क्यों जिहादी बन जाते हैं ....,
विश्व के सभी धर्म आत्मा को अमर मानते हैं , और यह भी मानते हैं कि जीवन भर मनुष्य जो भी भले बुरे कर्म करता है ,मृत्यु के बाद उसकी आत्मा को उन कर्मों के फल भोगना पड़ते है , , हिन्दू जिसे स्वर्ग कहते हैं उसे ईसाई पैरा डाइस , ईरानी फ़िरदौस और इसलाम में जन्नत कहा गया है ,
कुरान और हदीसों में मुसलमानों को जन्नत में मिलने वाली अय्याशी पूर्ण सुविधाओं का ऐसा अतिरंजित वर्णन दिया गया है ,जिसके प्रलोभन में आकर शुभ कर्म करने की जगह जिहादी बन जाते हैं , क्योंकि हदीसों में जिहादियों के लिए जन्नत में विशेष और अतिरिक्त सुविधाओं का प्रावधान है , इसी जन्नत के लालच में आज जिहादी आतंकवादी रोज सैकड़ों निर्दोष लोगों की हत्याएं कर रहे आत्मघाती बम बन कर कई खुद भी मर रहे हैं ,
विश्व के सभी धर्म आत्मा को अमर मानते हैं , और यह भी मानते हैं कि जीवन भर मनुष्य जो भी भले बुरे कर्म करता है ,मृत्यु के बाद उसकी आत्मा को उन कर्मों के फल भोगना पड़ते है , , हिन्दू जिसे स्वर्ग कहते हैं उसे ईसाई पैरा डाइस , ईरानी फ़िरदौस और इसलाम में जन्नत कहा गया है ,
कुरान और हदीसों में मुसलमानों को जन्नत में मिलने वाली अय्याशी पूर्ण सुविधाओं का ऐसा अतिरंजित वर्णन दिया गया है ,जिसके प्रलोभन में आकर शुभ कर्म करने की जगह जिहादी बन जाते हैं , क्योंकि हदीसों में जिहादियों के लिए जन्नत में विशेष और अतिरिक्त सुविधाओं का प्रावधान है , इसी जन्नत के लालच में आज जिहादी आतंकवादी रोज सैकड़ों निर्दोष लोगों की हत्याएं कर रहे आत्मघाती बम बन कर कई खुद भी मर रहे हैं ,
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