Tuesday, 17 November 2015

Sanjay Dwivedy से 
ईसाई धर्म प्रचारक भगवा पहन के प्रचार कर रहे हैं,
क्रॉस पर हनुमान जी लटक रहे हैं और ईसा, राम बने खड़े हैं.......
वे भी सनातन धर्म परम्पराओं में ईसा को जबरन फिट कर रहे हैं........
मुस्लिम लेखकों की किताबों और लेखों को गहराई से पढ़िए तो आपको यह कल्पना सच लगने लगेगी...... वे आपकी जड़ें खोदने का ही तो काम कर रहे हैं.......
इस्लामिक विचारकों का कहना है कि इस्लाम महज 1400 साल पुराना नहीं बल्कि दुनिया का पहला धर्म है इसलिए आप पर भारी पड़ने की गरज से आपको कई लेखक यह अफवाह फैलाते मिल जाएंगे कि इस्लाम, सनातन से भी पुराना धर्म है, पैगम्बर मुहम्मद तो आखिरी नबी है, उनसे पहले 1 लाख 24 हज़ार नबी आये थे, आपके राम, कृष्ण भी तो उन्ही में से एक थे.........
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वेद अल्लाह की भेजी किताब ही तो थीं, पुराणों को सैय्यद मुसलामानों ने लिखा था.....
मुहम्मद साहब का जिक्र वेदों में है.......
भविष्य पुराण में पैगम्बर के आने की भविष्यवाणी हुयी है,
कल्कि अवतार और कोई नहीं पैगम्बर मुहम्मद ही हैं,
जाकिर नायक समेत कई मुस्लिम विद्वानों ने "मुहम्मद सल्ल और कल्कि अवतार" नाम से कई किताबें तक लिख दीं हैं........
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कई इस्लामिक लेखक प्रचारित करते रहते हैं कि वेदों में अल्लाह की इबादत की बात लिखी है, वैदिक काल में गाय का मांस खाना पुण्य कार्य था,
कई लेखक लिखते रहते हैं कि दीवाली राम के अयोध्या लौटने के उपलक्ष में नहीं बल्कि पैगम्बर मुहम्मद के हिन्दुस्थान आने पर मनाई गयी थी.......
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कुछ कहते हैं कि आपके सनातन का अरबी में मायने इस्लाम ही तो होता है.......
स्वस्तिक अल्लाह का चिन्ह है......
क़ुरान और गीता का एक ही अर्थ है........
वेद, पुराण, गीता ये पहले की किताबें थी जिनकी उपयोगिता खत्म हो गयी तो अल्लाह ने कुरान भेजी.......इसके बाद कोई किताब नहीं आएगी, कोई पैगम्बर या ऋषि नहीं आएगा......
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जो लोग ये विचार कर रहे हैं कि ऐसा दुष्प्रचार करने से कुछ नहीं होना जाना तो वे भूल रहे हैं कि यह दुष्प्रचार ऐसा विष है जो पानी के साथ मिला कर हिंदुत्वा की जड़ों में छोड़ा जा रहा है जिसका परिणाम आज कल या परसों में नहीं बल्कि बरसों में देखने को मिलेगा....

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