Monday, 16 November 2015


पाकिस्तान भारत से बीजेपी को खत्म करने के लिए कांग्रेस की मदद करे --मणिशंकर अय्यर करांची में
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पेरिस हमले पर तस्लीमा बोलीं ‘बच्चो को मदरसे, मस्जिद जाने और इस्लामिक साइट्स पर लगे रोक’
नई दिल्ली । बांग्लादेश की लेखिका तसलीमा नसरीन ने कहा कि इस्लाम के नाम पर बच्चों का ब्रेन वॉश बंद होना चाहिए ।
उन्होने पेरिस अटैक पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, ‘7वीं सदी का इस्लाम 21वीं सदी में देखने को मिल रहा है.’ तस्लीमा ने लिखा कि बच्चो को कुरान भी नहीं पढ़ने देना चाहिए । बच्चों को मदरसा और मस्जिद में भी नहीं भेजना चाहिए तथा इंटरनेट पर इस्लामी साइट्‍स पर रोक लगना चाहिए ।
अरून शुक्ला
कभी यूरोप में हमले करना.... कभी भारत में हिन्दुओं के साथ जरा सी बात पर सम्प्रदायिक दंगा करना.......कभी पेरिस....कभी मुंबई....कभी बाली....कभी चेचन्या...कभी बर्मा.......कभीनाइजीरिया, इराक में ईसाइयों के बीसियो चर्च तबाह कर देना....कभी बर्मा के बौद्धो से खूनखराबा करना.....कभी इजराइल के यहूदियों से लडना......
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भारत में हिन्दुओं के साथ रहो तो वहां हिन्दुओं का जीना हराम कर दो...
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यूरोप में ईसाइयों के साथ रहो तो वहां ईसाइयों का जीना हराम कर दो..
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अरब में इजराइल के यहुदियो के साथ रहो तो यहुदियो का जीना हराम कर दो..
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रुस ,चीन में कम्युनिस्टो के साथ रहो तो वहां चेचन्या, जिनजियान्ग में उनका जीना हराम कर दो...
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बर्मा ,श्रीलंका में बौद्धो के साथ रहो तो वहां बौद्धो का जीना हराम कर दो..
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और जहां सिवाय खुद की कौम के और कोई न हो वहाँ एक दुसरे शिया, अहमदियो का ही जीना हराम कर दो...
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वाह रे मेरे शान्तिप्रिय मजहब वालो.. कभी पेरिस....कभी मुंबई....कभी बाली....कभी चेचन्या...कभी बर्मा.......
कई दशकों से इस्लाम परस्तो का ये खूनी खेल जारी हैं, दुनिया में हजारों इस्लामिक आतन्कवादी हमले हो चुके हैं और होते रहेंगे..
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लेकिन हर हमले के बाद की तरह , इस हमले में भी मुसलमानों द्वारा अपना वही घिसा पिटा कैसेट बजाया जा रहा है... जैसे.....
" ये इस्लाम नहीं हैं"....."इस्लाम ये नहीं सिखाता"....."इस्लाम इसकी इजाजत नहीं देता"......" जरूर इस हमले के पीछे अमेरिकी, यहूदी साजिश हैं (भारत में हमला हो तो RSS की साजिश होगी)"..... "ये लोग सच्चे मुसलमान नहीं है"......"इन्होंने इस्लाम को ठीक से नहीं पढ़ा"......"इन्होंने कुरान को ठीक से नहीं समझा"..... ये इस्लाम को बदनाम कर रहे है"......."हमारे नबी सल्लालूइलाहीवसैल्लम ने तो फलानी बात कही थी"...........
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और सबसे मजे की बात इतना सब कुछ करने के बाद भी सेकुलरो और शांतिदूतो का यह कहना की आतंकवादियों का कोई मजहब नही होता....
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और इस तरह बात खत्म..
(नोट- शान्तिदूतो के अगले कांड पर यही कैसेट चलाया जाएगा)
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धन्य हैं ये शान्तिप्रिय मजहब और धन्य हैं ये सेकुलर कौम

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