टीपू सुल्तान ने दक्षिण भारत में 8000 मंदिरों को नष्ट किया था
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40,000 लोगों को कैदी बनाकर उन्हें इस्लाम कुबूल करवाया था
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बंधकों को जबरन खतना करवाया था और मांस खिलाया था ..
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अगर उन लोगो में आप भी होते, आपका जबरब खतना करवाया जाए, जबरन मांस खिलाया जाए, कैद रखा जाए .. तो आप की पीढीयां टीपु सुल्तान को महान कह सकती है ??
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---------Hardik Savani
ऐतिहासिक पुस्तकों के कूर्ग लेखक सी.पी. बेलिअप्पा कहते हैं कि वह (टीपू सुल्तान) एक विश्वासघाती तानाशाह था। सी.पी. बेलिअप्पा महारानी विक्टोरिया द्वारा अपनाई गई कूर्ग राजकुमारी की कहानी पर आधारित विक्टोरिया गौरम्मा जैसी लोकप्रिय किताब लिख चुके हैं। बेलिअप्पा ने कहा है कि कूर्ग जिला टीपू सुल्तान के अत्याचार से सीधे प्रताडि़त था। हैलरी राजवंश के शासनकाल में टीपू सुल्तान ने कई मंदिरों का विनाश किया। काफिरों की हत्या कराई। इतना ही नहीं, बड़े पैमाने पर लोगों का धर्म परिवर्तन भी कराया गया था। बेलिअप्पा के अनुसार, भारी तबाही के बाद जब कूर्ग में युद्ध की स्थिति पैदा हुई तो टीपू सुल्तान ने कूर्ग के लोगों को शांति पर चर्चा के लिए कावेरी नदी के समीप बागामंडला नामक जगह पर बुलाया। कूर्ग के लोगों को फंसाने के लिए यह टीपू सुल्तान की तरफ से बिछाया गया एक जाल था। जब कूर्ग के लोग वहां पहुंचे तो घात लगाकर पहले से बैठे सुल्तान के लोगों ने कूर्गवासियों पर हमला बोल दिया। उन्हें बंधक बनाकर श्रीरंगपट्टनम लाया गया। वहां, बंधकों को खतना कराने और मांस खाने के लिए मजबूर किया गया।
कुरनूल के नवाब को लिखे पत्र में टीपू सुल्तान ने दावा किया था कि उन्होंने कूर्ग के 40,000 लोगों को कैदी बनाकर उन्हें इस्लाम कुबूल करवा कर अहमदी कोर में शामिल किया। टीपू सुल्तान द्वारा इस्लाम में परिवर्तित किए गए कुछ कूर्ग परिवार के वंशज आज भी अपने मूल कूर्ग परिवार के नाम को बनाए रखे हैं। टीपू ने जब कूर्ग में मंदिरों को नष्ट करना शुरू किया था, तब मरकारा स्थित ओमकारेश्वर मंदिर की रक्षा करने के लिए उस शहर के निवासियों ने मंदिर के शिखरों को गुंबदों में बदल दिया था। आज भी वहां गुंबद वाले मंदिर सदियों से बरकरार हैं। मैसूर गजट के अनुसार, तब राज्य में केवल दो मंदिरों में दैनिक पूजा होती थी। गजट में लिखा है कि टीपू ने दक्षिण भारत में लगभग आठ हजार मंदिरों को नष्ट कर दिया था
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