Sunday, 15 November 2015


गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित बाबा आम्टे का नाम आपने सुना होगा, अब वह इस दुनिया में नहीं...लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि उनका पुत्र चिकित्सक है और घनघोर जंगलों में शेर, बाघ और तेंदुओं के बीच निर्भय होकर जंगलों में ही रहता है। जब भी किसी पशु को कोई बीमारी होती है तो पशु स्वयं उसके पास चिकित्सा के लिए आ जाते हैं, बीबीसी वाले उस पर फिल्म भी बना चुके हैं। यह चित्र गाय का तेंदुआ के साथ असली चित्र उसी के जंगल में स्थित आश्रम का है, जहां हिंसक पशु और गाय एक ही तालाब में जल पीते देखे जा सकते हैं और क्रीडा करते हैं,.... विश्व माता गौ से लिपटा उसका लाडला एक तेंदुआ... एवं अन्य चित्र --सबसे खास बात....आश्रम में वेद मत्रों की ध्वनि पशु सुनकर आनंदित हो जाते हैं....पशुओं के लिए वेद मंत्र सुनाने की यहां सुव्यवस्था है....अब वेद मंत्र सुनकर पशु अहिंसक हो रहे हैं....और मानव वेद मंत्र त्यागकर हिंसक....-.प्रस्तुति: मधु धामा
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Prkash Amte. Son of Baba Amte .varora distc chandrapur Maharashtra near Nagpur 80 kiometer.

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