गैर मुस्लिम देशोँ मे मुसलमान लोग कुछ विशेष षड्यंत्रकारी गतिबिधियाँ और
इस्लामीकरण की रणनीतियाँ के तहत कार्य करते हैँ।
इस्लामीकरण की रणनीतियाँ के तहत कार्य करते हैँ।
विश्वविख्यात विद्वान अली सीना के मुताबिक गैर मुस्लिम देशो मे मुस्लिम
लोग कुछ विशेष रणनीतियां बनाकर रहते है :-
लोग कुछ विशेष रणनीतियां बनाकर रहते है :-
1) जिस देश मे यह रहते है उस देश के लिये ये जो थोडा बहुत कुछ करते है तो
उसका सारी जिंदगी बखान करते है और बदले मे लगातार उसकी भारी कीमत वसूल कर
उस देश को खोखला कर देते है!
उसका सारी जिंदगी बखान करते है और बदले मे लगातार उसकी भारी कीमत वसूल कर
उस देश को खोखला कर देते है!
2) ये मौका मिलने पर अपने हालात के लिए देश की व्यवस्था को कोसते रहते है ,
जबकि खुद इनके मुल्को का रिसर्च मे, विज्ञान मे टैक्नोलोजी मे, मेडिकल
मे, अंतरिक्ष अभियान मे ,जीडीपी मे, सैन्य क्षमता और दूसरे मामलो मे
रिकार्ड बेहद शर्मनाक है !
जबकि खुद इनके मुल्को का रिसर्च मे, विज्ञान मे टैक्नोलोजी मे, मेडिकल
मे, अंतरिक्ष अभियान मे ,जीडीपी मे, सैन्य क्षमता और दूसरे मामलो मे
रिकार्ड बेहद शर्मनाक है !
3) इनके पास हमेशा टकराव के लिए खास मुद्दे रहते है जैसे भारत मे अयोध्या
मुद्दा, तो लंदन मे मिलेनियम डोम के पास मस्जिद विवाद या अमेरिका मे
ग्रांउड जीरो पे मस्जिद की मांग या इजराइल के साथ विवाद !
मुद्दा, तो लंदन मे मिलेनियम डोम के पास मस्जिद विवाद या अमेरिका मे
ग्रांउड जीरो पे मस्जिद की मांग या इजराइल के साथ विवाद !
4) जहा इनका 'पर्दाफाश' होता है वहा ये धमकी भी देते है कि हिंदू मुस्लिम
फसाद हो जायेगा और बाहर वालो को ईसाई- मुस्लिम ,बौद्ध-मुस्लिम,
यहूदी-मुस्लिम और अपने यहाँ शिया- सुन्नी कादियानी या अहमदिया का दंगा
होने की धमकी !
फसाद हो जायेगा और बाहर वालो को ईसाई- मुस्लिम ,बौद्ध-मुस्लिम,
यहूदी-मुस्लिम और अपने यहाँ शिया- सुन्नी कादियानी या अहमदिया का दंगा
होने की धमकी !
5) गैर मुस्लिम मुल्को मे जहाँ इनकी जनसंख्या कम है वहाँ भी अक्सर
मुसलमानो के दिल का "इस्लामी बारूद"। किसी न किसी बात पर.. किसी न किसी
रूप मे.,थोडा या ज्यादा ही सही पर फटता रहता है !!
मुसलमानो के दिल का "इस्लामी बारूद"। किसी न किसी बात पर.. किसी न किसी
रूप मे.,थोडा या ज्यादा ही सही पर फटता रहता है !!
6) भले ही इनके मजहब की वजह से हमारे देश मे और दुनिया मे हजारो दंगे और
आंतकवाद के मामले हो चुके हो .......लाखो लोग बेवजह मर चुके हो ..बहुत
कुछ हो चुका हो ! और वर्तमान मे भी हर साल सैकडो दंगे फसाद के मामले आते
हो और आगे भी होते रहे .... लेकिन बदले मे मुस्लिम कुतर्क करके उल्टा
सामने वाले पर दोष डाल
देते है ... इस तरह ये हमेशा काफिरो को थकाकर और उलझा कर रखते है !
आंतकवाद के मामले हो चुके हो .......लाखो लोग बेवजह मर चुके हो ..बहुत
कुछ हो चुका हो ! और वर्तमान मे भी हर साल सैकडो दंगे फसाद के मामले आते
हो और आगे भी होते रहे .... लेकिन बदले मे मुस्लिम कुतर्क करके उल्टा
सामने वाले पर दोष डाल
देते है ... इस तरह ये हमेशा काफिरो को थकाकर और उलझा कर रखते है !
7) सच सामने आने पर मुस्लिमो के पास बहस के लिए हमेशा कुतर्क और घिसपिटे
जवाब तैयार रहते है ,जैसे:-
जवाब तैयार रहते है ,जैसे:-
-ये सिर्फ "कुछ" भटके हुये लोगो का काम है !
- इस्लाम इस की इजाजत नही देता इसलिए हमे इस्लाम को ठीक से समझना चाहिए !
-बुरे लोग तो हर मजहब मे होते है !
-मुस्लिमो मे सुधार की जरूरत है ...सब लोग
ऐसे नही होते...अच्छे मुस्लिम भी होते है !
- पालिटिशयन और मीडिया मुसलमानो को बदनाम करना चाहते है ! ऐसे ही बहुत
सारी घिसीपिटी दलीले लाखो बार देकर मुस्लिम दूसरो को अक्सर गुमराह करते
रहते है !
- इस्लाम इस की इजाजत नही देता इसलिए हमे इस्लाम को ठीक से समझना चाहिए !
-बुरे लोग तो हर मजहब मे होते है !
-मुस्लिमो मे सुधार की जरूरत है ...सब लोग
ऐसे नही होते...अच्छे मुस्लिम भी होते है !
- पालिटिशयन और मीडिया मुसलमानो को बदनाम करना चाहते है ! ऐसे ही बहुत
सारी घिसीपिटी दलीले लाखो बार देकर मुस्लिम दूसरो को अक्सर गुमराह करते
रहते है !
8 ) मुस्लिम अपनी पत्रिकाओ और अपने अखबारो मे खुद को "मजलूम"और दूसरो को
"जालिम" दिखाते देते रहते है! और मौके पर हजारो की संख्या मे इस्लाम और
शरिया कानून के लिए मोर्चा और रैलिया वगैरह निकालते रहते है !
"जालिम" दिखाते देते रहते है! और मौके पर हजारो की संख्या मे इस्लाम और
शरिया कानून के लिए मोर्चा और रैलिया वगैरह निकालते रहते है !
9) मुसलमानो द्वारा समय समय पर भाईचारा, सदभाव और लुभावनी मीठी बाते करके
हिंदुओ और गैरमुस्लिमो को "नींद की गोली" दी जाती है ... ताकि हिंदुओ और
गैर मुस्लिमो का ध्यान मुसलमानो की पौपुलेशन जो जिला, शहरो के लेवल से
लगातार बढती जा रही है ,उससे वो बेखबर रहे और किसी का उस पर ध्यान न जाने
पाए ..
हिंदुओ और गैरमुस्लिमो को "नींद की गोली" दी जाती है ... ताकि हिंदुओ और
गैर मुस्लिमो का ध्यान मुसलमानो की पौपुलेशन जो जिला, शहरो के लेवल से
लगातार बढती जा रही है ,उससे वो बेखबर रहे और किसी का उस पर ध्यान न जाने
पाए ..
10) ये इस्लाम के सिद्धातो की चमकदार मार्केटिंग करने लिए जी जान से जुटे
रहते है !
और अपने इस्लाम को चमकाने के लिए दूसरे मजहबो मे लगातार कमियां निकालते रहते है!
रहते है !
और अपने इस्लाम को चमकाने के लिए दूसरे मजहबो मे लगातार कमियां निकालते रहते है!
11) लेकिन हद तो यहा है कि जिन किताबो को ये नही मानते उन्ही किताबो मे
ये अपने मोहम्मद जी को अवतार दिखाते है और इस्लाम को जबरदस्ती विज्ञान से
जोड़ते है ! मतलब किसी भी तरह से हर हाल मे इस्लाम और मौहम्मद जी की
मार्केटिंग करते रहते है !
ये अपने मोहम्मद जी को अवतार दिखाते है और इस्लाम को जबरदस्ती विज्ञान से
जोड़ते है ! मतलब किसी भी तरह से हर हाल मे इस्लाम और मौहम्मद जी की
मार्केटिंग करते रहते है !
12) ये अक्सर बोलते रहते है इस्लाम तेजी से फैल रहा है लेकिन जैसे ही सच्चाई सामने
लायी जाये तो ये चिल्ला भी पडते है कि इस्लाम खतरे मे है !
लायी जाये तो ये चिल्ला भी पडते है कि इस्लाम खतरे मे है !
13) जहा ये संख्या मे कम होते है वहा खुद को "मजलूम" और "ग़ुलाम" बता कर
प्रोपेगंडा करते है और बाकी मजहब वालो को जालिम ठहरा देते है जैसे :-
१-इजराईल मे ---यहूदियो को जायनिस्ट ठहराना
२-अमेरिका मे--अमेरिकन्स को दहशतगर्द ठहराना
३- यूरोप मे----ईसाईयो को रासिस्ट ठहराना
४-भारत मे---हिन्दुओ को सांप्रदायिक ठहराना
५-बौद्ध देशो---बौद्धो को फासिस्ट ठहराना
प्रोपेगंडा करते है और बाकी मजहब वालो को जालिम ठहरा देते है जैसे :-
१-इजराईल मे ---यहूदियो को जायनिस्ट ठहराना
२-अमेरिका मे--अमेरिकन्स को दहशतगर्द ठहराना
३- यूरोप मे----ईसाईयो को रासिस्ट ठहराना
४-भारत मे---हिन्दुओ को सांप्रदायिक ठहराना
५-बौद्ध देशो---बौद्धो को फासिस्ट ठहराना
जाहिर है ऐसा करके ये अगले पर मानसिक दबाब बनाने का प्रयास करते हैं
,ताकि अगला घबड़ाकर कर चुप हो जाये .....!
,ताकि अगला घबड़ाकर कर चुप हो जाये .....!
14) इस्लामीकरण को जारी रखने के लिए ये "इमोशनल" प्रौपगेंडा भी करते है
जिसके लिए ये अक्सर शेरो शायरी या कुछ बोलबचन या फिल्मे या मुस्लिम मजहब
से ताल्लुक रखने वाले अभिनेता कलाकार, संगीतकार, पत्रकार, खिलाड़ी वगैरह
या पुराने किस्सो का उदाहरण देते रहते है !
जिसके लिए ये अक्सर शेरो शायरी या कुछ बोलबचन या फिल्मे या मुस्लिम मजहब
से ताल्लुक रखने वाले अभिनेता कलाकार, संगीतकार, पत्रकार, खिलाड़ी वगैरह
या पुराने किस्सो का उदाहरण देते रहते है !
15) ये गैर मुस्लिमो पर "मानसिक दबाव" बनाते है इसके लिए ये दूसरे मजहबो
मे "सेकुलर" ढूंढ कर उनकी तारीफो के पुल बाँध देते है:)) ताकि इनका
इस्लामीकरण का एजेंड़ा चलता रहे ....
मे "सेकुलर" ढूंढ कर उनकी तारीफो के पुल बाँध देते है:)) ताकि इनका
इस्लामीकरण का एजेंड़ा चलता रहे ....
16) इस तरह ये कभी हिंसा और अराजकता का डर दिखाकर या भावनाओँ का मानसिक
दबाव बनाकर दूसरो को उलझाये रखते है और धीरे धीरे अपना इस्लामीकरण चालू
रखते है!
दबाव बनाकर दूसरो को उलझाये रखते है और धीरे धीरे अपना इस्लामीकरण चालू
रखते है!
17) और जो राष्ट्रवादी संगठन इनके इस्लामीकरण के अभियान मे आड़े आते है
ये उनके खिलाफ प्रोपगेंडा करते है , जैसे भारत के कुछ राष्ट्रवादी संगठनो
के अलावा बाहर मे English Defence League(EDL), SIOA ,SIOE, Mossad जैसे
बड़े- बडे सैकड़ो राष्ट्रवादी संगठनो को ये मुस्लिम लोग जालिम और
दहशतगर्द ठहरा देते हैँ।
ये उनके खिलाफ प्रोपगेंडा करते है , जैसे भारत के कुछ राष्ट्रवादी संगठनो
के अलावा बाहर मे English Defence League(EDL), SIOA ,SIOE, Mossad जैसे
बड़े- बडे सैकड़ो राष्ट्रवादी संगठनो को ये मुस्लिम लोग जालिम और
दहशतगर्द ठहरा देते हैँ।
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