बूटियों का पानी अपने पास छान कर सभाल कर रख लीजिये यह च्यवनप्राश बनाने के काम आयेगा.
जड़ी बूटियों के साथ उबाले हुये आंवलों को, जड़ी बूटियों से निकला थोड़ा थोड़ा पानी मिलाकर मिक्सर से एकदम बारीक पीस लीजिये और बड़ी छ्लनी में डालकर, चमचे से दबा दबा कर छान लीजिये. सारे आंवले इसी तरह पीस कर छान लीजिये. आंवले के सारे रेशे छलनी के ऊपर रह जायेंगे जो वेस्ट है फैंक देंगे. (पहले समय में आंवलों को कपड़े पर घिसकर कपड़छन करके छाना जाता था ताकि आंवले से रेशे दूर हो सके. लेकिन इसमें समय और श्रम अधिक लगता था.) यदि जड़ी बूटी से छाना हुआ पानी बचा हुआ है तो इसे भी इसी पल्प में मिला सकते हैं. जड़ी बूटियों के रस और आवंले के पल्प के मिश्रण को हम च्यवनप्राश बनाने के काम लेंगे.
लोहे की कढ़ाई जिसमें पल्प आसानी से भूना जा सके, आग पर गरम करने के लिये रखिये.
कढ़ाई में तिल का तेल डाल कर गरम कीजिये, गरम तेल में घी डाल कर घी पिघलने तक गरम कीजिये. जब तिल का तेल अच्छी तरह गरम हो जाय तब आंवले का छाना हुआ पल्प डालिये और चमचे से चलाते हुये पकाइये. मिश्रण में उबाल आने के बाद चीनी डालिये और लगातार चमचे से चलाते हुये मिश्रण को एकदम गाड़ा होने तक पका लीजिये. आप लोहे की कढाई की उपलब्धतानुसार इसे 1 या दो बार में पका सकते हैं. हमने भी ये च्यवनप्राश 2 बार में ही पकाया है. इसे पकाने के लिये स्टील का बर्तन न लें.
जब मिश्रण एकदम गाड़ा हो जाय तो गैस से उतार इस मिश्रण को 5-6 घंटे तक लोहे की कढ़ाई में ही ढककर रहने दीजिये. पांच या 6 घंटे बाद इस मिश्रण को आप स्टील के बर्तन में निकाल कर रख सकते हैं.
प्रेक्षप द्रव्य में दी गई लिस्ट में से छोटी इलायची को छील लीजिये. इसके बाद छिली हुई छोटी इलायची के दानो में पिप्पली, बंशलोचन, दालचीनी, तेजपात, नागकेशर को मिक्सी में एकदम बारीक पीस लीजिये. पीसते समय या पीसने के बाद मिक्सी के ढक्कन को थोड़ी देर बाद खोलें ताकि पिप्पली और बंसलोचन की भस आपको न लगे
अब इस पिसी सामग्री को शहद और केसर में मिलाकर आंवले के मिश्रण में अच्छी तरह से मिला दीजिये. आपका च्यवनप्राश (Homemade Chyawanprash) तैयार है.
इस च्यवनप्राश (chywanaprash) को एअर टाइट कांच या प्लास्टिक कन्टेनर में भर कर रख लीजिये और साल भर प्रयोग कीजिये.

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