Sunday, 15 November 2015

 काँग्रेस जैसी शातिर चालें 
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काँग्रेस ने अपने शासन काल में हर स्तर पर जिस प्रकार से स्लीपर सेल बनाए और उन्हें मजबूती प्रदान की उस का कोई सानी नहीं .यह स्लीपर सेल माहौल बनाने और बिगाड़ने में बेहद माहिर है .
कुछ उदाहरणों से इसे समझा जा सकता है .
1.OROP की समस्या काँग्रेस की देन है ठीकरा मोदी सरकार पर फोड़ा जा रहा है , बरसों से खामोश बैठे ' देशभक्त सिपाही ' अधीर हो कर अपने मैडल लौटा रहे हैं .
2.थोड़ी सी भी समझ रखने वाला व्यक्ति इस बात से इंकार नहीं कर सकता कि हमारे देश में मुस्लिम प्रायोजित दंगों का पुराना इतिहास रहा है जिस में हिन्दुओं ने हमेशा करारी शिकस्त खाई है ,ये दंगे कोई नई बात नहीं लेकिन साम्प्रदायिक सद्भाव और सहिष्णुता के वातावरण को बिगाड़ने का ठीकरा मोदी के सर .
3.हिन्दुओं को चिढ़ाने के लिए उन की आस्थाओं पर निरंतर प्रहार किये जा रहे हैं और इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का नाम दिया जा रहा है ,बरसों से आजिज आया हिन्दू समाज अगर अपना पक्ष रख रहा है और हिन्दू आस्थाओं पर चोट करने वालों के विरुद्ध लाम बंद हो रहा है या प्रदर्शन कर रहा है तो इसे मोदी सरकार के आने से बढ़ी असहिष्णुता कह कर विश्व भर में देश की छवि को कलंकित कर मोदी सरकार द्वारा विकास हेतु किये जा रहे प्रयत्नों में बाधा उत्पन्न करने का षडयंत्र किया जा रहा है .
4.काँग्रेसियों का इतिहास बोध मई 2014 से शुरू हो रहा है ,देश में सड़कों ,बिजली ,पेयजल ,संचार और रोजगार की दयनीय हालत होने का अपराध भी नरेंद्र मोदी के सर पर .लगता है मोदी ने सरकार बनाते ही सड़कें खुदवा दी है , बिजलीघर ढहा दिए है , संचार के साधनों को ध्वस्त कर दिया है , बाँध तुड़वा डाले हैं , कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृति देने के साथ सरकारी विभाग और कल कारखाने बंद करवा दिए हैं ,स्कूलों- कालेजों में ताला लगा दिया है
5.किसानों की आत्महत्या मई 2014 से शुरू हुई है ,मोदी सरकार की नीतियाँ कृषि के लिए घातक हो रही है ,पूर्ववर्ती काँग्रेस नीत सरकारों के समय किसान खुशहाल था INC के भाड़ेती और जन्मजात प्रधानमन्त्री की योग्यता रखने वाले आदरणीय राहुल गाँधी बांहें चढ़ा चढ़ा कर इसी अंदाज में बोल रहे हैं .
6.विमत के अनादर की बातें भी बड़ी जोर शोर से उठाई जा रही है .
घोटालेबाज काँग्रेस अगर अपने इतिहास पर दृष्टिपात कर ले तो चुल्लू भर पानी में डूब मरने की स्थिति बनेगी ,रात के डेढ़ बजे नींद में सो रहे स्वामी रामदेव और उन के अनुयाईयों का हत्याकाण्ड करने की साजिश किसी से छुपी नहीं है ,विमत के प्रति इतनी असहिष्णुता का इतना घिनौना उदाहरण और खिन भी देखने में नहीं आता लेकिन पुरुस्कृत पालतुओं द्वारा उन मुद्दों पर मैडल लौटाने की नौटंकियाँ करवाई गई जिन के लिए जिम्मेदार किसी भी सूरत में मोदी सरकार या भाजपा की राज्य सरकारें हों . अन्य दलों की सरकारों की असफलता का ठीकरा मोदी , भाजपा और संघ के सर 

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